Prolapsed uterus : पेनफुल सेक्स और कब्ज के कारण भी गर्भाशय योनि से बाहर निकल सकते हैं

गर्भाशय का बाहर निकलना या प्रोलैप्सड यूटरस के कई कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इनके लक्षणों को पहचानना और इसका ट्रीटमेंट जरूरी है। सबसे पहले जानते हैं क्या है प्रोलैप्सड यूटरस या गर्भाशय का बाहर निकलना।
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मांसपेशियां या कनेक्टिव टिश्यू कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो गर्भाशय योनि से बाहर की ओर निकल सकता है। इसे प्रोलैप्स के नाम से जाना जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 25 Jan 2024, 09:33 am IST
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मेडिकली रिव्यूड

महिलाओं में रिप्रोडक्टिव ऑर्गन संबंधी कई समस्या होती है। कभी-कभी मेनोपॉज़ और अन्य पीरियड संबंधी समस्या हो सकती है। इसका प्रभाव गर्भाशय या यूटरस पर भी पड़ सकता है। यूटरस प्रभावित होने पर महिलाओं की डेली रूटीन प्रभावित हो जाती है। इसके कारण उन्हें सामान्य काम करने में भी दिक्क्त होने लगती है। ऐसी ही एक समस्या है गर्भाशय का बाहर निकलना। इसे प्रोलैप्सड यूटरस कहते हैं। विशेषज्ञ से जानते हैं कि गर्भाशय का बाहर निकलना (Uterus coming out) या प्रोलैप्सड यूटरस (Prolapsed uterus) क्या है? इस समस्या का उपचार और बचाव के साधन उपलब्ध हैं या नहीं।

क्या है गर्भाशय का बाहर निकलना या प्रोलैप्सड यूटरस (Prolapsed uterus or Uterus coming out)

गर्भाशय या यूटरस (Womb) फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का एक अंग है। इसका आकार उल्टे नाशपाती जैसा होता है। यह पेल्विस के अंदर स्थित होता है। गर्भाशय, यूरिनरी ब्लैडर और इंटेस्टाइन को टेलबोन (coccyx) और पेल्विस के भीतर प्यूबिक बॉन के बीच स्थित मांसपेशियों द्वारा सहारा दिया जाता है। इन मांसपेशियों को पेल्विक फ्लोर या लेवेटर मांसपेशियों के रूप में जाना जाता है। लिगामेंट और कनेक्टिव टिश्यू (Ligaments and connective tissue) गर्भाशय और पेल्विक अंगों को अपनी जगह पर सेट रखते हैं। यदि ये मांसपेशियां या कनेक्टिव टिश्यू कमजोर या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो गर्भाशय योनि से बाहर की ओर निकल सकता है। इसे प्रोलैप्स के नाम से जाना जाता है।

क्या है कारण (Prolapsed uterus causes)

गर्भाशय का बाहर निकलना या प्रोलैप्सड यूटरस के सामान्य कारणों में प्रसव, मोटापा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस या अस्थमा जैसी स्थितियों से जुड़ी गंभीर खांसी, कब्ज की समस्या, दुर्लभ मामलों में पेल्विक ट्यूमर भी कारण हो सकता है। और मेनोपॉज के बाद हार्मोनल परिवर्तन शामिल हैं। ये पेल्विक अंग को मदद करने वाली संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पेल्विक फ्लोर और कनेक्टिव टिश्यू का कई तरीकों से कमजोर या क्षतिग्रस्त होना हो सकता है।
गर्भावस्था, विशेष रूप से ट्विन्स या तीन बच्चे एक साथ होना भी हो सकता है। योनि से प्रसव, विशेष रूप से यदि बच्चा बड़ा या जल्दी प्रसव हुआ हो।

क्या हो सकते हैं लक्षण (Prolapsed uterus symptoms)

• योनि में भारीपन और दबाव की अनुभूति
• योनि के भीतर गांठ या उभार होना
• योनि से उभार का बाहर निकलना
• पेनफुल सेक्स

क्या हो सकते हैं उपचार (Prolapsed uterus Treatment)

• पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
• योनि पेसरी (vaginal pessary)
• योनि सर्जरी
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज और योनि सर्जरी अधिक कारगर होते हैं।

1 पेल्विक फ्लोर मसल्स एक्सरसाइज (Pelvic Floor Muscles Exercise)

यूटरस प्रोलैप्स में विशेष रूप से पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के व्यायाम से मदद मिल सकती है। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए उन्हें सही ढंग से करना जरूरी है। इसका अभ्यास लंबे समय तक किया जाना चाहिए। यूटरस प्रोलैप्स होने पर पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से पहले फिजियोथेरेपिस्ट से मदद लेना जरूरी है।

pelvic floor exercise prolapse uterus me kargar hai.
यूटरस प्रोलैप्स में विशेष रूप से पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के व्यायाम से मदद मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

योनि और गुदा की मांसपेशियों से परिचित होना जरूरी (Vaginal and anus muscles)

योनि, मूत्रमार्ग और गुदा की मांसपेशियों से परिचित होने से आपको व्यायाम सही ढंग से करने का बेहतर मौका मिलता है।
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की पहचान के लिए यह कोशिश जरूरी है
• योनि में एक या दो उंगलियां डालें और उन्हें दबाने की कोशिश करें।
• कल्पना करें कि आप यूरीन पास कर रही हैं। बीच में बहाव को रोकने की कोशिश करें। पेशाब करते समय ऐसा न करें।
• गुदा के अंदर की मांसपेशियों को ऐसे दबाएं जैसे कि आप अपने आप को तेज हवा से रोकने की कोशिश कर रही हों।

मांसपेशियों को आराम देने की कोशिश (Muscles relaxation)

आप इन व्यायामों को लेटकर, बैठकर या खड़े होकर कर सकती हैं। हर दिन पांच या छह सत्र करने का लक्ष्य रखें। व्यायाम कैसे करना है इसकी समझ होने के बाद प्रत्येक दिन तीन सत्र पर्याप्त हैं।
•शुरू करने से पहले, अपना ध्यान अपनी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर केंद्रित करें। अपने पेट की मांसपेशियों, हिप्स और पैरों की मांसपेशियों को आराम देने की कोशिश करें। नीचे न झुकें या अपनी सांस न रोकें। यूरिन पाथ, योनि और एनस को ऊपर की ओर खींचें। यदि संभव हो तो तीन सेकंड तक तनाव बनाए रखें। खुद को मुक्त करो। फिर व्यायाम करें।

• जब भी आप खांसें, छींकें, हंसें या कुछ भी उठाएं तो मांसपेशियों को दबाना और उठाना याद रखें।

योनि की सर्जरी (Vaginal Surgery)

गंभीर मामलों में प्रोलैप्स को सर्जरी द्वारा ठीक करना पड़ सकता है। वेजाइनल सर्जरी का मतलब योनि के माध्यम से यूटरस को निकलना होता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में नाभि के माध्यम से मशीन डाले जा सकते हैं। ऑपरेशन पेट में चीरा लगाकर भी किया जा सकता है।
यदि प्रोलैप्स के मूल कारण, जैसे मोटापा, खांसी या तनाव, का समाधान नहीं किया गया तो प्रोलैप्स सर्जरी के बावजूद दोबारा हो सकता है।

vaginal surgery uterus coming out ke liye treatment hai.
गंभीर मामलों में प्रोलैप्स को सर्जरी द्वारा ठीक करना पड़ सकता है।चित्र : अडोबी स्टॉक

गर्भाशय का बाहर निकलना या प्रोलैप्सड यूटरस से बचाव के उपाय (Prolapsed uterus prevention)

•कब्ज दूर करने की कोशिश करें
• कमर या पीठ की बजाय पैरों का उपयोग करके भारी वस्तुओं को उठाने का तरीका समझना जरूरी है।
• वजन बढ़ने पर नियंत्रण रखें
• पेल्विक फ्लोर मसल्स एक्सरसाइज करें

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