क्या वाकई पीरियड्स में रनिंग करना सेफ है? जानते हैं इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पीरियड के दौरान महिलाओं को दर्द, थकान और ऐंठन जैसी तमाम तरह की परेशानी होती हैं। इन परेशानियों को कम करने के लिए महिलाएं कई प्रकार के उपाय भी करती हैं। ऐसा ही एक सरल उपाय पीरियड में रनिंग करना भी है। आप सोच रही होंगी कि पीरियड में रनिंग करनी चाहिए या नहीं। इस सवाल का जवाब आपको इस लेख में मिलेगा। ताकि आप जान सकें कि पीरियड में रनिंग (Running in period) करना फायदेमंद है या नहीं।
क्या पीरियड में रनिंग करनी सेफ है?
अगर आपके मन में भी यह सवाल उठता है तो इसका जवाब है हां, पीरियड में रनिंग कर सकते हैं। NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर प्रकाशित रिसर्च में भी इसका उल्लेख है। रिसर्च के मुताबिक, एरोबिक एक्सरसाइज PMS यानी मासिक धर्म में होने वाले लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकती हैं। एरोबिक एक्सरसाइज में से एक रनिंग भी है।
जगन्नाथ विश्वविद्यालय, जयपुर के फिजियोथेरेपी विभाग ने मासिक धर्म के लक्षण जैसे कि पेल्विक पेन से राहत पाने के लिए कुछ एक्सरसाइज पर रिसर्च की। इसमें जॉगिंग, एरोबिक और कार्डियक व्यायाम शामिल थे। कुछ महिलाओं को आठ हफ्ते तक ये एक्सरसाइज करने से मासिक धर्म के लक्षणों से राहत मिली। इस आधार पर कह सकते हैं कि PMS से राहत पाने के लिए रनिंग ही नहीं, बल्कि जॉगिंग (स्लो रनिंग) भी फायदेमंद है।
अब जानिए आपके लिए कैसे फायदेमंद है पीरियड में रनिंग करना
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पेल्विक दर्द से राहत में मददगार
पीरियड में रनिंग करने के फायदे में पेल्विक दर्द से राहत पाना शामिल हो सकता है। NCBI पर प्रकाशित शोध में पाया गया है कि इस दौरान एरोबिक एक्सरसाइज करने से पेल्विक दर्द के जोखिमों को कुछ हद तक कम करने में सहायता मिलती है। आपको बता दें कि एरोबिक एक्सरसाइज में रनिंग को भी शामिल किया जाता है।
2. कम होते हैं पीएमएस के लक्षण
पीरियड में रनिंग करने के फायदे में PMS के लक्षणों में कमी को भी गिना जाता है। NCBI पर प्रकाशित शोध के दौरान रनिंग करने वाली महिलाओं में मासिक धर्म के लक्षण में कम देखे गए। एक अन्य शोध की मानें, तो मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज अच्छा विकल्प है, जिसमें एरोबिक एक्सरसाइज जैसे कि रनिंग, तेज चलना, टेनिस खेलना भी शामिल है।
3. मूड बेहतर करने में फायदेमंद
पीरियड में रनिंग करने के लाभ के रूप में मूड बेहतर करने को भी देखा जाता है। NCBI में मौजूद एक रिसर्च की मानें, तो शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क एंडोर्फिन के तंत्र को प्रभावित कर सकती है, जिससे मूड में बदलाव नज़र आ सकता है। बताया जाता है कि इस दौरान शारीरिक गतिविधि करने से मूड बेहतर करने के साथ ही एनर्जी से भरपूर रहने में भी सहायता मिलती है
इन बातों का भी रखें ध्यान
- पीरियड में रनिंग करते समय याद रखें कि बेहद तेज गति में न दौड़ें।
- लगातार दौड़ने के बजाय बीच में थोड़ा ब्रेक लेकर ही दौड़ें।
- पीरियड में रनिंग करते समय हेवी फ्लो हो सकता है, इसलिए रनिंग पर जाने से पहले पैड बदलना न भूलें।
- रनिंग पर जाने से पहले कोशिश करें कि खुद को हाइड्रेट रखें।
- यदि पीरियड में दर्द अधिक हो रहा हो, तो रनिंग पर न जाएं।
- शाम के वक़्त रनिंग पर जा रहीं हैं, तो खाना खाने के 30 मिनट से एक घंटे बाद ही जाएं।