कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (Contraceptive pills) को बच्चों के जन्म को नियंत्रित करने वाली गोलियों के तौर पर भी जाना जाता है। इन गोलियों का इस्तेमाल सामान्य तौर पर महिलाएं प्रेग्नेंसी रोकने के प्रभावी तरीके के तौर पर करती हैं। हालांकि, इस बात को लेकर चिंताएं रहती हैं कि क्या महिलाओं में इन गोलियों का सेवन करने से हृदय रोगों (Contraceptive pills effect on heart) का खतरा बढ़ सकता है। यह बात उन महिलाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है या फिर उनकी उम्र बढ़ चुकी है। आइए जानते हैं कि ये कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स किस तरह काम करती हैं और क्या इनकी वजह से हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
ज़्यादातर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स में ऐसे हार्मोन होते हैं जो शरीर के प्राकृतिक हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टोजेन की तरह होते हैं। इन हार्मोन से ओवुलेशन बंद हो जाता है। यह वह समय होता है जब अंडाशय से अंडे निकलते हैं। इससे पुरुष के शुक्राणु के लिए अंडे तक पहुंचना और फर्टिलाइज़्ड अंडे के लिए गर्भ तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ये गोलियां गर्भावस्था को रोकने में बहुत ही कारगर होती हैं, लेकिन इनके कुछ बुरे प्रभाव (Contraceptive pills side effects) भी होते हैं जिसमें हृदय और सर्कुलेशन पर पड़ने वाला प्रभाव शामिल होता है।
खास तौर पर एस्ट्रोजेन वाले कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के सबसे जाने-माने जोखिमों में से एक यह है कि इनसे खून के थक्के जमने का जोखिम कुछ हद तक बढ़ सकता है। ये थक्के अक्सर पैरों की नसों में बनते हैं (इस स्थिति को डीप वेन थ्रॉमबॉसिस कहते हैं) और कुछ मामलों में ये थक्के फेफड़ों (पल्मोनरी एमबॉलिज़्म) तक पहुंच सकते हैं जो बहुत ही गंभीर हो सकता है।
खून के थक्के जमने का जोखिम आम तौर पर सेहतमंद महिलाओं में कम होता है। मगर यह खतरा उन महिलाओं में ज़्यादा होता है जो धूम्रपान करती हैं और उनका वज़न अधिक होता है या उनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक होती है। अगर आप इनमें से किसी कैटेगरी में आती हैं, तो अच्छा होगा कि आप अपने डॉक्टर से अन्य विकल्पों के बारे में चर्चा करें।
कुछ कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की वजह से ब्लड प्रेशर में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। हो सकता है कि ज्यादातर महिलाओं के लिए यह बहुत बड़ी समस्या न हो, लेकिन जो महिलाएं पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना कर रही हों या जिनमें यह खतरा बढ़ रहा हो उनके लिए यह चिंता की बात हो सकती है।
अगर आप कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रही हों, तो नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर की जांच करना महत्वपूर्ण है। खास तौर पर अगर आपके परिवार में लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या या हृदय से संबंधित अन्य समस्या पहले से हो।
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेते हुए हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा ज़्यादातर महिलाओं के लिए नहीं के बराबर ही होता है। हालांकि, अगर आप धूम्रपान करती हों या आपका वज़न अधिक हो, तो यह खतरा बढ़ सकता है। पिल्स में मौजूद एस्ट्रोजेन की वजह से कई बार खून की नसें संकरी हो सकती हैं या मोटी हो सकती है जिसकी वजह से ज़्यादा जोखिम वाली महिलाओं में हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है।
धूम्रपान करने वाली महिलाओं में खतरा अधिक होता है क्योंकि धूम्रपान की वजह से खून की नसें संकरी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए डॉक्टर यह सुझाव देते हैं कि धूम्रपान करने वाली 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेने से बचना चाहिए।
प्रोजेस्टोजेन-ओनली पिल्स को कई बार मिनी-पिल कहा जाता है। इनमें एस्ट्रोजेन नहीं होते हैं और इन्हें हृदय संबंधी जोखिम के लिहाज़ से सामान्य तौर पर सुरक्षित माना जाता है। ये पिल्स लेने का सुझाव उन महिलाओं को दिया जाता है, जो सेहत संबंधी वजहों से एस्ट्रोजेन नहीं ले सकती हैं। या जिनमें हृदय संबंधी रोगों का खतरा अधिक होता है। कॉन्ट्रासेप्टिव से जुड़े हृदय संबंधी जोखिमों के बारे में सोचने वाले लोगों के लिए मिनी-पिल अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की सुरक्षा की बात करें, तो उम्र एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, खास तौर पर जो धूम्रपान करती हैं या जिनमें कुछ अन्य खतरे पहले से हों, उनमें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के हृदय संबंधी बुरे प्रभावों का सामना करने की आशंका अधिक होती है। अगर आपकी उम्र इस स्तर तक पहुंच गई हो, तो ऐसे में कॉन्ट्रासेप्शन के नॉन-हार्मोनल तरीके आज़माना अच्छा हो सकता है, जैसे कि कॉपर आईयूडी या कंडोम।
ऐसी महिलाएं जो डायबिटीज़, मोटापे से ग्रस्त हों या परिवार में किसी को हृदय रोगों की समस्या हो, तो उन्हें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जोखिमों और फायदों के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से विस्तार से विचार-विमर्श करना महत्वपूर्ण है।
ज़्यादातर महिलाओं के लिए लंबे समय तक कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन नियमित तौर पर सेहत की जांच कराना महत्वपूर्ण होता है। ब्लड प्रेशर, वज़न और सेहत की निगरानी करने से किसी भी संभावित समस्या का समय से पता लगाने में मदद मिल सकती है। अगर आपका खानपान अच्छा नहीं है, आप व्यायाम नहीं करती हैं या धूम्रपान करती हैं, या ऐसे अन्य जोखिमों का सामना कर रहे हैं, तो जीवनशैली में बदलाव करने से जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स आम तौर पर सुरक्षित मानी जाती हैं और ज़्यादातर महिलाओं के लिए काम की होती हैं, लेकिन अन्य दवाओं की ही तरह इनके साथ भी खतरे होते हैं। अच्छी बात यह है कि ज़्यादातर महिलाओं के लिए ऐसे खतरे बहुत कम होते हैं और इनसे नियमित तौर पर सेहत की जांच कराकर और सेहतमंद जीवनशैली से निपटा जा सकता है।
हालांकि, धूम्रपान करने वाली 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए या अन्य किसी समस्या का सामना कर रही महिलाओं के लिए खून के थक्के जमने, हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है।
अगर आप इन जोखिमों को लेकर चिंतित हैं, तो अपने विकल्पों के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। अलग-अलग तरह कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स उपलब्ध हैं और अपने लिए उचित विकल्प तलाश कर गर्भावस्था से अच्छी तरह बचा जा सकता है और अपनी सेहत को लंबे समय के लिए अच्छा बनाए रखा जा सकता है।
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