एस्ट्रोजन महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ (Reproductive health) के लिए एक जरूरी हॉर्मोन है। यह फीमेल रिप्रोडक्टिव और सेक्सुअल एक्टिविटीज को भी रेगुलेट करता है। एस्ट्रोजन हृदय और हड्डियों की सेहत के लिए भी महत्वपूर्ण है। परंतु कई बार बॉडी के कुछ रिस्पांस ऐसे होते हैं, जिनकी वजह से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। इसका अधिक होना भी आपकी सेहत को नकारात्म ढंग से प्रभावित करता है। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में जानते हैं क्यों बढ़ने लगता है महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन (why estrogen hormone increase) और क्या हो सकते हैं इसके जोखिम (side effect of high estrogen in women)। साथ ही जानेंगे इसे संतुलित (how to balance estrogen hormone in female) करने के उपाय।
शरीर में हॉर्मोन का बढ़ना या घटना दोनों ही आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में बढ़ते एस्ट्रोजन लेवल के पीछे के कारणों का पता होना बहुत जरूरी है। साथ ही सबसे पहले यह समझना होगा कि आखिर कौन से संकेत बताते हैं, कि शरीर में एस्ट्रोजन बढ़ गया है। तब इसे मैनेज करने की बात आती है (balance high estrogen naturally)।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मैत्री वुमन की संस्थापक, सीनियर कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजली कुमार से सलाह ली। डॉक्टर ने एस्ट्रोजन बढ़ने के संकेतों पर बात करने के साथ ही इसे मैनेज करने (how to balance estrogen hormone in female) के कुछ खास टिप्स दिए।
1. आपका शरीर बहुत अधिक एस्ट्रोजन बना रहा है।
2. आप जो दवा ले रही हैं उसमें आपको बहुत अधिक एस्ट्रोजन मिल रहा है।
3. आपका शरीर एस्ट्रोजन को तोड़ने में असमर्थ है।
महिलाओं में एस्ट्रोजन का उच्य स्तर उनके वजन बढ़ने, मूड स्विंग्स और गंभीर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) का कारण बन सकता है। वहीं पुरुषों में, यह इर्रेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है।
आपके शरीर में फैट के कम होने से आपके फैट सेल्स द्वारा स्रावित एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो सकती है। अपने वजन को लेकर पोषण विशेषज्ञ से बात करें, कि शरीर में वसा के प्रतिशत को सुरक्षित रूप से कैसे कम किया जाना चाहिए ताकि आपको आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहें और बॉडी में एक्स्ट्रा फैट भी जमा न हो।
बढ़ते स्ट्रेस के साथ बॉडी अधिक मात्रा में कोर्टिसोल रिलीज करना शुरू कर देती है। ऐसे में आपके शरीर में पैदा होने वाले स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा में कमी से आपके एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिल सकती है।
हेल्दी डाइट लगभग सभी परेशानियों का एक उचित समाधान है। सिमित मात्रा में रिफाइंड शुगर के साथ कम फैट, उच्च फाइबर वाले आहार से आपके लीवर के लिए एस्ट्रोजन को प्रोसेस करना आसान हो जाता है। इस प्रकार बॉडी में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
शराब के सिमित सेवन से या इनसे पूरी तरह से परहेज रखने से आपके लीवर को एस्ट्रोजन को तोड़ने में मदद मिलती है। ऐसे में आपके लिए एस्ट्रोजन को संतुलित रखना आसान हो जाता है।
कैफीन का आपके एस्ट्रोजन के स्तर पर अलग-अलग प्रभाव होता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप मासिक धर्म चक्र के किस भाग में हैं और आप कितनी कैफीन का सेवन करती हैं। यह स्पष्ट है कि कैफीन एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित करता है।
यदि आप अपने हार्मोन को संतुलित रखना चाहती हैं, तो इससे परहेज रखने से आपके एस्ट्रोजन के स्तर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
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