प्रेग्नेंट महिलाओं के पास बच्चे को जन्म देने के दो अलग-अलग तरह के विकल्प होते हैं। पहला विकल्प “वेजाइनल डिलीवरी” यानी की योनि से बच्चे को जन्म देना और दूसरा विकल्प “सिजेरियन डिलीवरी” यानी की पेट में कट लगाकर ऑपरेशन से बच्चे को बाहर निकलना। वेजाइनल डिलीवरी को बच्चे के जन्म का प्राकृतिक तरीका माना जाता है। क्योंकि सालों पहले जब मेडिकल की सुविधा सभी जगह मौजूद नहीं थी तो ज्यादातर महिलाओं को वेजाइनल डिलीवरी होती थी।
यहां तक की डॉक्टर और मेडिकल साइंस भी वेजाइनल डिलीवरी को अधिक प्राथमिकता देते हैं। ज्यादातर एक्ट्रेस और स्पोर्ट्स वूमेन अपने शरीर को प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही वेजाइनल बर्थ के लिए तैयार करती हैं। परंतु आपकी डिलीवरी कैसे होगी यह आपकी प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस, आपकी सेहत और आपके शारीरिक शक्ति पर निर्भर करता है (vaginal birth benefits)।
डॉ. आस्था दयाल , डायरेक्टर – आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी, सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम ने वेजाइनल डिलीवरी के कुछ महत्वपूर्ण फायदों पर बात की है। साथ ही उन्होंने बताया है, कि एक महिला अपने शरीर को वेजाइनल डिलीवरी (vaginal birth benefits) के लिए किस तरह तैयार कर सकती है।
“योनि से जन्म या नॉर्मल डिलीवरी के मां और बच्चे दोनों को कई लाभ होते हैं। सिजेरियन सेक्शन की तुलना में, इससे आमतौर पर रिकवरी का समय काफी कम होता है, जिससे मां अपनी नियमित गतिविधियां जल्दी शुरू कर पाती हैं। “
1. रिकवरी में लगता है कम समय : सी-सेक्शन की तुलना में, सामान्य योनि प्रसव से अक्सर रिकवरी का समय कम होता है। यह आपको अपने नवजात शिशु के साथ जल्दी से जल्दी संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है।
2. दर्द से जल्द मिल जाती है राहत : नॉर्मल डिलीवरी स्वाभाविक असुविधा के साथ आती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि वेजाइनल डिलीवरी कराने वाली महिलाओं को सी-सेक्शन वाली महिलाओं की तुलना में डिलीवरी के दौरान कम दर्द होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सामान्य योनि प्रसव के दौरान शरीर प्राकृतिक दर्द निवारक हार्मोन जारी करता है।
3. नहीं होता संक्रमण का जोखिम : सी-सेक्शन जैसी सर्जिकल प्रक्रियाओं में वेजाइनल बर्थ की तुलना में संक्रमण का थोड़ा अधिक जोखिम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सर्जरी के दौरान पेट में कट लगाया जाता है, और फिर टाके लगाए जाते हैं। जिन्हें हल होने में लंबा समय लगता है, और यह संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
4. अन्य कॉम्प्लिकेशंस का कम जोखिम होता है : वेजाइनल डिलीवरी हो या सी सेक्शन दोनों के अपने-अपने कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सी-सेक्शन की तुलना में नॉर्मल डिलीवरी में कुछ जटिलताओं का जोखिम कम हो सकता है। इनमें ब्लड क्लॉटिंग, नवजात शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्याएं और शल्य चिकित्सा संबंधी जटिलताएं शामिल हैं।
5. अस्पताल में काम समय बिताना होता है : नार्मल डिलीवरी या वेजाइनल डिलीवरी के बाद तेजी से रिकवरी होती है। इस दौरान आपको अस्पताल में कम समय तक रहना होता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
6. अगली बार भी हो सकता है नॉर्मल डिलीवरी : यदि आपने नॉर्मल डिलीवरी से अपने पहले बच्चे को जन्म दिया है, तो इसकी बहुत अधिक संभावना होती है कि दूसरा बच्चा भी नॉर्मल डिलीवरी से हो। परंतु एक बार यदि सी सेक्शन हो जाए तो बाद में आपको ऑपरेशन के तहत ही डिलीवरी करवानी पड़ती है। बहुत कम महिलाएं हैं, जो एक बार सिजेरियन मेथड से गुजर कर दूसरी बार में नॉर्मल डिलीवरी कर पाती हैं।
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7. ब्रेस्टफीडिंग में होता है लाभ : अध्ययनों से पता चलता है कि वेजाइनल डिलीवरी के दौरान हार्मोनल परिवर्तन दूध उत्पादन में मदद कर सकता हैं और सी-सेक्शन की तुलना में लैचिंग की कठिनाइयों को भी कम कर देता है।
नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा प्राकृतिक रूप से बर्थ कैनाल के नीचे आता है, जिससे कि बच्चों के लंग्स में मौजूद फ्लूइड रिमूव हो जाते हैं और उनमें रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है। वहीं नॉर्मल डिलीवरी अक्सर कॉम्प्लिकेशन फ्री प्रेगनेंसी में की जाती है। जब आपकी प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशंस नहीं होते तो यह बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
डॉ अस्था दयाल के अनुसार “शरीर को नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार करने में कुछ महत्वपूर्ण स्टेज शामिल होते हैं। सबसे पहले, गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर की सहायता के लिए, विटामिन और मिनरल्स, विशेष रूप से आयरन और कैल्शियम से भरपूर संतुलित आहार लें। बार-बार शारीरिक गतिविधि, जैसे चलना या प्रेगनेंसी योग का अभ्यास आपकी मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ा सकते हैं, जो नॉर्मल डिलीवरी में आपकी मदद करेगा और इसे आपके लिए आसान बनाएगा।”
“डिलीवरी की और सुविधाओं को नियंत्रित करने के लिए रिलैक्सेशन टेक्निक का उपयोग करें, जैसे डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और विजुलाइजेशन। पर्याप्त नींद लेना और पर्याप्त पानी पीना भी सामान्य स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। अंतिम लेकिन कम से कम, अपने बर्थ प्लानिंग और किसी भी चिंता पर अपने डॉक्टर से जरूर चर्चा करें। ताकि आप अपने डिलीवरी के दिन इनफॉर्मेटिव और आत्मविश्वास महसूस कर सकें। इस तरह की योजना जन्म देने के अनुभव में बड़ा बदलाव ला सकती है।”
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