सुरक्षित यौन संबंध (Safe sex) आपका अधिकार है। और कंडोम इसमें ज्यादा मदद करती है। जब आपका पार्टनर कंडोम का इस्तेमाल करता है, तब आप न केवल अनचाहे गर्भ (Unwanted Pregnancy) से बचाती हैं, बल्कि एचआईवी, एड्स (HIV/AIDS) जैसे कई यौन संक्रामक रोगों (SIT) से सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। इसके बावजूद कंडोम के फटने, खिसक जाने या पार्टनर द्वारा इसके इस्तेमाल से कतराने जैसे मुद्दों का आपने भी सामना किया होगा। पर जानती हैं इन सबकी वजह क्या है? इसका कारण है गलत साइज़ की कंडोम। जी हां, कंडोम का साइज़ के बारे में जानकारी होना भी बहुत जरूरी है। इस विश्व एड्स दिवस, जानते हैं कंडोम के साइज़ (Condom size) से जुड़े ये महत्वपूर्ण तथ्य।
ये बात तो सब ही जानते हैं कि सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल आपको कई अनचाही चिंताओं से राहत देता है। लेकिन क्या आपने कभी कंडोम का उपयोग करते वक्त उसके साइज पर ध्यान दिया है? क्या आपने कभी सोचा है कि आप जिस कंडोम का इस्तमाल कर रहें हैं वो उचित साइज का है या नहीं?
कंडोम न केवल अनचाहे गर्भ से बचाता है, बल्कि यौन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। मगर गलत साइज का कंडोम आपको परेशानी में डाल सकता है।
सेक्स के दौरान अगर कंडोम सही साइज का नही है, तो कंडोम के साथ आपका पार्टनर असहज महसूस कर सकता है। यदि यह आरामदायक न हो, तो हो सकता है कि अगली बार आपका पार्टनर इसे न पहनने के बारे में सोचने लगे। इससे वे तमाम समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें रोकने में मदद करने के लिए कंडोम को डिज़ाइन किया गया है। यानी अनचाहा गर्भ या एसटीडी।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कुछ सालों पहले एक सर्वे किया था। जिसमें यह बात सामने आई थी कि ज्यादातर पुरुष सही साइज का कंडोम न चुन पाने के कारण, उसके इस्तेमाल से कतराते हैं। अब भी भारतीय पुरुषों के लिए सही कंडोम खरीदना किसी चुनौती से कम नहीं है। कई ब्रांड उपलब्ध हैं, प्रत्येक ब्रांड के कई अलग प्रकार हैं। इन सभी अलग-अलग साइज़ बाजार में उपलब्ध हैं।
ज्यादातर कंडोम,लेटेक्स से बने होते हैं, लेकिन कभी-कभी पॉलीयूरेथेन या अन्य सामग्रियों से भी इन्हीं तैयार किया जाता है। कंडोम को चिकित्सा उपकरण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसलिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) और अमेरिकन सोसाइटी फॉर टेस्टिंग एंड मैटेरियल्स जैसे समूहों द्वारा विनियमित मानकों को पूरा करना पड़ता है।
कंडोम को “एयर बर्स्ट” और “इलेक्ट्रिकल” परीक्षणों के माध्यम परखा जाता है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कंडोम छेद से मुक्त हैं और आसानी से फटेगी नहीं। आईएसओ एक मोटाई मानक भी अनिवार्य करता है और कंडोम की सेल्फ लाइफ के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।
कंडोम का सही साइज लिंग के साइज (Penis size) पर निर्भर करता है। लिंग का सामान्य आकार 5 – 7 इंच लंबा और 3.5 से 6 इंच मोटा होता है। लेकिन कंडोम का साइज़ लिंग के आकार से ज्यादा बनाया जाता है, जिससे कंडोम को सही तरीके से पहना जा सके और वीर्य निकलने पर कंडोम में स्टोर भी हो सके।
इन्हें बनाने वाली कई कंपनियां कंडोम को अलग-अलग आकार में बनाती हैं। ताकि हर पुरुष अपने साइज़ के अनुसार उसका उपयोग कर सके।
कंडोम का आकार चुनते समय बेस की चौड़ाई या कंडोम की रिंग या नीचे का बैंड, उसके ऊपरी हिस्से की चौड़ाई, शाफ्ट की लंबाई और शाफ्ट की चौड़ाई को ध्यान में रखना चाहिए। औसतन कंडोम आवश्यकता से थोड़े लंबे होते हैं।
यदि कंडोम को पहनने के बाद कुछ एक्स्ट्रा बच जाता है, तो इसका अर्थ है कि आपके पार्टनर को छोटे साइज़ की कंडोम चाहिए। पर यदि वह पूरी नहीं आ पाती है, तो लंबी या बड़े आकार के कंडोम का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है।
कंडोम के आकार का निर्धारण करते समय हमें कंडोम की लंबाई, चौड़ाई और कंडोम की परिधि का ध्यान रखना चाहिए। कंडोम खरीदते समय आप स्मॉल, मीडियम, लार्ज या एक्स्ट्रा लार्ज साइज़ चुन सकते हैं।
स्लिम फिट कंडोम : लंबाई 165.1mm, चौड़ाई 42.26mm, परिधि 96.52mm
ड्यूरेक्स कंडम : लंबाई 177.8mm, चौड़ाई 47.625mm,परिधि 95.25mm
माइक्रोथिन एक्सएल कंडोम : लंबाई 199.39mm, चौड़ाई 55.88mm,परिधि 111.76mm
मैग्नम एक्सएल कंडोम : लंबाई 212.09mm , चौड़ाई 50.8mm , परिधि 101.6mm
विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर कंडोम पुरुषों के लिए उपयोगी होते हैं, लेकिन यदि आप किसी कंडोम के इस्तेमाल से संतुष्ट नहीं हैं, तो अच्छा होगा कि आप किसी और ब्रांड या साइज़ के कंडोम का उपयोग करें। आप अपने डॉक्टर से भी कंडोम साइज को लेकर बात कर सकते हैं।