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क्या अर्ली प्यूबर्टी लड़कियों की ग्राेथ पर भी असर करती है? जानिए इस बारे में क्या कहती हैं एक्सपर्ट

यदि आपकी बेटी या बहन को अर्ली प्यूबर्टी हो गई है और आप डर रही हैं कि उसका कद नहीं बढ़ पाएगा। तो परेशान न हों, क्योंकि इसे काफी हद तक संभाला जा सकता है।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:19 pm IST
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puberty age
प्यूबर्टी एज गेन करने के बाद लड़कियों को कुछ जरूरी बातें जाननी चाहिए। चित्र:शटरस्टॉक

अर्ली प्यूबर्टी अब आम बात हो गई है। जंक फूड के कारण लड़कियों में फैट डिपोजिशन अधिक हो रहा है। साथ ही तनाव, अवसाद, गर्म वातावरण, इंटरनेट व मोबाइल पर उपलब्ध एडल्ट कंटेंट भी अर्ली प्यूबर्टी का कारण बन रहे हैं। प्यूबर्टी बहुत सारे तनाव, हॉर्मोनल बदलावों और क्रैम्प्स के साथ आती है। इनका सामना हर लड़की को करना पड़ता है, भले ही उसकी उम्र 9 साल हो या 11। पर एक मां या बड़ी बहन के तौर पर आप उसकी ग्रोथ को लेकर चिंतित हो सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अर्ली प्यूबर्टी और ग्रोथ (How early puberty affects growth) पर इसके प्रभाव के बारे में सब कुछ जानें।

पहले समझते हैं अर्ली प्यूबर्टी के कारण

अर्ली प्यूबर्टी होने के कारण, सबसे पहले जो मन में बात आती है, वह है क्या अब गर्ल की हाइट रुक जाएगी? इसके अलावा, अर्ली प्यूबर्टी गेन कर चुकी लड़कियों को किस तरह गाइड करें? इन्हीं सब बातों को जानने के लिए हमने बात की गुरुग्राम के क्लाउड नाइन हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट गाइनेकॉलॉजी डॉ. रितु सेठी से।

डॉ. रितु सेठी के अनुसार, ब्रेन के बेस में मौजूद हाइपोथैलमस प्यूबर्टी के लिए जिम्मेदार होता है। ब्रेन का यह क्षेत्र पिट्यूटरी ग्लैंड को सेक्स हार्मोन बनाने के लिए संकेत भेजता है। इससे ओवरीज स्टीमुलेट यानी उत्तेजित हो जाती है। ब्रेन का सिग्नल समय से पहले जब भेजा जाने लगता है, तो अर्ली प्यूबर्टी हो जाती है। इससे किसी तरह की मेडिकल समस्या नहीं होती है। कभी-कभी यह वंशानुगत भी हो सकता है। यानी अगर आपकी मां या बड़ी बहन को पीरियड्स जल्दी शुरु हुए हैं, तो आप में भी इसके जल्दी होने की संभावना बढ़ जाती है। यानी इसके लिए जीन भी जिम्मेदार हैं।

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पेडिएट्रिक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट की सलाह

कभी-कभी ब्रेेन इंजरी या ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी अर्ली प्यूबर्टी हो जाती है। यदि आपकी बच्ची अर्ली प्यूबर्टी गेन कर चुकी है, तो उसे किसी अच्छे पेडिएट्रिक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के पास ले जाएं और ट्रीटमेंट कराएं। यहां हॉर्मोन थेरेपी कराई जाती है, जो समय से पूर्व हुए सेक्सुअल डेवलपमेंट को रोक देती है।

पर क्या प्यूबर्टी के बाद रुक जाती है लड़कियों की ग्रोथ?

टॉल या शॉर्ट हाइट के लिए जीन जिम्मेदार हैं, पर यह सच है कि अर्ली प्यूबर्टी गेन कर चुकी लड़कियों की हाइट कम बढ़ती है। जबकि कद बढ़ना पूरी तरह रुक जाना एक मिथ है। प्यूबर्टी के बाद भी लड़कियाें की लंबाई 3-4 इंच तक बढ़ती है। दरअसल, अर्ली प्यूबर्टी गेन करने वाली लड़कियों के बोंस या स्केलेटल सामान्य लड़कियों की अपेक्षा जल्दी मैच्योर हो जाते हैं। इस वजह से उनकी हाइट सामान्य बच्चों की अपेक्षा कम बढ़ती है।

यदि खाने-पीने पर ध्यान दिया जाए और रेगुलर एक्सरसाइज की जाए, तो लंबाई बढ़ती है। वहीं शरीर में फैट बढ़ने से लंबाई प्रभावित होती है।

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आप कैसे कर सकती हैं उनकी मदद

बच्ची कोे बोंस, हाइट और खान-पान के बारे में सही जानकारी दें। उन्हें यह बताएं कि अर्ली प्यूबर्टी सामान्य प्रक्रिया है, जो किसी को भी हो सकती है। यदि आप उसे हॉर्मोनल ट्रीटमेंट देना चाहती हैं, तो उसकी भी राय लें और सही जानकारी दें।

सामान्य से अलग दिखने के कारण हीनभावना जन्म ले सकती है। इसलिए हमेशा बातचीत करते रहें और उसके प्रश्नों का सही जवाब दें।

उनसे यह जरूर पूछें कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले या कोई दोस्त उसे चिढ़ाता है या परेशान करता है? यदि वह हां में जवाब देती है, तो स्कूल टीचर की मदद लेकर बच्चों को ऐसा करने से मना करें। अर्ली प्यूबर्टी में भावनात्मक रूप से परेशान होने पर बच्ची में डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है।

भूलकर भी बच्ची की लंबाई या चेहरे की सुंदरता के बारे में कोई टिप्पणी न करें। उसकी हर उपलब्धि की प्रशंसा करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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