महिलाएं अक्सर दुविधा में रहती हैं कि योनि की सफाई की जाये या नहीं। यदि पानी से सफाई की जाए, तो पानी के साथ केमिकल युक्त प्रोडक्ट लिया जाए या नहीं। योनि को साफ़ गर्म पानी से किया जाए या ठंडे पानी से। शोध बताते हैं कि योनि की सफाई सावधानीपूर्वक करनी चाहिए। इसमें पानी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योनि की सफाई इस तरह पीएच बैलेंस बरकरार रहना चाहिए। आइये जानते हैं गर्म पानी से सफाई (Hot water for vagina) के बारे में शोध क्या कहते हैं।
ओब्स्टेट गायनेकोलोजी जर्नल में गर्म पानी से वेजाइना की सफाई पर एक शोध आलेख प्रकाशित किया गया। जापान के शोधकर्ता मित्सुहारु ओगिनो, कोइची इनो और शिगेकी मिनौरा ने जापानी महिलाओं पर शोध किया। जापान में गर्म पानी से वेजाइना और एनस की सफाई का प्रचलन है। इसके लिए बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण किया गया। रीप्रोडक्टिव एज की 268 नॉन प्रेगनेंट महिलाओं को इसके लिए शामिल किया गया था । इसमें पाया गया कि गर्म पानी का इस्तेमाल करने वाली अधिकांश महिलाएं सूजन के साथ बैक्टीरियल वेजिनोसिस से पीड़ित थीं। वर्तमान अध्ययन बताता है कि गर्म पानी से योनि का माइक्रोफ्लोरा प्रभावित हो जाता है।
(Lactobacillus)) मौजूद नहीं था, जबकि गर्म पानी का उपयोग नहीं करने वाली महिलाओं में यह मौजूद था। 268 मामलों गैर-उपयोगकर्ताओं की तुलना में पानी का उपयोग करने वाली महिलाओं में अन्य बैक्टीरिया से होने वाला इन्फेक्शन भी 4-6 गुना अधिक था।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन संस्थान के अनुसार, योनि अपने-आप साफ हो जाती है। उसे धोने की जरूरत नहीं पडती है। यदि गर्म पानी से नहा रही हैं, तो योनि तक बहुत अधिक गर्म पानी नहीं जाना चाहिए। यदि पानी से साफ़ करना है, तो हल्के गुनगुना पानी के साथ हल्के या बिना गंध वाले साबुन से योनि को धोएं। इसके लिए लेबिया को अलग कर लेना चाहिए।
हल्के गर्म पानी और साबुन को क्लिटोरल हुड के चारों ओर लेबिया के बीच साफ करना चाहिए। यह स्किन की सिलवटों के बीच फंसे किसी भी प्रकार के स्राव को अच्छी तरह धो देता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पानी बहुत गर्म नहीं हो। कभी भी योनि में साबुन का पानी या साबुन नहीं छूटना चाहिए।
योनि के लिए फेमिनिन डिओडोरेंट स्प्रे, बबल बाथ, वाइप्स, बाथ ऑयल या किसी प्रकार के सुगंधित उत्पादों का उपयोग नहीं करें। इससे जलन, एलर्जी पैदा हो सकता है। इसके कारण योनि को साफ करने वाले प्राकृतिक तरल पदार्थ हट सकते हैं।
इंटरनेशनल कमिटी ऑफ मेडिकल जर्नल एडिटर्स के अनुसार, योनि को सूखा यानी पानी रहित रखना जरूरी है। बहुत अधिक ठंडा पानी भी योनि संक्रमण को बुलावा देता है। इसलिए अंडरगारमेंट्स को भी सूखा रखना जरूरी है। पीरियड के दौरान 3-4 घंटे के बाद सैनिटरी पैड बदलना जरूरी है न कि गर्म या ठंडे पानी से धोना।
वीमेन हेल्थ जर्नल के अनुसार, गर्म पानी और नमी की मौजूदगी से स्किन के साथ फ्रिक्शन हो सकता है। इससे योनि के पीएच में बदलाव हो सकता है। इससे प्रोबिओटिक्स के बढ़ने और संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
वहीं दूसरी ओर वीमेन हेल्थ जर्नल सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करने की सलाह देता है। सेक्स के बाद योनि को जरूर साफ करना चाहिए। लेकिन गर्म पानी और साबुन के प्रयोग से बचना चाहिए। ठंड के दिनों में गुनगुने पानी का प्रयोग किया जा सकता है। पानी से बचने के लिए बहुत अधिक टाइट कपड़े और टाइट अंडर गार्मेंट पहनने से बचना चाहिए।
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