वेजाइनल इरिटेशन (vaginal irritation), जिसे योनिशोथ यानी की वैजिनाइटिस (vaginitis) भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का योनि संक्रमण है, जिसमें महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, uti जैसे कॉमन संक्रमण के बारे में तो सभी जानते हैं, पर ज्यादातर महिलाओं को वैजिनाइटिस से जुड़ी जानकारी नहीं होती, जिसकी वजह से स्थति अधिक गंभीर हो सकती है।
हेल्थ शॉट्स ने वैजिनाइटिस के कारण और बचाव के उपाय समझने के लिए सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ आस्था दयाल से बात की। तो चलिए जानते हैं, इस संक्रमण के बारे में अधिक विस्तार से।
वेजाइनल इरिटेशन (vaginal irritation) को, जिसे योनिशोथ यानी की वैजिनाइटिस (vaginitis) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक इन्फ्लेमेटरी कंडीशन है, जो असुविधा, डिस्चार्ज और खुजली का कारण बनती है।
एक्सपर्ट के अनुसार यह संक्रमण, हार्मोन परिवर्तन और एलर्जी सहित कई परिस्थितियों के कारण हो सकता है। लक्षणों का ठीक से इलाज करने के लिए वैजिनाइटिस के कारणों और उपचारों को समझना महत्वपूर्ण है।
डॉक्टर आस्था दयाल के अनुसार “योनिशोथ कई कारणों से हो सकता है, जिसमें संक्रमण, हार्मोनल परिवर्तन, जलन और अन्य स्थितियां शामिल हैं।” संक्रमण एक प्रचलित कारण है जैसे:
“बैक्टीरियल वेजिनोसिस, ये तब होता है जब योनि में विशिष्ट बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं।
यीस्ट इन्फेक्शन, जो अक्सर कैंडिडा फंगस के कारण होता है।
ट्राइकोमोनिएसिस, एक पैरासाइट के कारण होने वाला सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन है।”
“हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद, एट्रोफिक वैजिनाइटिस का कारण बन सकता है, जो तब होता है जब एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है। इस स्थिति में योनि की दीवारें कमजोर और ड्राई हो जाती हैं। साबुन, डिटर्जेंट, डाउच और स्परमिसाइड्स में मौजूद केमिकल, जलन, साथ ही लेटेक्स कंडोम या व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों से एलर्जी, ये सभी योनिशोथ का कारण बन सकते हैं। इस स्थिति को अवॉइड करने के इन कारणों पर विशेष ध्यान दें।”
गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आस्था दयाल के अनुसार “वैजिनाइटिस (vaginal irritation) का इलाज अंतर्निहित कारण के आधार पर किया जाता है। एंटीबायोटिक्स जैसे कि मेट्रोनिडाजोल या क्लिंडामाइसिन, मौखिक रूप से या जेल या लोशन के रूप में प्रशासित, आमतौर पर बैक्टीरियल वेजिनोसिस के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं।”
“एंटीफंगल दवाएं जैसे कि ओरल फ्लुकोनाज़ोल, टॉपिकल माइकोनाज़ोल या क्लोट्रिमेज़ोल यीस्ट संक्रमण का इलाज करती हैं। एंटीपैरासिटिक दवाएं, मुख्य रूप से मेट्रोनिडाजोल या टिनिडाज़ोल, ट्राइकोमोनिएसिस के इलाज के लिए मौखिक रूप से दी जानी चाहिए।”
“एट्रोफिक वैजिनाइटिस का इलाज हार्मोनल उपचार जैसे कि लोकल एस्ट्रोजन थेरेपी (क्रीम, टैबलेट या रिंग) से किया जा सकता है। ताकि योनि की परत को फिर से बनाया जा सके और इस दौरान हुए वेजाइनल ड्राइनेस को दूर करने के लिए नॉन-हार्मोनल ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें।”
“जलन या एलर्जिक वेजिनाइटिस का इलाज करने के लिए, लक्षणों का कारण बनने वाले, जलन पैदा करने वाले तत्वों की पहचान की जानी चाहिए और उनसे बचा जाना चाहिए। वहीं सूजन को कम करने के लिए सामयिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा सकता है।”
फ्रेगनेंस वाले टैम्पोन, पैड, डूश और साबुन को पूरी तरह से अवॉयड करें। नहाने के बाद अपने बाहरी प्यूबिक रीजन को साबुन को धोएं और जलन को रोकने के लिए क्षेत्र को अच्छी तरह से ड्राई करें। माइल्ड साबुन का उपयोग करें, वहीं डिओडोरेंट या बब्बल बाथ, से बचें।
शौचालय का उपयोग करने के बाद सामने से पीछे की ओर पोंछें। ऐसा करने से आपकी योनि में फेकल बैक्टीरिया फैलने से बचते हैं। इसके अलावा यूरिन पास करने के बाद अपनी योनि को पानी से धोएं और इसे टिश्यू से ड्राई कर लें।
हमेशा सुरक्षित सेंस में पार्टिसिपेट करें। कंडोम का उपयोग करना जरूरी है। वहीं सेक्स पार्टनर की संख्या भी सीमित रखें, इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता।
कॉटन के हल्के अंडरवीयर पहनें। इससे हवा पास होती है और हर प्रकार के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। रात को सोते हुए बिस्तर पर अंडरवियर न पहनने पर विचार करें। बैक्टीरिया नम वातावरण में पनपते हैं।
अपने योनि को शीशे से देखें, और अपनी नियमित गंध और योनि डिस्चार्ज पर ध्यान दें। पीरियड्स के दौरान डिस्चार्ज में थोड़ा बदलाव होना सामान्य है। लेकिन अपने शरीर को अच्छी तरह से जानना यह बताने का सबसे अच्छा तरीका है कि क्या कुछ गड़बड़ है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर आप जल्द से जल्द उपचार करवा सकें।
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