मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सभी के डोर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब किसी एक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो अगला खुद व खुद प्रभावित हो जाता है। आज हम बात करेंगे मानसिक स्वास्थ्य और सेक्सुअल हेल्थ के कनेक्शन के बारे में। इस समय मेंटल हेल्थ संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, और इसका सीधा असर सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ता है, जिसकी वजह से पार्टनर के साथ आपका रिश्ता भी प्रभावित हो सकता है।
इस बारे में गहराई से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्स्ट्रक्ट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की लीड कंसलटेंट डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। तो चलिए जानते हैं आखिर मानसिक स्वास्थय आपके सेक्सुअल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है (mental and sexual health connection)।
आस्था दयाल के अनुसार “व्यक्ति का सेक्सुअल हेल्थ उनके मानसिक स्वास्थ्य से बहुत प्रभावित होता है, जो शारीरिक निकटता के साथ भावनात्मक स्थिरता को जोड़ता है। ऐसे में जब व्यक्ति मानसिक रूप से असंतुलित होता है, तो ऐसे में उनके लिए अपने पार्टनर के साथ कनेक्शन बना पाना मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से फिजिकल कनेक्शन बनाने में भी परेशानी आती है।”
सेक्सुअल डिजीज और लिबिडो में कमी तनाव, चिंता और उदासी सहित कई अन्य बीमारियों का परिणाम हो सकती है। इन सभी मानसिक स्थितियों में शरीर में कोर्टिसोल यानि की स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से योन इच्छा में कमी आ सकती है। इसके अलावा भी बॉडी के कई अन्य हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, और शरीर सामन्य से अलग काम करना शुरू कर देती है।
डिप्रेशन और एंग्जाइटी की स्थिति में सेक्स के दौरान अत्यधिक चिंता हो सकती है, जो व्यक्ति के सेक्सुअल परफॉर्मेंस को ख़राब कर सकती है और उनमें सेक्सुअल डिजायर को कम कर सकती है। चिंतित होने पर व्यक्ति का मन शांत नहीं रहता, जिसकी वजह से उनका ब्रेन सेक्स की जगह अन्य जगहों पर फोकस करता है और ऐसे में परफॉरमेंस पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
एक्सपर्ट के अनुसार “डिप्रेशन के परिणामस्वरूप अक्सर सेक्स जैसी प्लेजरेबल गतिविधियों में रुचि कम हो जाती है। सेक्सुअल डिजायर में कमी कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे थकान और नींद के बदलते पैटर्न के साइड इफेक्ट्स से भी प्रभावित होती है।” इन सभी के बिच आपको सेक्स बोझ लगने लगता है। बहुत से लोग तनाव में सेक्स को प्रेशर के तौर पर लेना शुरू कर देते हैं और पाने पार्टनर को ब्लेम करते हैं।
तनाव और चिंता की स्थिति में शरीर में हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं खासकर कोर्टिसोल के स्तर में उतर चढ़ाव आता है। जिसकी वजह से सेक्सुअल हॉर्मोन्स पर भी असर पड़ता है और महिलाओं में लिबिडो की कमी आ जाती है। वहीं तनाव में सेक्सुअल गतिविधियों पर फोकस न होने के कारण महिलाओं को उत्तेजित होने में भी समय लगता है। ऐसे में नेचुरल ल्युब्रिकेन्ट्स की कमी के कारण वेजाइनल ड्राइनेस प्रभावित कर सकता है, और यह पेनिट्रेशन को बेहद पेनफुल बना देता है।
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ऑर्गेज्म तक पहुंचने के लिए नेचुरल ल्युब्रिकेंट और सेक्सुअल गतिविधियों पर फोकस रहना बहुत जरुरी है। परन्तु तनाव की स्थिति में ये दोनों फैक्टर्स पहले से ही प्रभावित होते हैं। ऐसे में ऑर्गेज्म प्राप्त करना काफी मुश्किल होता है।
डॉ कहती हैं कि “मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए दवा के उपयोग से सेक्सुअल हेल्थ प्रभावित हो सकता है। उदाहरण के लिए, एंटी डिप्रेसेंट दवाओं के नकारात्मक प्रभावों में लिबिडो की कमी और सेक्सुअल प्लेजर को कम करने जैसे साइड इफेक्ट्स शामिल हैं।
यह एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है, क्युकी मेंटल प्रोब्लम्स का ट्रीटमेंट भी जरुरी है, साथ ही लिबिडो की कमी को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में संभावित रूप से तनाव और अपर्याप्तता की भावनाएं बदतर हो जाती हैं।
हेल्दी सेक्सुअल लाइफ मेंटेन करने के लिए इमोशनल क्लोजनेस्स भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे भावनात्मक अलगाव और संचार समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जो आपके सेक्सुअल रिलेशनशिप में तनाव को बढ़ा देते हैं। एक सैटिस्फाइड सेक्सुअल लाइफ विश्वास, निकटता और भावनात्मक सुरक्षा पर बनाया जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से कमजोर होने पर गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
मेंटल हेल्थ के प्रभावित होने पर सेक्सुअल हेल्थ खुद ब खुद प्रभावित हो जाता है। ऐसे में इस स्थिति से डील करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
यदि आप स्ट्रेस, एंजाइटी, डिप्रेशन आदि जैसी मानसिक स्थितियों का सामना कर रही हैं, तो इस बारे में अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। यदि आप अपनी स्थिति को पार्टनर से छिपाती रहती हैं, तो ऐसे में पार्टनर की उम्मीदें बढ़ती हैं। ऐसे में जब आप उनके सेक्सुअल डिजायर को पूरा नहीं कर पाती तो मनमुटाव हो सकता है। इसलिए अपनी शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक स्थितियों को अपने पार्टनर के सामने खुलकर व्यक्त करें।
नियमित रूप से माइंडफुलनेस और तनाव कम करने की टेक्निक्स का अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों को कम किया जा सकता है और व्यक्ति के सेक्सुअल लाइफ में सुधार हो सकता है। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और योग व्यक्ति को आराम करने में मदद करता है। इस प्रकार आप सेक्सुअल परफॉर्मेंस पर तनाव और चिंता के प्रभाव को कम कर सकती हैं।
नियमित शारीरिक गतिविधि में भाग लें, पर्याप्त नींद लेना और संतुलित आहार बनाए रखना मानसिक स्वास्थ्य और सेक्सुअल हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। व्यायाम एंडोर्फिन जारी करता है, जिससे अवसाद और चिंता के लक्षण कम होते हैं, जबकि एक स्वस्थ आहार यौन क्रिया सहित समग्र कल्याण का समर्थन करता है।
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों पर काबू पाने के लिए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। एक चिकित्सक या मनोचिकित्सक पीड़ित व्यक्ति को अंतर्निहित मुद्दों की पहचान करने और उनका समाधान करने, मुकाबला करने की स्ट्रेटजी बनाने और यदि आवश्यक हो तो दवाएं प्रिस्क्राएब कर सकता है। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य एक बेहतर सेक्सुअल हेल्थ की ओर ले जा सकता है।
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