विटामिन डी की कमी भी हो सकती है इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार, प्रजनन क्षमता के लिए जानिए इसकी अहमियत

अक्सर कामकाजी महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है, जिससे इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है। मगर विटामिन डी प्रेगनेंसी में मुख्य रोल अदा करता है। जानते हैं कंसीव करने के लिए विटामिन डी क्यों है आवश्यक
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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में विटामिन डी की उच्च मात्रा लो बर्थ वेट और बच्चे में अस्थमा जैसी जोखिम कम करने में मदद करता है। । चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 5 Jul 2024, 10:31 am IST
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इनफर्टिलिटी का जिक्र आते ही मन में कई प्रकार के सवाल उठने लगते हैं। मगर सबसे पहला सवाल यही उठता है कि ये समस्या क्यों बढ़ रही है। हांलाकि इस समस्या के बहुत से कारण हैं, मगर पोषण की कमी इनफर्टिलिटी के बढ़ने का मुख्य कारक है। इन्हीं पौष्टिक तत्वों में से एक है विटामिन डी। अक्सर कामकाजी महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है, जिससे इनफर्टिलिटी (infertility) का खतरा बढ़ जाता है। जानते हैं कंसीव करने के लिए विटामिन डी क्यों है आवश्यक (vitamin D deficiency lead infertility)।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार विटामिन डी (Vitamin D) की कमी इनफर्टिलिटी (infertility) का कारण साबित होती है। इसके सेवन से हार्मोन रेगुलेशन में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में विटामिन डी की उच्च मात्रा लो बर्थ वेट और बच्चे में अस्थमा जैसी जोख्मि कम करने में मदद करता है।

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विटामिन डी एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है, जो फूड्स, सप्लीमेंटस और सन एक्सपोज़र से प्राप्त होता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

विटामिन डी फर्टिलिटी के लिए क्यों हैं आवश्यक (Why Vitamin D necessary for fertility)

इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि विटामिन डी (Vitamin D) प्रेगनेंसी में मुख्य रोल अदा करता है। जहां महिलाओं में विटामिन डी की उच्च मात्रा एग फार्मेशन में मदद करता है, तो पुरूषों में स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाता है। इसके अलावा विटामिन डी का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम के एबजॉर्बशन में भी मदद मिलती है।

विटामिन डी एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है, जो फूड्स, सप्लीमेंटस और सन एक्सपोज़र से प्राप्त होता है। इसका शरीर पर बायोलॉजिकल प्रभाव देखने को मिलता है। विटामिन डी की उच्च मात्रा शरीर में सूजन के प्रभाव को कम करके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करता है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू नायर बताती हैं कि वे महिलाएं, जिनमें विटामिन डी (Vitamin D) की उच्च मात्रा पाई जाती है, उनमें अन्य महिलाओं की तुलना में फर्टिलिटी का स्तर चार गुना बढ़ जाता है। विटामिन डी की मदद से शरीर में हार्मोन को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इसके अलावा ओवेरियन फंक्शन को नियमित बनाए रखते हैं। इसके लिए आहार में दही, पनीर, मशरूम, मछलली और केला अवश्य शामिल करें।

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टामिन डी (Vitamin D) की उच्च मात्रा पाई जाती है, उनमें अन्य महिलाओं की तुलना में फर्टिलिटी का स्तर चार गुना बढ़ जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

फर्टिलिटी को बूस्ट करने के लिए विटामिन डी किस प्रकार से है मददगार (How vitamin D helpful in boosting fertility)

1. प्रजनन क्षमता बढ़ाए

विटामिन डी (Vitamin D) रिसेप्टर्स प्लेसेंटा, यूटरस और ओवरीज़ समेत रिप्रोडक्टिव टिशूज में पाए जाते हैं। इससे रिप्रोडक्टिव हेल्थ बूस्ट होती है। शरीर में विटामिन डी की कमी पीसीओएस, इनफर्टिलिटी और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं को बढ़ाती है।

2. हार्मोन संतुलित रखता है

शरीर में हार्मोन के बैलेंस को बनाए रखने में विटामिन डी (Vitamin D) मदद करता है। इससे शरीर में फॉलिक स्टीम्यूलेटिंग हार्मोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और एंटी.मुलेरियन हार्मोन को रेगुलेट किया जाता है। इससे ओव्यूलेशन में मदद मिलती है।

3. ओवेरियन फंक्शन बढाता है

इसका सेवन करने से पीरियड साइकल नियमित बनी रहती है। इसके अलावा विटामिन डी शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के प्रोडक्शन में मदद करता है। इससे एग डेवलपमेंट और ओव्यूलेशन में मदद मिलती है। विटामिन डी हार्मोनस को रेगुलेट करके ओवरीज़ की गतिविधियों को नियमित बनाए रखने में मदद करता है।

4. हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए जरूरी

वे महिलाएं, जो गर्भावस्था में हैं, उनके लिए विटामिन डी (Vitamin D) बेहद आवश्यक है। शरीर में इसकी कमी प्रीटर्म बर्थ, जेस्टेशनल डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशरऔर बैक्टीरियल वेजिनोसिस का जोखिम बढ़ा देती है। विटामिन डी की मात्रा मां और बच्चे दोनों के लिए ही आवश्यक है।

Vitamin D ke fayde
वे महिलाएं, जो गर्भावस्था में हैं, उनके लिए विटामिन डी (Vitamin D) बेहद आवश्यक है। चित्र : अडोबी स्टॉक

शरीर में विटामिन डी की मात्रा को कैसे बढ़ाएं

विटामिन डी (Vitamin D) की कमी को पूरा करने के लिए सन एक्सपोज़र आवश्यक है। इसके लिए दिनभर में 10 से 15 मिनट सुबह वॉक के लिए जाएं। आहार में दही, सब्जियां, दालें, दूध और टोफू को शामिल करें। इसके अलावा फिश भी अपनी मील में अवश्य शामिल करें। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन डी सप्लीमेंटस का सेवन करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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