आपकी वेजाइनल हेल्थ के लिए भी नुकसानदेह है ज्यादा चाय-कॉफी जैसे डिहाईड्रेटेड ड्रिंक्स, जानिए कैसे

शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अगर आप भी इन पेय पदार्थों पर भरोसा करती है, तो हो जाएं सतर्क। ये ड्रिंक्स साबित हो सकते सकते हैं, आपकी वेजाइनल हेल्थ के लिए हार्मफुल।
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इन पेय पदार्थों के सेवन से जैनिटल एरिया में नेचुरल लुब्रिकेंट कम होने लगता है और सूखापन बढ़ जाता है। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 6 Mar 2023, 20:00 pm IST
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आज के दौर की महिलाएं अपनी वेजाइनल हेल्थ को लेकर बेहद संजीदा हैं। मगर कई बार अचानक योनि में होने वाले संक्रमण उनकी परेशानी का कारण बन जाते हैं। हांलाकि कम उम्र में ही महिलाओं को वेजाइनल हाइजीन (vaginal hygiene) की सलाह दी जाती है। पीरियड से लेकर सेक्स तक हर चीज़ के बारे में महिलाओं को पहले ही सचेत कर दिया जाता है। मगर कई बार खान पान में बरती गई लापरवाही वेजाइनल हेल्थ (vaginal health) के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। आइए जानते हैं कि वो कौन से पेय पदार्थ है, जिनका सेवन महिलाओं के योनि स्वस्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है (caffeine effects on vaginal health)

कई बार हम मानने लगते हैं कि अधिक मात्रा में पेय पदार्थ पीने से शरीर में पानी की कमी को पूर्ण किया जा सकता है। इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ रितु सेठी बताती हैं कि अगर आप बहुत ज्यादा मीठे पेय पदार्थ (Sweetened drinks) पीते हैं, तो इससे शरीर में डयबिटीज़ का खतरा बना रहात है। इसके अलावा बहुत ज्यादा काफी का सेवन नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा अगर आप काढ़े में स्टओराइडिस्स (steroids) मिलाकर पी रहीं है, तो भी इससे भी आपकी वजाइनल हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। डॉ रितु का कहना है कि अगर आप शराब के नशे में अवैध संबध बनाते हैं, तो इससे योनि में संक्रमण का खतरा रहता है।

Dryvagina se bachne ke liye rakhein inn baaton ka khayal
शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अगर आप भी इन पेय पदार्थों पर भरोसा करती है, तो हो जाएं सतर्क। चित्र अडोबी स्टॉक

कॉफी बनती है इंफेक्शन का कारण

अधिकतर कॉफी लवर्स शायद इस बात को मानने लगते है कि अगर वे दिन में तीस चार कप काफी पी रहे हैं, तो इससे उनके शरीर में पानी मात्रा पूर्ण हो रही है। मगर ज्यादा कॉफी इनटेक से योनि मूं से तेज़ गंध आने लगती है। दरअसल, कॉफी बार बार पीने से यीस्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है। डॉ रितु के मुताबिक दो से ज्यादा बार कॉफी पीने से शरीर पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। पेय पदार्थों में कैफीन की अधिक मात्रा उसमें मौजूद विटामिन और खनिजों को नष्ट करने का काम करती है।

मीठा क्रैनबेरी जूस

यूं तो क्रैनबेरी ब्लैडर को बैक्टीरिया से प्रोटेक्ट करने का काम करता है। साथ ही क्रैनबेरी अर्क कैप्सूल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। ये योनि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माने गए हैं। पर ज्यादा मीठा जूस शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इसका प्रभाव आंतों पर भी दिखता है। खराब आंत स्वास्थ्य होने से योनि संक्रमण का खतरा बना रहा है। साथ ही लिबिडो को भी हैम्पर करने का काम करता है। मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक 2016 की स्टडी में पाया गया है कि अगर आप 24 सप्ताह तक क्रैनबेरी जूस पीते हैं। इससे महिलाओं में यूटीआई का खतरा कम हो जाता है।

अल्कोहल बढ़ाता है डिहाईड्रेशन

नशा करना शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। रोज़ाना शराब का सेवन हमारी वजाइनल हेल्थ को नुकसान पहुचाता है। दरअसल, लगातार वाइन पीने से शरीर में डिहाईड्रेशन महसूस होने लगता है। इससे धीरे धीरे जैनिटल एरिया में नेचुरल लुब्रिकेंट कम बनने लगता है। इसके चलते योनि में दर्द और सूखापन बढ़ने लगता है।

चाय से हो सकता है डायरिया का खतरा

चाय में कैफीन भी होता है और इसका अधिक सेवन नहीं किया जाना चाहिए। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के मुताबिक आमतौर पर एक कप चाय में कैफीन की मात्रा कम हो सकती है। बार बार चाय पीने से कैफीन का लेवल शरीर में बढ़ने लगता है। अगर आप दिन में बार बार चाय का सेवन करते हैं, इससे शरीर में डायरिया का कारण बन जाती है। नतीजन योनि में रूखापन बढ़ने लगता है।

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वेजाइनल इन्फेक्शन भी हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

योनि काे ड्राई कर सकता है हर्बल काढ़ा

चाहे इम्यूनिटी बूस्ट करनी हो, सर्दी जुकाम हो या फिर मोटापे की समस्या, हर तरह की परेशानी के लिए काढ़े का प्रयोग किया जाता है। हांलाकि इसे बनाने में पानी का प्रयाग होता है। मगर फिर भी ये शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम नहीं करता है। इसमें इस्तेमाल होने वाला स्वाइसिज़ जैसे काली मिर्च, मोटी इलायची, दालचीनी, जावित्री, लौंग और अजवाइन को इस्तेमाल करके पारंपरिक तरीके से काढ़ा तैयार किया जाता है।

गर्म मसालों से तैयार इस घोल की तासीर भी गर्म होती है। रोज़ाना इसका सेवन करने से योनि का पीएच लेवल प्रभावित होता है। साथ ही ये वेजाइनल हेल्थ को कई तरीके से नुकसान पहुंचा सकता है।

पुरूषों कें मुकाबले कैफीन महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इससे महिलाओं के हार्मोंस का लेवल गड़बड़ाने लगता है। शरीर में धीरे धीरे एस्टोन्स की मात्रा बढ़ने लगती है और टेस्टरोन की मात्रा घटने लगती है।

जहां प्रेगनेंसी की एज के दौरान 40 फीसदी महिलाओं को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की शिकायत रहती है। वहीं 10 फीसदी महिलाओं में गंभीर लक्षण नज़र आने लगते हैं। पीएमएस के लक्षण कई बार ओव्यूलेशन और पीरियड़स के दौराम महसूस होने लगते है। इसके अलावा ब्रैस्ट स्वैलिंग, पेट में ऐंठन, सूजन, जोड़ों में दर्द, मुँहासे, सुस्ती और थकान का अनुभव होने लगता है।

वेजाइनल हेल्थ को बनाए रखने के लिए रखें इन बातों का ख्याल

यूरिन पास करने के बाद निजी अंगों को क्लीन करें

डॉ रितु के मुताबिक अनप्रोटेक्टिड सेक्स से वेजाइनल हेल्थ अफेक्ट होती है। इससे कई प्रकार के संक्रमण पनपने का खतरा रहता है।

वेजाइना के इर्द गिर्द पसीने को इकट्ठा न होने दें। इससे इंफेक्शन बढ़ने लगता है।

पानी बार बार पिएं और भरपूर मात्रा में पिएं

टाइट कपड़े पहनने से बचें और हमेशा सूती अंडरवियर पहनें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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