अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान की वजह से आज मोटापा सबसे बड़ी दिक्कत बन गया है। अगर रिपोर्ट्स की मानें, तो भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है जहां अधिक वज़न वाले और मोटापे से ग्रस्त लोग रहते हैं। आमतौर पर लोग मोटापे को बीमारी नहीं मानते। जबकि मोटापा ही बीमारियों की जड़ है। मोटापे से दिल की बीमारियों, हाइपरटेंशन, टाइप 2 मधुमेह सहित कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप भी मोटापे की शिकार हैं, तो आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि मोटापा न केवल आपके स्वास्थ्य को, बल्कि आपकी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकता है। यह महिला व पुरुष दोनों की यौन शक्ति कमजोर करता है।
मोटापे से पीड़ित कई पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) से भी पीड़ित होते हैं। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन की प्रवक्ता, एमडी, इरा शार्लिप के अनुसार, “40-70 वर्ष की आयु के बीच के 53 प्रतिशत पुरुषों में कुछ हद तक इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है।”
लास वेगास में आयोजित नॉर्थ अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ओबेसिटी शोध में सामने आया है कि जब कोई व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त होता है, तो उसका यौन जीवन अक्सर प्रभावित होता है। उनके सेक्स, प्रदर्शन और आनंद की इच्छा शून्य हो सकती है। कई लोग पूरी तरह से सेक्स से बचते हैं।
वास्तव में, सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में मोटे लोगों के अपने यौन जीवन में समस्याओं की रिपोर्ट करने की संभावना 25 गुना अधिक होती है।
अध्ययन में 928 मोटे पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया – औसत बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 40 से अधिक। सभी मोटे लोग – प्लस 282 सामान्य वजन वाले लोगों – ने अपनी सेक्स लाइफ से जुड़े चार पहलुओं के बारे में प्रश्नावली पूरी की: यौन गतिविधि का आनंद, यौन इच्छा, यौन प्रदर्शन में कठिनाई और सेक्स से बचना।
अध्ययन के मुताबिक 50% को सेक्स की इच्छा प्रकट करने में कठिनाई हुई, 42% को प्रदर्शन की समस्या थी, और 41% ने सेक्स से परहेज किया। तो वहीँ सामान्य-वजन वाले समूह में, 2% को सेक्स संबंधी समस्या थी और 3% ने सेक्स से परहेज किया।
मोटापे की वजह से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है। शरीर में फैट्स बढ़ने की वजह से सेक्स हार्मोन के स्तर में गिरावट आ जाती है, जिसकी वजह से कामेच्छा कम हो जाती है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जब शरीर का फैट कम या ज़्यादा होता है, तो उसका सीधा असर कामेच्छा पर पड़ता है।
बॉडी शेमिंग यानी मोटे शरीर को लेकर झिझक और शर्म महसूस करने की वजह से यह एक साइकोलॉजिकल समस्या भी बन गई है।
ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में ड्यूक डाइट एंड फिटनेस सेंटर में व्यवहारिक स्वास्थ्य के निदेशक, इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता, पीएचडी, एक मनोवैज्ञानिक, मार्टिन बिंक्स कहते हैं कि – ” जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं उन्हें इसे खुद परिभाषित करने नहीं देना चाहिए। वे किसी और की तरह एक अच्छे जीवन और सेक्स लाइफ के हकदार हैं। और उन्हें इसे सुधारने के लिए काम करने के लिए अपने शरीर या अपने वजन से नफरत करने की ज़रूरत नहीं है।”
इसलिए, अगर कोई वास्तव में इस समस्या से जूझ रहा है, तो उसे कुछ मदद लेने की जरूरत है।
सही और संतुलित खानपान की आदत डालें, और यदि आप जंक फ़ूड खाने की शौक़ीन हैं, तो इसे मॉडरेशन में ही खाएं।
अपने खानपान में नमक और मीठे की मात्रा कम करें, यह कई बीमारियों को बुलावा दे सकता है।
ताज़े फल और हरी सब्जियां खाने पर ज्यादा ध्यान दें, यह आपके शरीर के लिए ज़रूरी हैं।
नियमित एक्सरसाइज करना बेहद ज़रूरी है। इसका कोई और विकल्प नहीं है।
कसरत करने के बाद भी अपने जीवन और रोज़मर्रा के कार्यों में एक्टिवनेस बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
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