महिलाओं के सेक्सुअल पार्ट का अहम हिस्सा है मेनोपॉज (Menopause)। इसके दौरान महिला का एस्ट्रोजन स्तर गिर जाता है। उसकी माहवारी बंद हो जाती है। मेनोपॉज की उम्र 40-58 वर्ष की आयु के बीच होती है। इस फेज के कारण शरीर में कई अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। इसलिए कुछ महिलाएं सप्लीमेंट का सेवन करने लगती हैं। इससे इसके लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है। हेल्थकेयर विशेषज्ञ बताते हैं कि सप्लीमेंट हमेशा विशेषज्ञ की परामर्श (Supplements for menopause) के अनुसार लें।
आप जो भी सप्लीमेंट लेती हैं, उसके बारे में डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें। याद रखें कि सभी सप्लीमेंट्स के संभावित साइड इफेक्ट हो सकते हैं। सप्लीमेंट और हर्ब आपके द्वारा ली जाने वाली कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं। वे किसी दवा के प्रभाव को बढ़ा या ख़त्म कर सकते हैं। यह किसी अंदरूनी समस्या का भी कारण बन सकती है। कुछ हर्ब एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
अलसी सप्लीमेंट रजोनिवृत्ति के हल्के लक्षणों वाली कुछ महिलाओं की मदद कर सकता है। यह लिगनेन का अच्छा स्रोत है। यह महिला हार्मोन को संतुलित करता है। मेनोपॉज के कारण हॉट फ्लेशेज होते हैं। इसके कारण बीच रात में शरीर से पसीना निकल सकता है। अलसी सप्लीमेंट रात के पसीने को कम करने में मदद कर सकता है।
कैल्शियम सप्लीमेंट हड्डियों के नुकसान को रोक सकता है। मेनोपॉज के बाद हार्मोन लेवल गिरने लगता है। इससे हड्डियों का कमजोर होना एक गंभीर समस्या बन सकती है। पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करना जरूरी है। 51 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। 51 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को प्रतिदिन 1,200 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम भोजन से प्राप्त करना सबसे अच्छा है। यदि सप्लीमेंट की जरूरत महसूस होती है, तो दिन के दौरान भोजन के साथ छोटी खुराक लें। यह एक समय में 500 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। यह बेहतर ढंग से अवशोषित हो पायेगा।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कैल्शियम। विटामिन डी के बिना शरीर कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर सकता है। अधिकांश वयस्कों को प्रतिदिन 600 IU की आवश्यकता होती है। 71 वर्ष और उससे अधिक उम्र वालों को प्रतिदिन 800 IU की आवश्यकता होती है। विटामिन डी कई खाद्य पदार्थों और पूरकों में होता है, लेकिन इसका एक अन्य स्रोत भी है सूरज। थोड़ी धूप लेनी चाहिए। सूरज के संपर्क में आने पर शरीर विटामिन डी का उत्पादन करता है। लेकिन सूरज की जरूरत से थोड़ी सी भी अधिक मात्रा त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आहार से पर्याप्त मात्रा नहीं मिलने पर सप्लीमेंट लेना चाहिए।
जिनसेंग मूड बूस्टर है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि विभिन्न प्रकार के जिनसेंग मेनोपॉज के दौरान जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। जिनसेंग मूड को बेहतर बनाने और नींद में सुधार करने के लिए जाना जाता है। जिनसेंग मेनोपॉज़ के शारीरिक लक्षणों जैसे हॉट फ्लेशेज को भी कम करने में मदद करता है। विशेषज्ञ की सलाह के बना जिनसेंग लेना हानिकारक हो सकता है।
30 साल की उम्र के बाद हमारे शरीर में डीएचईए हार्मोन (Dehydroepiandrosterone का प्राकृतिक स्तर कम हो जाता है। डीएचईए सप्लीमेंट (Supplements for menopause) सेक्सुअल डिजायर और हॉट फ्लेशेज जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है। डीएचईए के लंबे समय तक उपयोग या उच्च खुराक से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
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