बरसात का मौसम हर किसी को पसंद होता है, लेकिन यह अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आता है। साथ ही वातावरण में उमस ज्यादा बढ़ने के कारण स्किन इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। इसलिए इस सीजन में बॉडी की केयर करना और भी ज्यादा जरूरी होता है। इनमें भी आपकी योनि सबसे ज्यादा संवेदनशील हिस्सा है। बरसात के मौसम में जब आप टाइट जींस या लैगीज पहनती हैं, तो इससे योनि स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। इसलिए मानसून में आपको टाइट जीन्स की जगह लूज पैंट्स पहनने पर ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इसके कारण।
मानसून में वातावरण में उमस ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण पसीना और उससे होने वाले इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ने लगता है। जिससे आपकी स्किन में रेड मार्क और इरिटेशन हो सकती है।
टाइट जींस पहनने से आपके इंटीमेट एरिया का एयर फ्लो रुक सकता है। जिससे आपको बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन हो सकता है। अगर आप लंबे समय तक टाइट जीन्स पहने रखती हैं, तो बॉडी में हीट बढ़ने के कारण इरिटेशन हो सकती है।
जनरल ऑफ न्यूरोलॉजी न्यूरोसर्जरी की रिसर्च के अनुसार लंबे समय तक टाइट जीन्स पहनने से आपको टखने की गंभीर कमजोरी हो सकती है। इसके अलावा टाइट जींस पहनने हिप ज्वाइंट रीड की हड्डी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
मानसून सीजन में लंबे समय तक टाइट जीन्स पहनने से बॉडी के ब्लड सर्कुलेशन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही आपकी नर्व कमजोर हो सकती है। जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है।
मानसून में टाइट-फिटिंग जींस पहनने से आपके निचले हिस्से में पसीना रहता है, जिससे जांघो और योनि में जलन, यीस्ट इन्फेक्शन और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा रहता है। ये आपके निचले शरीर में एयर फ्लो और ब्लड फ्लो को रोक सकता है।
जर्नल ऑफ जेनिटल ट्रैक डिजीज की रिसर्च में पाया गया कि टाइट-फिटिंग जींस या स्किनी पैंट वुलवोडीनिया का कारण बन सकती हैं। दरअसल वुलवोडीनिया एक ऐसी स्थिति है, जो वल्वा में बेचैनी और पुराने दर्द को उभारने का कारण बनती है।
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