पीरिसड्स के दिनों में पसीना, इचिंग और क्रैम्प्स आम समस्या है। इन समस्याओं के अलावा एक समस्या है रैशेज। जो मासिक धर्म के दौरान कई बार उठने बैठने में भी परेशानी का कारण बन जाते हैं। इसको दूर करने के लिए हम कई दवाओं और क्रीम्स का प्रयोग करते हैं। मगर पैड का गीलापन और पसीने के कारण रैशेज फिर से उभरने लगते हैं। जानते हैं, वो आसान नुस्खे जिनकी मदद से हम रैशेज और स्किन पर होने वाली रैडनेस की समस्या को दूर कर सकते हैं (period rashes home remedies)।
गर्मियों के मौसम में होने वाली स्वैटिंग (Sweating) के चलते पीरियड के दिनों में रैशेज और स्किन इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। रैशेज पर बार-बार होने वाली इचिंग से स्किन लाल होने लगती है। बैंगलोर के मदरहुड हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ संगीता गोम्स का कहना है कि पॉलीओलेफिन नाम के तत्व से सेनिटरी पैडस को तैयार किया जाता है। इसमें मौजूद एब्जॉर्वेंट जेल त्वचा पर इचिंग और जलन का कारण बन जाता हैं।
नूट्रिशनिस्ट व आयुर्वेद एक्सपर्ट मिनाक्षी कौशिक का कहना है कि एलोवेरा शरीर को ठण्डक प्रदान करता है। एंटीवायरल और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर एलोवेरा का इस्तेमाल पैड से होने वाले रैशेज या फिर कटने और छिलने पर उपचार के तौर पर काम करता है। स्किन पर होने वाली इरिटेशन से बचा जा सकता है। इसे आप रैशेज पर दिन में दो बार अप्लाई करें। एलोवेरा में मौजूद पानी की मात्रा शरीर को हाइड्रेट रखने में सहायक है। इसमें मौजूद नेचुरल ऑयल स्किन को मुलायम बनाता है और रैशेद को दूर भगाता है।
स्किन पर होने वाली खुजली को दूर करने के लिए बेकिंग सोडा का प्रयोग बेहद कारगर है। इसे लगाने से त्वचा पर मौजूद लालिमा दूर हो जाती है और सूजन भी कम होने लगती है। आप चाहें, तो टब में पानी भरकर उसमें बेकिंग सोडा डालें और कुछ देर बैठ जाएं। इसके अलावा बेकिंग सोडा में थोड़ा सा पानी मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें। अब उसे रैशेज के उपर लगाएं। इससे रैशेज की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है।
मैगनीशियम और मिनरल्स से भरपूर एप्सम सॉल्ट शरीर को कई प्रकार की दर्द और सूजन से दूर रखता है। इसमें मौजूद प्रापर्टीज शारीरिक अंगों पर होने वाली ख्ुजली को दूर कर देता है। एक टब पानी में 2 कप एप्सम सॉल्ट डालें। उसे 15 मिनट तक पानी में डाले रखें। जब वो पूरी तरह से घुल जाएं, तो उसमें कुछ देर बैठें और उसके बाद अफैक्टिड एरिया को पोंछकर। उस पर माइश्चराइज़र लगा दें।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के मुताबिक नारियल का तेल त्वचा पर होने वाले स्कार्स और रैशेज को दूर करता है। एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर कोकोनट ऑयल त्वचा को नमीयुक्त रखता है। इसे आप कॉटन की मदद से या फिंगर टिप्स पर लगाकर रैशेज पर अप्लाई कर सकते हैं। दिन में दो से तीन बार लगाने से रैशेज की समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।
समय समय सैनिटरी पैड को अवश्य बदलें अन्यथा रैशेज का खतरा बना रहता है।
गर्मी के मौसम में हाइजीन बनाए रखने के लिए अपने इंटिमेट एरिया को ड्राय रखें।
सही पैड का चुनाव करें, ताकि गीलेपन का एहसास न हो।
स्किन को पसीने से मुक्त रखने के लिए कॉटन अंडरवियर का इस्तेमाल करें।
अगर ब्लड का फ्लो ज्यादा है, तो लार्ज साइज़ के पैड का प्रयोग करें।
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