सेक्सुअल एक्टिविटीज खासकर इंटरकोर्स के दौरान लुब्रिकेंट एक बेहद महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है। बाजार में तरह-तरह के ऑप्शंस मौजूद होने के बाद भी बहुत से लोग नेचुरल लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। परंतु क्या आपने यह जानने की कोशिश की है कि इंटरकोर्स के लिए कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल करना सुरक्षित है या नहीं! यदि नहीं की है, तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे लुब्रिकेंट के तौर पर कोकोनट ऑयल के इस्तेमाल से जुड़ी जरूरी कुछ जरूरी बातें (coconut oil for lubrication)।
लुब्रिकेंट के तौर पर कोकोनट ऑयल के इस्तेमाल से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स में क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स चेन्नई की गायनेकोलॉजी और ऑब्सटस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की सीनियर कंसलटेंट डॉ रिजाफिन आर से बात की।
सेक्सुअल एक्टिविटीज के दौरान खासकर इंटरकोर्स के लिए लुब्रिकेशन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। बहुत से लोग लुब्रिकेंट के बिना इंटरकोर्स करते हैं, जिसकी वजह से महिला एवं पुरुष दोनों को दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके साथ ही यह वेजाइनल कट का कारण बन सकता है और सेक्स के दौरान अधिक फ्रिक्शन होने से अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कभी भी लुब्रिकेंट को स्किप न करें। इसके साथ ही लुब्रीकेंट सेक्स को स्मूद बनाता है और सेक्सुअल प्लेजर को भी बढ़ा देता है।
सेक्सुअल लुब्रिकेंट के तौर पर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं यदि आप वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या से परेशान हैं, तो कोकोनट ऑयल की मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी ड्राइनेस को बीट करने और मॉइश्चर मेंटेन करने में आपकी मदद कर सकती हैं। कोकोनट ऑयल इंटरकोर्स को स्मूद बनाने के साथ ही सेक्स को लॉन्ग लास्टिंग और अधिक प्लेजरेबल बना सकते हैं।
खासकर यदि आप मेनोपॉज पीरियड में हैं, तो यह आपके सेक्सुअल सेशन को अधिक मजेदार बना सकता है। मार्केट में मिलने वाले लुब्रिकेंट में कई केमिकल्स ऐड किए जाते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। ऐसे में प्राकृतिक विकल्प जैसे कि कोकोनट ऑयल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
कोकोनट ऑयल में मौजूद मॉइश्चराइजिंग इफेक्ट, एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी और एंटी फंगल प्रॉपर्टी इसे आपके इंटिमेट एरिया के लिए प्रभावी बनाती हैं। इसके इस्तेमाल से सेक्सुअल एक्टिविटीज के दौरान किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा नहीं रहता। इसके इस्तेमाल के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। वहीं कई ऐसे कंडीशन हैं, जब लुब्रिकेंट के तौर पर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं होता।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित स्टडी की माने तो 60 सेकंड के लिए भी यदि लेटेक्स कंडोम मिनरल ऑयल के संपर्क में आता है, तो कंडोम का प्रभाव बेहद कम हो जाता है। यदि आप लेटेक्स कंडोम या डेंटल डेम्स का इस्तेमाल कर रही हैं, तो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपको सिलिकॉन बेस्ड या वॉटर बेस्ड बेस्ड लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए।
कोकोनट ऑयल का पीएच काफी ज्यादा होता है जो इसे अल्कलाइन बना देते हैं वहीं चीन का नॉरमल पीएच एसिडिक होता है इस प्रकार यह वेजाइना के प्राकृतिक पीएच बैलेंस को प्रभावित कर सकता है। pH के असंतुलित होने से ईस्ट इन्फेक्शन और अन्य प्रकार के वेजाइनल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको बार-बार वेजाइनल ईस्ट इंफेक्शन हो जाता है, तो लुब्रिकेंट के तौर पर कोकोनट के इस्तेमाल से बचें।
अन्य प्रकार के ऑयल बेस्ड ल्यूब्स की तरह कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल आपके बिस्तर पर स्टेन का कारण बन सकता है। इसलिए यदि आप इसका इस्तेमाल करती हैं, तो अपने बेडशीट के नीचे कोई भी अन्य सीट जरूर डालें। इस प्रकार आप अपने बेडशीट पर दाग लगने से बचा सकती हैं।
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