दुनिया भर में अबॉर्शन के नियमों को आसान बनाने की मांग उठ रही है। और हम इसका समर्थन करते हैं। आपके शरीर पर आपका अधिकार है। यह निर्णय भी आप ही का है कि आप गर्भ रखना चाहती हैं या नहीं। कई स्वास्थ्य या अन्य स्थितियां ऐसी हो सकती हैं, जब गर्भपात करवाना आपके लिए जरूरी हो जाता है। तब इसके नियमों को आसान किया जाना जरूरी है। पर क्या आपने इसे वार्षिक गतिविधि समझ लिया है? अगर हां, तो समझिए कि अबॉर्शन कैसे एक महिला को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है।
अबॉर्शन (Abortion) कराना हर महिला के लिए एक कठिन निर्णय होता है। फिर चाहे वह किसी शारीरिक समस्या के कारण हो या किसी अनचाहे गर्भधारण के कारण। अबॉर्शन का निर्णय लेना शारीरिक (Physical), भावनात्मक (Emotional) और मनोवैज्ञानिक (Psychological) दोनों रूप से कठिन होता है।
भले ही अब यह ज्यादा आसान, सुलभ और सुरक्षित हो। मगर ऐसा कदम उठाने से पहले हमेशा दो बार सोचना चाहिए। इसलिए नहीं कि अबॉर्शन को लेकर कई सोशल टैबू हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि यह आपके शारीरिक (Physical Health) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को प्रभावित कर सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 73 मिलियन अबॉर्शन होते हैं। जिनमें 10 (61%) में से 6 अनचाही प्रेगनेंसी होती हैं, और 10 में से 3 (29%), प्रेरित गर्भपात होते हैं। अमेरिका में औसतन 10 में से 3 महिलाओं का 45 वर्ष की आयु तक एक अबॉर्शन हो जाता है।
डबल्यूएचओ (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक लगभग 45% गर्भपात असुरक्षित होते हैं, जिनमें से 97% विकासशील देशों में होते हैं। असुरक्षित गर्भपात (Unsafe Abortion) मृत्यु (Death) का एक प्रमुख कारण भी है। मगर इसे सही जानकारी के साथ रोका जा सकता है। यह महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जटिलताओं और सामाजिक और वित्तीय बोझ (Financial Burden) का कारण बन सकता है।
तो चलिये इस लेख के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं कि अबॉर्शन का समग्र स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है।
अबॉर्शन के बाद हर महिला की भावनाएं अलग होती हैं। पर्सपेक्टिव्स में प्रकाशित कुछ अध्ययनों के अनुसार गर्भपात के बाद महिलाएं काफी हद तक नेगेटिव महसूस कर सकती हैं। अध्ययन में 10 में से 4 महिलाओं नें किसी न किसी तरह का पारिवारिक मनमुटाव या पार्टनर से अलगाव महसूस किया। वहीं सिंगल लड़कियों के लिए इस भावना से उबरना और भी मुश्किल था।
यदि अबॉर्शन को सही तरह से न किया जाए, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हर साल, 4.7–13.2% मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती हैं। विकसित क्षेत्रों में, यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक 100, 000 असुरक्षित गर्भपात के लिए 30 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
विकासशील क्षेत्रों में, यह संख्या प्रति 100 000 असुरक्षित गर्भपात पर 220 मौतों तक बढ़ जाती है। 2012 के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि अकेले विकासशील देशों में, असुरक्षित गर्भपात की जटिलताओं के लिए प्रति वर्ष 70 लाख महिलाओं का अस्पताल में इलाज किया जाता था।
अधूरा गर्भपात (गर्भाशय से सभी गर्भावस्था के ऊतकों को हटाने या निकालने में विफलता)
रक्तस्राव (भारी रक्तस्राव)
संक्रमण
यूट्रीन पर्फोरेशन (uterine perforation) यह तब होता है जब गर्भाशय को किसी नुकीली चीज से छेदा जाता है। तथा योनि या गुदा में खतरनाक वस्तुओं को डालने के परिणामस्वरूप जननांग पथ और आंतरिक अंगों को होने वाला नुकसान।
अमेरिकन प्रेगनेंसी एसोसिएशन के अनुसार, अबॉर्शन निम्नलिखित प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है:
तनाव
एंग्जाइटी
अवसाद
गिल्ट
क्रोध
शर्म
अकेलापन
कम आत्मसम्मान
गर्भपात के बाद अनिद्रा या अन्य नींद संबंधी विकार, खाने के विकार या आत्महत्या के विचार भी आ सकते हैं। कुछ महिलाएं, जिन्हें गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया गया हो उनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करने की संभावना अधिक हो सकती हैं।
यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो अपनी सेहत का खास ख्याल रखें और इसे नज़रअंदाज़ न करें। हमारा सुझाव है कि सेफ सेक्स करें जिससे आपको अबॉर्शन के बारे में सोचना ही न पड़े। हर कोई इस तरह की प्रक्रिया के लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है। मगर जो भी हो, गर्भपात के कारण होने वाली समस्याओं, भावनाओं और स्थितियों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
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