मां बनने के एहसास से हर महिला गुजरना चाहती है। गर्भवती होना और अपने बच्चे की मां बनना एक अलग तरह का अनुभव होता है। पर विभिन्न कारणों के चलते पुरुषों की यौन क्षमता और प्रजनन क्षमता में गिरावट आई है। जिसकी वजह से बहुत सारे परिवारों के लिए अपने बेबी का सपना अभी तक अधूरा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ मामलों में कोई मेडिकल समस्या न होने के बावजूद जोड़े परेशान रहते हैं। जबकि उन्हें जरूरत होती है अपने लाइफस्टाइल और पोषण पर सही ध्यान देने की। कुछ खास तरह के फूड्स आपकी इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इनमें से टमाटर एक है। आइए जानते हैं पुरुषों की यौन क्षमता और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए कैसे काम करता है टमाटर।
वर्ष 2017 में एशिया पीएसी क्लिनिकल न्यूट्रीशन जर्नल में मेल फर्टिलिटी पर एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। इसमें जापान के शोधार्थी यामामोटो, कोइची आइजावा, माकीको मिएनो, मिका करामात्सु, यासुको हिरानो, ताकाहिरो इनाकुमा आदि ने मेल इनफर्टिलिटी पर टमाटर के रस के प्रभाव को जांचा।
इस शोध के अनुसार, दुनिया भर में 13-15% जोड़े इनफर्टिलिटी के शिकार हैं । ये कपल प्रजनन क्षमता और सफल गर्भावस्था की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सा उपचार की तलाश करते रहते हैं। इनमें 25-50% के लिए पुरुष कारक जिम्मेदार हैं। पुरुष बांझपन का लगभग 60% आनुवंशिक कारक के कारण हो सकता है, बाकी के लिए पर्यावरण और अन्य कारक जिम्मेदार हो सकते हैं।
औद्योगिक रसायन, हार्मोनल असंतुलन, शराब का सेवन और धूम्रपान इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं। रिसर्च बताती है कि ऑक्सीडेटिव तनाव को मेल इनफर्टिलिटी को संभावित कारण के रूप में पहचान की गई। पर्यावरणीय और अन्य कारक ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकते हैं।
ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कोशिका झिल्ली से ऑक्सीकरण करके शुक्राणु को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसमें बड़ी मात्रा में असंतृप्त फैटी एसिड होते हैं। शुक्राणुओं के लिपिड पेरोक्सीडेशन से झिल्ली को नुकसान पहुँचता है। इससे सेलुलर एंजाइमों की निष्क्रियता और सेल एपोप्टोसिस होता है। इसका परिणाम शुक्राणुओं की संख्या और गतिविधि में कमी, गतिशीलता में कमी और दूसरी कमियां होती है। मेल फर्टिलिटी के लिए ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाना जरूरी है।
इसके लिए एंटीऑक्सीडेंट क्षमता में वृद्धि होना चाहिए। 8-10 क्लिनिकल स्टडी के माध्यम से टमाटर, तरबूज और खुबानी सहित फलों और सब्जियों में पाया जाने वाला लाइकोपीन इस कार्य में सक्षम पाया गया।
एंटीऑक्सिडेंट लायकोपीन हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, टमाटर में विटामिन सी, फोलेट, पोटैशियम और विटामिन के भी मौजूद होता है।
इस रिसर्च के अंतर्गत इनफर्टिलिटी के शिकार पुरुषों के आहार में लाइकोपीन से युक्त टमाटर को शामिल किया गया। उन्हें 3 महीने के लिए दिन में दो बार 2 मिलीग्राम टमाटर में मौजूद लायकोपीन दिया गया। पुरुषों के स्पर्म की जांच की गई, तो पहले के मुकाबले स्पर्म क्वालिटी और मोटिलिटी में सुधार पाया गया। हालांकि टमाटर का लाइकोपीन पूरी तरह कारगर नहीं है, लेकिन क्वालिटी में सुधार जरूर लाता है।
यह रिसर्च बताती है कि टमाटर में मौजूद एसिड ब्लड फ्लो को बढाते हैं। इससे मांसपेशियों के नियंत्रण में भी सुधार हो सकता है। ब्लड सरकुलेशन सही होने पर सेक्सुअल डिजायर और एनहांसमेंट में भी मदद मिलती है।
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