प्रेगनेंसी से जुड़े कई मिथ सालों से बने हुए हैं। साथ ही कई बार महिलाएं इन अवधारणाओं के कारण प्रेगनेंसी की यात्रा को कठिन मान लेती हैं। ऐसे में इन मिथ से जुड़ी सही जानकारी होना बहुत जरूरी है, अन्यथा कई बार गर्भावस्था में यह महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। इसी के साथ इन अवधारणाओं की वजह से महिलाएं कई ऐसी चीजों से खुद को वंचित कर लेती हैं जिन्हें असल में छोड़ने की आवश्यकता नहीं होती। तो आज हम ऐसी ही 5 मिथ के बारे में बात करेंगे साथ ही जानेंगे इसके फैक्ट।
गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर दिव्या ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए प्रेगनेंसी से जुड़े कुछ जरूरी मिथ के बारे में बताया है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या हैं वह मिथ और साथ साथ ही जानेंगे उनसे जुड़े जरूरी फैक्ट।
फैक्ट – प्रेगनेंसी में बेफिक्र होकर सेक्स कर सकती है पर इस दौरान कुछ सेक्स पोजीशंस को अवॉइड करना चाहिए। इसके साथ यदि आपके प्रेगनेंसी में किसी तरह की कॉम्प्लिकेशंस है तो डॉक्टर से सलाह ले लें। परंतु यदि आपकी प्रेगनेंसी बिल्कुल सामान्य है तो आप सेक्स कर सकती हैं। इसी के ब्लीडिंग की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, बच्चे के आसपास पानी ज्यादा होना, प्रीमेच्योर लेबर पेन या वेजाइनल इनफेक्शन जैसी स्थिति में सेक्स करने से बचना चाहिए। वहीं आखिरी के 3 महीने सेक्स न करें।
फैक्ट – प्रेगनेंसी में ट्रेवल करना बिलकुल सामान्य है। हालांकि, इस दौरान आपको थोड़ी सावधानियां बरतनी चाहिए। परंतु ऐसा नहीं है कि आप ट्रैवल नहीं कर सकती। यदि आपकी प्रेगनेंसी में कुछ कॉम्प्लिकेशंस हैं और आपको डॉक्टर द्वारा ट्रैवल करने से मना किया गया है, तब इसे अवॉइड करें। परंतु सामान्य स्थिति में ट्रैवलिंग करना बिलकुल सेफ है।
फैक्ट – सभी के मन में यह अवधारणा बनी रहती है कि यदि एक बार सिजेरियन डिलीवरी हो गई है तो दूसरी प्रेगनेंसी में भी सिजेरियन डिलीवरी ही करवानी पड़ेगी। परंतु ऐसा नहीं है। यह पूरी तरह आपकी वर्तमान प्रेगनेंसी की स्थिति पर निर्भर करता है। कई ऐसे केस भी हैं जिनमे पहली प्रेग्नेंसी में सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो दूसरे में नार्मल डिलीवरी। तो यदि आप अपनी दूसरी डिलीवरी नॉर्मल रखना चाहती हैं तो अपने डाक्टर से संपर्क में बनी रहें।
फैक्ट – अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कॉफी के सेवन से परहेज रखने की सलाह दी जाती है। परंतु इस दौरान आप एक सीमित मात्रा में कॉफी ले सकती हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी में जरूरत से ज्यादा कैफीन हानिकारक होता है। परंतु यदि इसकी मात्रा का ध्यान रखा जाए तो आप पूरे दिन में एक कप कॉफी पी सकती हैं।
फैक्ट – काफी पहले से लोग तरह-तरह के तरीकों का इस्तेमाल करके और महिलाओं के शरीर में हो रहे हलचल को देखते हुए बच्चे के सेक्स का पता लगाने की कोशिश करते हैं। साथ ही कई महिलाएं आंख बंदकर इसपर विश्वास करती हैं। हालांकि, ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। आप किसी भी तरह के अंधविश्वास के अवधारणा पर बच्चे के लिंग का पता नहीं लगा सकती। इसलिए ऐसी चीजों में फसने से बचें। अल्ट्रासाउंड जैसी कुछ टेक्निकल गतिविधियां होती है जिनसे इसका पता लगाया जाता है। परंतु ऐसा करना भारत में कानूनी तौर पर अपराध माना जाता है।
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