क्या आपका पार्टनर किसी और के साथ भी इमोशनल बॉन्ड में है? ताे जानिए ये चीटिंग से कैसे अलग है

कुछ लोगों का अपनी भावनाओं पर काबू नहीं होता। वे एक ही समय में एक से ज्यादा लोगों के साथ भावुक रिश्ता कायम कर लेते हैं और कई बार यह रिश्ता उनकी प्रतिबद्धता पर ही सवाल उठाने लगता है! मनोविज्ञान में इसे पॉलीमोरी कहा गया है।
परिवार और दोस्तों के साथ करता है मदद।
Published On: 13 Mar 2023, 08:32 pm IST

दौड़ती-भागती जिंदगी में कभी-कभी पार्टनर के अलावा भी भावनात्मक संबंध बन जाते हैं। ये संबंध इतने गहरे होते हैं कि वे कब इंटिमेट रिलेशन में तब्दील हो जाते हैं कहना मुश्किल होता है। पर जब पार्टनर को इस बारे में पता चलता है, तो रिश्ते में खटास आने लगती है। कभी-कभी तो रिश्ता टूटने या तलाक तक की नौबत आ सकती है। कुछ को अपने ऊपर विश्वास होता है और वे धीरे-धीरे अपने पार्टनर को दूसरे व्यक्ति के आकर्षण से हटाने की कोशिश करते हैं। जब किसी भी व्यक्ति का एक व्यक्ति से अधिक भावनात्मक संबंध हो जाए, तो यह पॉलीमोरी रिलेशन (Polyamory relation) कहलाता है।

जब पार्टनर पॉली हो जाये

किस तरह का है यह पॉलीमोरी रिलेशन और जब पार्टनर पॉली हो जाये, तो क्या करना चाहिए। इसके बारे (Polyamory) में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और थेरेपिस्ट रिया गांधी ने विस्तार से बताया है।

क्या पॉलीमोरी होना रिश्ते में बेवफाई है (Polyamory relation)?

जानते-समझते हुए किसी एक व्यक्ति के एक ही समय में कई प्रेमपूर्ण और अंतरंग संबंध हो जाते हैं। पॉलीमोरी एक प्रकार का खुला या नॉन मोनोगेमस (Non-Monogamous) संबंध होता है। यह कुछ दिशानिर्देशों का पालन करता है। पॉलीमोरी शब्द विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रयोग में लाया जाता है, जिनके एक ही समय में कई रोमांटिक संबंध होते हैं।

पॉलीगेमी से अलग (Polygamy) 

पॉलीमोरी में दो या दो से अधिक लोगों के बीच प्रतिबद्ध रिश्ते शामिल होते हैं। आमतौर पर रोमांटिक रिश्ते। लेकिन यह अनिवार्य रूप से पॉलीगेमी यानी बहुपत्नी संबंध (Polygamy) से अलग होता है। पॉलीमेरी में होने का मतलब है कि आपके और आपके साथी के पास अन्य लोगों के साथ डेटिंग करने का विकल्प है।

इसे थ्रॉपल भी कहा जा सकता है (Throple)

पॉलीमेरी ही विदेश में थ्रॉपल (Throple) के रूप में चर्चित है। यह तीन लोगों के बीच एक रिश्ता है, जिसमें शामिल सभी लोग सहमति से रोमांटिक और प्यार भरे रिश्ते में एक साथ रहने के लिए सहमत हुए हैं। पॉलीगेमी में कई भागीदारों से विवाह करना शामिल है। जबकि पॉलीमोरी रिश्ते में एक सीमा तय होती है। यहां व्यक्ति अपने पार्टनर को धोखा नहीं देना चाहता। मगर अपनी भावनाओं को कंट्रोल करने की हिम्मत भी उसमें नहीं होती। रिया गांधी कहती हैं कि अगर आपका पार्टनर पॉली है, तो कुछ प्रश्न आपके सामने उठ सकते हैं।

आप कैसा फील करती हैं?

आप कैसा फील करती हैं। आपकी यह फीलिंग कहां से आती है। क्या इस फीलिंग पर आप काम करना चाहती हैं? इस पर काम कैसे शुरू करना चाहेंगी। इस तरह के कई प्रश्न आपके सामने होंगे। आपके ये प्रश्न बताते हैं कि आप पार्टनर को लेकर इनसिकयोर फील कर रही हैं। यदि ऐसा है, तो आप सोचने-विचारने का वक्त लें। यदि आप उनके साथ आगे भी समय गुजारना चाहती हैं, तो डांटने-फटकारने की बजाय उनकी पसंद और विचार जानने की कोशिश करें।

यदि पार्टनर के साथ आगे का जीवन बिताना चाहती हैं तो यहां हैं आपकी मदद करने के लिए 5 टिप्स

1 पार्टनर के साथ संवाद करें (Communication)

यदि जीवन उनके साथ बिताना चाहती हैं, तो उनके साथ संवाद करें। वे पॉलीमोरी रिलेशन से क्या हासिल करना चाहते हैं, यह जानने की कोशिश करें। संभव है कि वे इन्सिक्योर फील करते हों। उनकी कुछ अलग जरूरतें हों। ये सारी बातें बातचीत से ही सामने आएंगी।

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2 उन्हें इग्नोर नहीं एक्सेप्ट करें (Acceptance) 

हर व्यक्ति सामने वाले की हर मांग पूरी नहीं कर सकता है। फिर वह किसी दोस्त या किसी रिश्ते की ओर मुड़ जाता है। यहां पौराणिक कहानी द्रौपदी का उदाहरण दिया जा सकता है। यदि आप उनमें सुधार लाना चाहती हैं, तो उन्हें इग्नोर नहीं करें।

पार्टनर को इगनोर करने की बजाय उन्हें एक्सेप्ट करें ।चित्र : एडोबी स्टॉक

खुद के साथ-साथ दूसरे लोगों के बीच भी उनकी एक्सेप्टेंस बढ़ाएं। अगर उन्हें सुधारना चाहती हैं, तो ऐसे लोगों की नहीं सुनें जो उन्हें एक्सेप्ट नहीं कर पा रहे हैं।

3 प्यार और ईमानदारी (Love and Honesty) 

इंटिमेट रिलेशन का कोई नियम नहीं है। प्यार और ईमानदारी से भी बढ़िया परिणाम हासिल किये जा सकते हैं।
आपके पास भी चॉइस है। यदि आप पॉलीमोरी पार्टनर को स्वीकार करती हैं, तो आप उन्हें लज्जित नहीं कर सकती हैं। बल्कि उनकी जरूरतों को समझना और स्वीकार करना होगा

4 जल्दबाजी में नहीं रहें

किसी जल्दबाजी में नहीं रहें। इससे बना हुआ काम भी बिगड़ जाता है। इसके परिणाम तुरंत नहीं आ सकते।

बहुत अधिक सोचना या जल्दबाजी करना सही नहीं है। चित्र : एडोबी स्टॉक

आपको धैर्य के साथ इंतज़ार करना ही पड़ेगा बुरी लतों को दूर करने के लिए। विश्वास और जागरुकता ही मदद कर सकती है।

5 अपनी सीमाओं को भी पहचानें

अपनी आशा और सीमा दोनों को ईमानदारी के साथ उनके सामने प्रस्तुत करें। पर एक सीमा तक ही। यदि आपको लग रहा है कि वे खुद में सुधार नहीं लाना चाहते हैं, तो आपका प्रयत्न करना बेकार है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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