यकीनन पोर्न को लेकर अब उस तरह के टैबू नहीं रहे, जो कुछ साल पहले तक हुआ करते थे। ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अब इसे आपके लिए और ज्यादा सुलभ भी बना दिया है। न ही अब पोर्न को लेकर किसी तरह का सोशल स्टिग्मा है। इसके बावजूद हम रिसर्च इस बात का दावा करते हैं कि लगातार पोर्न देखने से आपको इसकी लत लग सकती है। और पोर्न एडिक्शन आपकी नींद, मेंटल हेल्थ और सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं क्या है पोर्न एडिक्शन और यह कैसे आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
कभी-कभी जब आप ऑन होना चाहती हैं, तो पोर्न देखना आपकी मदद कर सकता है। जी हां, पोर्न देखने में कुछ भी अजीब नहीं है। यह आपको प्लेजर देती है। यही वजह है कि लड़के ही नहीं हैं, लड़कियां भी नियमित रूप से पोर्न देखती हैं। 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 91.5% पुरुष और 60.2% महिलाएं पोर्नोग्राफिक कंटेंट देखती हैं।
पर ये प्लेजर कब एडिक्शन में बदल जाता है, बहुत सी महिलाएं यह नहीं समझ पातीं। पोर्न वॉचिंग तब समस्या बन सकती है, जब आप उसके लिए अपने रूटीन कार्यों से बचने लगती हैं। यानी पोर्न देखने के लिए काम से छुट्टी लेना या परिवार के साथ बिताने वाले समय में कटौती। यह एडिक्शन आपको धीरे-धीरे औरों से दूर ले जाती है और आप आइसालेशन में जाने लगती हैं।
जब भी आप पोर्न देखते हैं तो इसका आपके दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यह आपके सोचने और समझने की क्षमता को कमज़ोर करता जाता है। कई अध्ययन में यह सामने आया है कि जो लोग ज्यादा पोर्न देखते हैं, उनमें हिंसक प्रवृति बढ़ने लगती है। खासतौर पर अगर आपका पार्टनर ज्यादा पोर्न देख रहा है, तो भी आपकी सेक्स लाइफ पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पोर्न यह गलत अवधारणा पैदा करती है कि लड़कियां या महिलाएं हर वक़्त सेक्स करने की इच्छुक होती हैं।
पोर्न बिल्कुल नशे की लत के समान है, जिसमें थोड़ी मात्रा आनंद देती है, जबकि ज्यादा होने पर यह आपको अलग-थलग कर देती है। पोर्न देखने के लिए आप लगातार एकांत तलाशने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लेता है। आगे चलकर यही अलगाव एंग्जायटी और अवसाद की भावना पैदा कर सकता है।
जर्नल ऑफ विमेन हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं पोर्न ज्यादा देखती हैं, वे इंटरकोर्स के दौरान भी अश्लील कंटेंट या पोर्न के बारे में सोचती हैं। जिससे साथी के साथ इंटिमेट प्लेजर की कमी हो सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब वे वास्तव में सेक्स कर रही थीं, तब इन महिलाओं की विचार प्रक्रियाओं में एक अश्लील लिपि की सक्रियता थी।
पुरुषों में भी इसके कारण संभोग करने में असमर्थता या सेक्सुअल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ये न सिर्फ आपको प्रभावित करेंगी, बल्कि आपके पार्टनर को भी नुकसान पहुंचाएंगी।
जब आप किसी के प्रति आकर्षित होते हैं या उसे प्रेम भावना से देखने लगते हैं तो, आप उन्हें समग्र रूप से स्वीकार करते हैं। मगर, पोर्न देखने की आदत आपको किसी के प्रति आकर्षित होने से रोकती है, क्योंकि आपको उस व्यक्ति में कमियां नज़र आने लगती हैं।
पोर्न की तरह रियल लाइफ में लोग परफेक्ट नहीं होते! न शारीरिक तौर पर और न ही मानसिक रूप से। वो जैसे हैं आपको उन्हें वैसा ही स्वीकार करना आना चाहिए।
पोर्न आपके मूड को प्रभावित करती है! पोर्न देखने वाले लोग आपको अक्सर शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए और निराश नज़र आयेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि, जब आपका मस्तिष्क पोर्न देखने का आदि हो जाता है तो उसे इसके अलावा ख़ुशी या संतोष की भावना को कैसे जगाना है, नहीं समझ आता। ऐसे व्यक्ति को हमेशा किसी बाहारी ख़ुशी की तलाश होती है।
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