सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोग अधिक आलस महसूस करते हैं, ठंड की वजह से वे किसी भी काम को करने के पहले चार बार सोचते हैं। इस दौरान अधिकांश लोग हाइजीन के प्रति भी लापरवाह हो जाते हैं। अधिक ठंड होने की वजह से कई बार हम अपनी नियमित गतिविधियों के साथ टालमटोल करना शुरू कर देते हैं। हमारी यह लापरवाही सबसे पहले इंटिमेट एरिया को प्रभावित करती है। यही वजह है कि विंटर सीजन में यूटीआई का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है। यहां एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानते हैं इसका कारण और बचाव (Tips to avoid UTI in winter season) के उपाय।
सर्दी के मौसम में पसीना नहीं आता जिसकी वजह से महिलाएं रिलैक्स हो जाती हैं और उन्हें लगता है कि बार-बार अंडर गारमेंट्स बदलने की आवश्यकता नहीं है। वहीं कुछ महिलाएं ऐसे सोचती हैं, कि एक दिन यदि वेजाइना को वॉश न किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी, परंतु यह एक गलती सीधे यूईआई का कारण बन सकती है।
सर्दी ड्राई सीजन है और इस दौरान वेजाइना पहले से ही ड्राई होती है। जिसकी वजह से आपकी छोटी सी भी लापरवाही बैक्टीरिया और वायरस को अट्रैक्ट कर सकती है। ऐसे में सर्दियों में भी सभी को वेजाइनल हेल्थ को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता होती है। तो चलिए जानते हैं, इस मौसम किस तरह अपनी इंटिमेट हेल्थ का ध्यान रखना है और खुद को यूटीआई से प्रोटेक्ट करना है।
हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में फोर्टिस एस्कोर्ट्स, फरीदाबाद की सीनियर ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नीति कौतिश से बात की। डॉ नीति ने सर्दियों में यूटीआई से प्रोटेक्शन के कुछ खास टिप्स दिए हैं, तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे रखना है वेजाइना का ख्याल।
ठंड के मौसम में सबसे बड़ी गलती जो हम सभी करते हैं, वे है पानी न पीना। सर्दियों में प्यास कम लगती है, जिसकी वजह से लोग कम मात्रा में पानी पीते हैं। वहीं कुछ लोग पानी का सेवन बेहद सीमित कर लेते हैं, जिसकी वजह से उनमें तमाम स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। खासकर डिहाइड्रेशन की वजह से महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस स्थिति को अवॉयड करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और अपने बॉडी को हाइड्रेटेड रखें। उचित मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर में बैक्टीरिया का ग्रोथ नहीं होता और अनचाहे बैक्टीरियल ग्रोथ को फ्लश आउट करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा यह बॉडी से टॉक्सिक सब्सटेंस को बाहर निकाल देते हैं जिससे कि शरीर में किसी प्रकार के अनहेल्दी बैक्टीरिया का ग्रोथ नहीं होता। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
बहुत से लोगों में यूरिन होल्ड करने की आदत होती है। खास कर सर्दियों में लोग वॉशरूम जाने के आलस में लंबे समय तक पेशाब को रोके रहते हैं, जिसकी वजह से ब्लैडर में हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ सकता है। वहीं ये यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का कारण बनता है। यदि आप ऐसी किसी भी परेशानी को बुलावा नहीं देना चाहती हैं, तो सर्दियों में भी वॉशरूम जाने में आलस न करें। यूरिन पास करने की इच्छा होने पर फौरन ब्लैडर खाली कर दें, ताकि किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
सर्दियों में अक्सर महिलाएं हाइजीन के प्रति लापरवाही बरतना शुरू कर देती हैं, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बिना आलस के सर्दियों में भी अपनी पैंटी को कम से कम दो बार जरूर बदलें। हर बार यूरिन पास करने के बाद वेजाइना को टिशु से ड्राई करना न भूले। सर्दी का मौसम है, तो आप नियमित रूप से हॉट शावर लें और अपनी इंटिमेट एरिया को माइल्ड सोप से अच्छी तरह से साफ करें। ध्यान रखें कि गुनगुने पानी में 15 मिनट से अधिक समय न बिताएं अन्यथा बैक्टीरियल ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है।
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सर्दियों में वेजाइना ड्राई हो जाती है, जिसकी वजह से इचिंग और इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है। इन स्थितियों से बचने के लिए वेजाइना को मॉइश्चराइज रखें। इसके लिए एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। कोकोनट ऑयल की 4 से 5 बंदे आपकी वेजाइना को अच्छी तरह से मॉइश्चराइज रहने में मदद करेंगी।
हालांकि, आजकल बाजार में तरह-तरह के वेजाइनल क्रीम्स उपलब्ध है, जिन्हें भूल कर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इन्हें बनाने में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपकी वेजाइना को मॉइश्चराइज करने की जगह इन्हें बैक्टीरिया और वायरस का घर बना देते हैं। इसलिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
सर्दियों में महिलाएं वूलन और टाइट बॉटम वेयर पहनती हैं, ताकि ठंड से बचा जा सके। वहीं इस दौरान पसीना नहीं आता इसलिए कई महिलाएं कॉटन के अंडरवियर नहीं पहनती है। यह महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। गर्मी हो या सर्दी वेजाइना को हर मौसम पर्याप्त हवा की आवश्यकता होती है और उनकी त्वचा को भी खुलकर सांस लेने की आजादी मिलनी चाहिए। इसके लिए पूरे दिन वूलन और टाइट कपड़े पहन कर न रहे, कुछ देर ढीले और लूज कपड़े भी पहने। साथ ही सर्दी के मौसम में भी कॉटन के ढीले ढाले अंडर गारमेंट्स पहनना जरूरी है।
विंटर सुपरफूड्स जैसे कि संतरा, विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है और यूरिन में एसिड के स्तर को सामान्य रखता है। इससे इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया का ग्रोथ सीमित रहता है, इसके अलावा गाजर और स्वीट पोटैटो आदि में भी महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं जो सेहत को कई महत्वपूर्ण फायदे प्रदान करते हैं।
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