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सेक्स प्लेज़र बढ़ाने के अलावा, यौन रोगों से भी बचाता है कम्युनिकेशन, यहां जानिए कैसे 

पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन न सिर्फ बॉन्डिंग को मजबूत करता है, बल्कि कई बार यह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से भी बचाव कर सकता है।
Published On: 16 Aug 2022, 11:00 pm IST
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sex communication
सेक्स के दौरान कम्यूनिकेशन बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

यदि आप पहली बार सेक्स में इन्वॉल्व होने जा रही हैं या लॉन्ग टाइम पार्टनर के साथ सेक्स करने जा रही हैं, तो उनसे खुलकर बातचीत जरूर करें। बेड पर जाने से पहले सेक्सुअल हेल्थ या किसी भी सामान्य मुद्​दे पर बातचीत जरूरी है। यदि आपके और आपके पार्टनर के बीच कम्युनिकेशन बेहतर है, तो सेक्स के दौरान एक-दूसरे की इच्छा, जरूरतों और आराम के प्रति भी आप ज्यादा सजग होंगे। शोध बताते हैं कि जिस तरह फैमिली बॉन्डिंग के लिए संवाद जरूरी है, उसी तरह संवाद सेक्सुअल हेल्थ (Communication benefits in sex) में भी सुधार कर सकता है। 

कम्युनिकेशन लंबे साथ की गारंटी है 

अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार, बढ़िया सेक्सुअल प्लेज़र और अनुभव के लिए कम्युनिकेशन बहुत जरूरी है। इससे एक जेंडर के तौर पर पार्टनर के सामने अपने-आपको एक्सप्रेस करना आसान हो जाता है। 

इससे स्त्रियां अपने शरीर का आदर करना भी सीख जाती हैं। यदि बेड पर जाने से पहले सेक्स के बारे में खुलकर बातचीत की जाती है, तो सुरक्षित और संतोषजनक सेक्स लाइफ पाई जा सकती है।

जर्नल ऑफ सोशल ऐंड पर्सनल रिलेशनशिप, यूके की एक स्टडी में सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन पर कम्युनिकेशन के प्रभाव पर 116 कपल्स पर तीन महीने तक अध्ययन किया गया। इस स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन कपल्स ने सामान्य बातों या सेक्स को लेकर बातें कीं, उनका ओवरऑल रिलेशनशिप संतोषप्रद था। उन लोगों का लंबे समय तक साथ बना रहा। हालांकि यह महिलाओं से अधिक पुरुषों के लिए लाभप्रद साबित हुआ।

पेंसिलवेनिया की रिसर्च यूनिवर्सिटी टेंपल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों का विश्लेषण बताता है कि किसी भी तरह के रिलेशनशिप की सफलता कम्युनिकेशन पर निर्भर करती है, लेकिन इसकी महत्ता सेक्सुअल रिलेशनशिप के लिए और अधिक बढ़ जाती है। सेक्सुअल नीड या अन्य मुद्​दों पर बात करने से बेड पर या सामान्य जीवन में भी बॉन्डिंग मजबूत होती है।

कम होता है सेक्स संबंधी समस्याओं का जाेखिम 

कई बार बातचीत के अभाव में गलत पार्टनर का चुनाव हो जाता है और भविष्य में सेक्सुअल हेल्थ संबंधी समस्याओं को भी झेलना पड़ जाता है।

वर्ष 2002 में द कनेडियन जर्नल ऑफ ह्यूमन सेक्सुअलिटी में स्टडी के आधार पर एक आलेख प्रस्तुत किया गया। इसके अनुसार, 22 लड़कियों पर एक स्टडी की गई। लड़कियों से कई अलग-अलग इंटरव्यू लिए गए। इसके माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि क्या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए पहली बार इंटरकोर्स से पहले उन्होंने पार्टनर के साथ सेक्सुअल मुद्​दों पर कम्युनिकेट किया था? 

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पुरुषों में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्या आकर्षित करता है?

लड़कियों के जवाब के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि कम्युनिकेशन स्किल के अभाव में जिन लड़कियों ने बातचीत नहीं की थी, उन्हें पार्टनर के सेक्सुअल हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी सामना करना पड़ा। जिन लड़कियों ने सेक्सुअल हेल्थ सहित कई दूसरे मुद्​दों पर भी अपने पार्टनर से बातचीत की, उन्हें सेक्सुअल हेल्थ संबंधी और दूसरी कई तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा। 

पार्टनर से कम्युनिकेशन करते रहने से यौन रोगों से बचाव हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

एक्सपर्ट बताते हैं कि कई बार पार्टनर से कम्युनिकेट नहीं करने का ही नतीजा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के खतरे के रूप में सामने आता है। पबमेड की स्टडी यह खुलासा करती है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका में एचआईवी के केस पार्टनर के बीच कम्युनिकेशन न हो पाने के कारण अधिक हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें:-आगे बढ़ने के लिए जरूरी है नकारात्मक विचारों से आज़ादी, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद 

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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