मासिक धर्म के दौरान एक महिला ज्यादातर सैनिटरी पैड पर निर्भर रहती है। बिना किसी परेशानी के आपके पास हेवी फ्लो के लीकेज को रोकने का विकल्प होता है। यह पीरियड ब्लड को अवशोषित करने की क्षमता रखता है और आपको दाग के डर से बचाता है।
बाजार में विभिन्न आकार और खुशबू वाले सैनिटरी पैड महिलाओं के लिए आशीर्वाद समान लगता है। लेकिन क्या ये पैड्स इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है? इसके लगातार उपयोग और कुछ हाइजीन आदतों का पालन न करके आप इन्फेक्शन के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
सैनिटरी पैड्स इस्तेमाल करने में जितने आसान लगते हैं, इनका गलत उपयोग उतना ही खतरनाक हो सकता है। घर्षण, पैड के केमिकल से एलर्जी, गर्मी और नमी से जलन इंफेक्शन के कुछ आम लक्षण है।
सैनिटरी पैड पहनकर मूवमेंट करने से घर्षण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दाने हो सकते हैं। सेंटर फॉर यंग विमेन हेल्थ के अनुसार, चलना, दौड़ना और अन्य प्रकार की शारीरिक गतिविधि पैड को आगे और पीछे ले जाने का कारण बन सकती है। योनी का घर्षण इंफेक्शन में योगदान कर सकता है।
आप अपने मूवमेंट को कम करने के लिए एक छोटा पैड पहनने का प्रयास कर सकते है।
एलर्जिक त्वचा के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं। पैड के विभिन्न केमिकल यह स्थिति पैदा कर सकते हैं। यह योनी के संपर्क में आने से इंफेक्शन का कारण बनता है। एक सैनिटरी पैड में कई सामग्रियां होती हैं जो जलन पैदा कर सकती है। इनमें चिपकने वाले और कुछ मामलों में, अतिरिक्त सुगंध शामिल हैं।
इन मामलों में, ब्रांड बदलने से भविष्य में होने वाले चकत्ते को रोकने में मदद मिल सकती है।
सैनिटरी पैड का उद्देश्य योनि से बाहर निकलने वाले मासिक धर्म के तरल पदार्थ को रोकना और इकट्ठा करना है। फंसी हुई नमी और गर्मी योनी में जलन पैदा कर सकती है और दाने का कारण बन सकती है।
पैड और अंडरवियर से संबंधित कई अड़चनें योनी के संक्रमण का कारण बन सकती हैं। इसमे शामिल है:
यह जरूरी है कि आप दिन भर नियमित रूप से अपना सैनिटरी पैड बदलते रहें। इसे भरने और योनी से चिपकाकर रखने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
आपको ऐसा पैड चुनना चाहिए जो आपके पीरियड फ्लो से मेल खाता हो। यदि आप भारी प्रवाह के लिए पैड खरीदते हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल केवल हल्के प्रवाह के लिए कार्य हैं तो आपको पैड को बार-बार बदलने की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, आपको हमेशा हर 3-4 घंटे में अपना पैड बदलना चाहिए। चाहे आपके प्रवाह की मात्रा कितनी भी कम क्यों न हो। बैक्टीरिया के विकास, गंध से बचने और जलन को रोकने के लिए ऐसा करना आवश्यक है।
सैनिटरी पैड को बार-बार न बदलने से संक्रमण हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप खुजली, सूजन और असामान्य योनि स्राव जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 2018 के NCBI के एक अध्ययन के अनुसार, सैनिटरी पैड की खराब स्वच्छता का परिणाम हो सकता है:
डायपर रैश सबसे अधिक तब होता है जब मूत्र या मल के संपर्क में आने से त्वचा में सूजन और जलन होने लगती है।
सैनिटरी पैड से निकलने वाला रैश डायपर रैश के समान होता है, जिसमें जलन के कारण यह हो सकता है। हालांकि, पेशाब और मल पैड रैश में योनी संक्रमण की प्राथमिक परेशानी नहीं हैं।
यदि आप पैड के प्रति संवेदनशील है या बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि करते हैं, जिससे पैड फ्रिक्शन बढ़ जाता है, तो इंफेक्शन को रोकना हमेशा संभव नहीं हो सकता है।
सेंटर फॉर यंग वुमन हेल्थ का सुझाव है:
आपको नियमित रूप से अपना सैनिटरी पैड बदलना चाहिए। वैजिनल एरिया को साफ और सूखा रखने से संक्रमण से बचने में मदद मिल सकती है।
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