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Female Orgasm : यहां हैं फीमेल ऑर्गेज्म से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स, जानिए इन पर क्या कहता है शोध

कई बार महिलाओं को खुद अपने ऑर्गेज्म से जुड़े जरूरी तथ्यों की जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से वे कहीं न कहीं उचित ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं कर पाती हैं। सबसे पहले आपको अपने ऑर्गेज्म से जुड़े फैक्ट्स के बारे में जानना चाहिए।
यहां जानें फीमेल ऑर्गेज्म से जुड़े कुछ जरुरी फैक्ट्स। चित्र:शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 28 May 2023, 20:00 pm IST
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वर्षों से पुरुषों के ऑर्गेज्म को प्राथमिकता मिलती चली आ रही है। आज भी कई महिलाएं ऐसी हैं जो अपने पार्टनर से ऑर्गेज्म और सेटिस्फेक्शन के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाती। परंतु बदलते समय के साथ महिलाओं ने भी ऑर्गेज्म गैप पर खुलकर बात करना शुरू कर दिया है। कई बार तो महिलाओं को खुद अपने ऑर्गेज्म से जुड़े जरूरी तथ्यों की जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से वह कहीं न कहीं उचित ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं कर पाती हैं।

तो डियर लेडीज अब और देर मत करें खुद के साथ-साथ अपने पार्टनर को भी फीमेल ऑर्गेज्म (female orgasm) से जुड़ी जरूरी फैक्ट्स की जानकारी दें और अपनी बोरिंग सेक्स लाइफ को थोड़ा स्पाइस अप करें। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं फीमेल ऑर्गेज्म से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स।

यहां हैं फीमेल ऑर्गेज्म से जुड़े कुछ मजेदार फैक्ट्स

1. नर्व एंडिंग से भरी हुई है क्लीटोरिस

क्लीटोरिस सबसे सेंसिटिव बॉडी पार्ट्स में से एक है। यहां कई नर्व एंडिंग्स होती हैं, जो इसे प्लेजर का पावर हाउस बना देती हैं। इसलिए ज्यादातर महिलाएं क्लीटोरिस के माध्यम से ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं। जर्नल ऑफ़ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी द्वारा 2018 में की गई एक स्टडी के अनुसार 36% महिलाओं ने क्लीटोरिस स्टिमुलेशन से ऑर्गेज्म प्राप्त किया था।

वहीं 18% महिलाओं ने केवल पेनिट्रेशन से ही ऑर्गेज्म प्राप्त कर लिया था। बात यदि मेजॉरिटी की करें तो ज्यादातर महिलाओं के लिए बिना क्लीटोरस के ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल होता है।

क्लिटोरिस की आपकी सेक्स लाइफ में महत्वपूर्ण भूमिका हैं। चित्र:शटरस्टॉक

2. महिलाओं में मल्टीपल ऑर्गेज्म मुमकिन है

आमतौर पर पुरुष एक बार ऑर्गेज्म तक पहुंच जाते हैं तो उन्हें कुछ देर इंतजार करना पड़ता है, परंतु महिलाओं के साथ ऐसा नहीं है। वे एक राउंड में मल्टीपल ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती हैं। जर्नल ऑफ़ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी द्वारा 2016 में एक स्टडी की गई, 18 से 70 साल की उम्र की 2,049 महिलाओं ने इस स्टडी में पार्टिसिपेट किया जिनमें से 8% महिलाएं मल्टीपल ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती थीं।

वहीं एक अन्य स्टडी में 800 कॉलेज ग्रेजुएट फीमेल स्टूडेंट्स को भाग लेने को कहा गया, परिणाम स्वरूप 43% महिलाएं मल्टीपल ऑर्गेज्म रिसीव कर सकती थीं।

यदि आप एक बार में सेटिस्फाइड नहीं होती और आप मल्टीप्ल ऑर्गेज्म इंजॉय करना चाहती हैं तो यह बिल्कुल सामान्य है। वहीं यदि आप एक ऑर्गेजम प्राप्त कर पाती हैं तो इसमें स्ट्रेस लेने वाली कोई बात नहीं है। यह भी पूरी तरह से सामान्य है। हर व्यक्ति की अपनी शारीरिक क्षमता होती है, यदि एक बिग ऑर्गेजन के बाद आप डन हो जाती हैं तो यह आपका सेटिस्फेक्शन लेवल है। हर किसी का सेटिस्फेक्शन लेवल अलग-अलग होता है।

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3. अलग-अलग वासनोत्तेजक क्षेत्र से प्राप्त कर सकती हैं ऑर्गेज्म

आपके शरीर में कई सारे वासनोत्तेजक क्षेत्र होते हैं जो सेक्सुअल प्लेजर प्राप्त करने में आपकी मदद करते हैं। साथ ही यह उत्तेजना को बढ़ावा देते हैं। निप्पल, क्लीटोरिस, थाई, बटॉक्स, पेट का निचला हिस्सा, पीठ इत्यादि सभी आपको अधिक उत्तेजित करते हैं। परंतु ऑर्गेजम प्राप्त करने के लिए आमतौर पर क्लीटोरस, ए स्पॉट, जी स्पॉट और निप्पल की आवश्यकता होती है।

महिलाएं अपने शरीर की क्षमता अनुसार ऑर्गेज्म तक पहुंचने के लिए अलग-अलग वासनोत्तेजक क्षेत्र को स्टिम्युलेट करती हैं। ऐसे में यदि आपको क्लीटोरस या पेनिट्रेशन से ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है तो आप निप्पल सिमुलेशन ट्राई कर सकती हैं।

जानिये अपने क्लिटोरिस के बारे में सबकुछ. चित्र : शटरस्टॉक

4. सोते हुए भी ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती हैं

जर्नल ऑफ़ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी के अनुसार कई बार बिना क्लीटोरिस और अन्य वासनोत्तेजक क्षेत्र को स्टिम्युलेट किए बिना भी ऑर्गेज्म प्राप्त हो सकता है। खासकर ऐसा तब होता है जब आप गहरी नींद में होती हैं। कई बार हम ऐसे सपने देखते हैं, जिसमें हम काफी ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं जिसके कारण हमारे इंटिमेट पार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है और हमें स्लीप ऑर्गेज्म प्राप्त होता है।

2012 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पेट के बल सोने वाले लोग सेक्सुअल सेंसेशन और स्लीप ऑर्गेज्म का अधिक अनुभव करते हैं।

5. ऑर्गेज्म प्राप्त करने की क्षमता जेनेटिक भी हो सकती है

जर्नल ऑफ़ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी के अनुसार आपके ऑर्गेज्म प्राप्त करने की 60% प्रतिशत तक क्षमता के लिए जेनेटिक्स यानी कि डीएनए जिम्मेदार हो सकते हैं। इंटरकोर्स के दौरान आपकी क्लीटोरिस और यूरेथ्रा के बीच की दूरी ऑर्गेजम की सीमा को तय करती हैं।

यदि आपकी क्लीटोरिस और यूरेथ्रा के बीच 2.5 सेंटीमीटर से कम की दूरी है, तो इंटरकोर्स के दौरान आपको ऑर्गेज्म प्राप्त करने में आसानी होगी।

पार्टनर से इस विषय पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए। चित्र : एडॉबीस्टॉक

6. पार्टनर सेक्स में ऑर्गेज्म प्राप्त करने में लगता है लंबा समय

रिसर्च के अनुसार महिलाओं को पार्टनर के साथ सेक्स करते हुए ऑर्गेज्म प्राप्त करने में 6 से 20 मिनट, एवरेज निकाले तो 14 मिनट का समय लगता है। वहीं दूसरी ओर वेजाइनल सेक्स में पुरुषों को 5 से 7 मिनट का समय लगता है।

पार्टनर सेक्स में महिलाओं को ऑर्गेज्म तक पहुंचने में देरी होती है, क्योंकि कई बार पुरुष उनके वासनोत्तेजक क्षेत्र का पता नहीं लगा पाते जिससे वह अधिक उत्तेजित नहीं हो पाती हैं। यही कारण है कि आपको अपने पार्टनर से इस विषय पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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