प्यार और सेक्स, हर किसी की जरूरत हो सकते हैं। जब आप किसी के प्यार में होती हैं, तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप दोनों के सामाजिक-आर्थिक स्तर पर में कितना अंतर है। प्यार में कई बार उम्र के दायरे भी टूट जाते हैं। पर जब ये सब प्यार में होता है, तो स्वभाविक लग सकता है और आप इसे हर तरह से मैनेज करने की भी कोशिश करती हैं। पर क्या हो जब आपसे बड़ी उम्र का शख्स केवल अपनी यौन जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको महंगे तोहफे, डिनर या आउटिंग का प्रलोभन दे? इस तरह के रिश्तों का भविष्य बहुत सुहावना नहीं होता। समय के साथ ये आपके व्यक्तित्व, कॅरियर और मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं शुगर डैडी (Sugar daddy) या शुगर डेटिंग (Sugar dating) के बारे में विशेषज्ञों की राय।
कई बार सब कुछ जानते-समझते हुए भी लड़कियां इस तरह की डेटिंग में शामिल हो जाती हैं। इसका उद्देश्य अपनी जरूरतों और लाइफस्टाइल को मेंटेन करना होता है। शुगर डेटिंग आमतौर पर अपने उम्र में काफी ज्यादा बड़े व्यक्ति को डेट करने को कहते हैं। जैसे की सामान्य रूप से डेट कर रहे दो लोगों को हम गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बुलाते हैं। ठीक उसी तरह शुगर डेटिंग में शुगर डैडी और शुगर बेबी बुलाते हैं।
शुगर डेटिंग में शुगर डैडी शुगर बेबी के सारे फाइनेंशियल नीड्स को पूरा करते हैं और शुगर बेबी उनके फिजिकल और इमोशनल नीड्स को पूरा करती है।
हालांकि, इस प्रकार की डेटिंग का प्रभाव किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा नकारात्मक हो सकता है। यह न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को बल्कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि ऐसे किसी भी संबंध में पड़ने से पहले आपके इसके सभी पहलुओं पर विचार कर लें। एक्सपर्ट से जानते हैं, किस तरह शुगर डेटिंग मानसिक तथा शारीरिक तनाव का कारण बन सकती है।
शुगर डेटिंग एक म्युचुअली बेनिफिशियल रिलेशनशिप है। जहां आप अपने से काफी बड़े उम्र के व्यक्ति को डेट करती हैं। वह इसके बदले में तरह-तरह के गिफ्ट्स और आर्थिक लाभ देते है और आपकी सभी जरूरतों को पूरा करते हैं। ऐसी रिलेशनशिप्स ज्यादातर उन्हें टारगेट करती हैं, जिनका इनकम काफी कम हो और उन्हें किसी तरह की फाइनेंशियल हेल्प की जरूरत हो। हालांकि, अंत में ऐसी रिलेशनशिप्स केवल मैनिपुलेशन और सेक्सुअल एक्सप्लोइटेशन पर जाकर खत्म हो जाती हैं।
शुगर डैडी अपने व्यक्तिगत जीवन से हटकर शुगर बेबी के साथ एक अलग प्रकार का संबंध रखते हैं। शुरुआत में व्यक्ति इसे काफी इंजॉय करता है, परंतु एक समय के बाद यह आपके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करने लगता है।
इस बारे में बात करते हुए रिलेशनशिप एक्सपर्ट ऋषि माथुर कहते हैं कि शुगर डेटिंग किसी से मिलने का एक स्वार्थपूर्ण, व्यावहारिक और संतोषजनक तरीका है, जो तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन कई ऐसी साइट्स हैं जो आपको एक शुगर गर्ल या ‘शुगर डैडी’ मुहैया करा सकते हैं। तेजी से बढ़ते इस ट्रेंड के तहत बने ऐसे रिश्ते कहीं नहीं पहुंचते और न ही इनका कोई सुरक्षित भविष्य होता है।
एक लग्जुरियस लाइफ जीने की आदत पड़ जाती है, परंतु यह स्थाई नहीं होता और बाद में इसे छोड़ना पड़ता है। जिस वजह से हमारी पर्सनल लाइफ बहुत ज्यादा प्रभावित होती है।
एक्सपर्ट माथुर कहते हैं कि शुगर डेटिंग में भी इमोशनल अटैचमेंट होने की संभावना बनी रहती है। किसी व्यक्ति के साथ समय बिताने और सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाने के बाद यह कोई बड़ी बात नहीं कि आप उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ जाएं। शुगर डैडी आपसे उम्र में काफी ज्यादा बड़े होते हैं और इमोशनली भी काफी स्ट्रांग होते हैं। परंतु ग्रोइंग एज में यंगर व्यक्ति काफी जल्दी अटैच्ड हो जाते हैं। जो बाद में आपके इमोशनल क्राइसिस का कारण बन सकता है।
बीतते समय के साथ एक्सपेक्टेशन्स बढ़ने लगती हैं। ऐसा दोनों ओर से हो सकता है। यदि दोनों में से किसी एक की भी एक्सपेक्टेशन्स बढ़ने लगें, तो यह रिलेशनशिप को काफी ज्यादा खराब कर देता है। यदि शुगर डैडी के एक्सपेक्टशंस बढ़ जाएं, तो हैरेसमेंट, सेक्सुअल एसॉल्ट और मैनिपुलेशन जैसी संभावनाएं बनी रहती है। इसके साथ ही वह आपके पर्सनल लाइफ को भी कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं।
ज्यादातर शुगर डैडी अपनी पर्सनल लाइफ से असंतोष के चलते ऐसे संबंध बनाते हैं। ऐसे में वह अधिकतर समय अपनी समस्याओं को लेकर बातचीत करते रहते हैं। वहीं एक शुगर बेबी की जगह होते हुए आपका काम है, उनके मेंटल स्ट्रेस को कम करना। चाहें आप खुद कितनी भी ज्यादा मानसिक परेशानियों से गुजर रही हों।
परंतु अपनी समस्याओं को परे रखते हुए उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देना आपकी जिम्मेदारी बन जाती है। एक्सपर्ट माथुर के अनुसार ऐसी रिलेशनशिप में आपको इमोशनल सपोर्ट नहीं मिल पाता। इस वजह से आप जीवन में नकारात्मक चीजों की ओर आकर्षित होना शुरु कर देती हैं।
ज्यादातर केसेज में शुगर डैडी मल्टीपल रिलेशनशिप में होते हैं। ऐसे में मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करने से कई तरह की सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है। शुगर बेबी होने से आप उन्हें अपने हिसाब से सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाने के लिए नहीं कह सकती।
वह जिस रूप में चाहे आपके साथ रिलेशन बनाते हैं। इसका सीधा मतलब है कि शुगर डैडीज हमेशा ज्यादा डोमिनेटिंग होते हैं। यह आपकी हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
ज्यादातर शुगर बेबी दिखाने के लिए तो काफी ज्यादा खुश होती है, परंतु अंदर से वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त रहती हैं। दोस्तों एवं आसपास के बाकी लोगों को एक हेल्दी रिलेशनशिप में देखने के बाद उनकी खुद की एक्सपेक्टशंस भी बढ़ने लगती है, जो कि एक शुगर डैडी कभी भी पूरा नहीं कर सकते। इसके साथ ही लग्जुरियस लाइफ मिलने के बाद भी शुगर बेबीज के अंदर एक गिल्ट रह जाता है। यह उन्हें मेंटली अनहेल्दी कर सकता है।
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