बचपन का कोई आघात चाहे वो भावनात्मक, शारीरिक या यौन शोषण हो या माता-पिता के तलाक के कारण हिंसा या असुरक्षा वाले घर में बड़ा होना, बचपन के दर्दनाक अनुभव आपके जीवन पर स्थायी रूप से प्रभाव डाल सकते हैं। ये आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ आपको सेक्स लाइफ पर भी नाकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि चाइल्डहुड ट्रॉमा और आपकी सेक्स लाइफ कैसे जुड़ी हुई हैं।
चाइल्डहुड ट्रॉमा किसी व्यक्ति के बचपने के समय में हुए कुछ कष्टकारी अनुभव होते है, जो किसी व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक कल्याण पर गहरा और स्थायी प्रभाव डाल सकता है।
बचपन के ट्रॉमा विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक शोषण, भावनात्मक उपेक्षा, यौन शोषण और घरेलू या सामुदायिक हिंसा का खतरा शामिल होता है। ये घटनाएँ राष्ट्रीय आपदाएं या आतंकवाद, स्कूलों में बदमाशी, बचपन के दिनों में किसी प्रियजन को खोना, मानसिक समस्याओं से पीड़ित माता-पिता हो सकते हैं।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. शीतल गोयल का कहना है कि चाइल्डहुड ट्रॉमा का प्रभाव महत्वपूर्ण होता है, जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जिसमें उनकी सेक्स लाइफ भी शामिल है।
बचपन का दबा हुआ आघात आपके व्यस्क होने पर विभिन्न संकेतों के माध्यम से प्रकट हो सकता है।
एंग्जाइटी
क्रोनिक डिप्रेशन
रिश्ते बनाने और बनाए रखने में कठिनाई
खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार
शर्म या गिल्ट की भावना
कुछ लोगों को चाइल्डहुड ट्रॉमा शारीरिक लक्षण भी दे सकता है
सिर दर्द
पाचन संबंधी समस्याएं
बिना किसी समस्या के क्रोनिक पेन
चाइल्ड हुड ट्रॉमा इंटिमेट संबंध बनाने में कठिनाइयों का कारण बन सकता है। डॉ. गोयल कहते हैं, इससे साथी पर भरोसा करने और भावनात्मक रूप से खुलने में चुनौतियां आती हैं।
चाइल्डहुड ट्रॉमा खुद के लिए एक नकारात्मक धारणा बना सकता है जिससे महिला की बॉडी इमेज और आत्मविश्वास पर असर पड़ सकता है। इससे सेक्स के दौरान उसका आराम और आनंद प्रभावित हो सकता है।
चाइल्डहुड ट्रॉमा को यौन रोग से जोड़ा जा सकता है, जिसमें उत्तेजना, ऑर्गेज्म या सेक्स के दौरान दर्द से जुड़ी कठिनाइयां हो सकती है।
जो लोग चाइल्डहुड ट्रॉमा का सामना करते है उन्हे एक हेल्दी बाउंडरी बनाने और बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इससे उनकी इच्छाओं को समझने और इंटिमेसी संबंधों में सुरक्षा की भावना स्थापित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
इंटिमेट होने के दौरान अतीत के आघात से संबंधित फ्लैशबैक या परेशान करने वाली यादें सामने आ सकती हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि इससे परेशानी हो सकती है और सैक्सुअल एक्टिविटी में पूरी तरह शामिल होने की क्षमता में बाधा आ सकती है।
किसी मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक जो ट्रॉमा के विशेषज्ञ हो, उनका मार्गदर्शन लेना कि ट्रॉमा सेक्स को कैसे प्रभावित करता है और उसका समाधान करने में आपकी मदद कर सकता है।
ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में सेक्स थेरेपी को जोड़ना होगा। सेक्स थेरेपी आपको सेक्स और सेक्स प्रतिक्रियाओं के बारे में जानकारी देती है। इसमें आपके पास्ट से जुड़े हुए सेक्स अनुभवों के बारे में जानकारी ली जाती है।
चाइल्डहुड ट्रॉमा के सामना किए लोगों को सहायता समूहों में शामिल होने से व्यक्तियों को उन अन्य लोगों से जुड़ने में मदद मिलती है जो समान अनुभव साझा करते हैं। यह समझ और सत्यापन की भावना को बढ़ावा दे सकता है।
आघात के प्रभावों के बारे में सीखने और बातचीतकरने से इंटिमेसी संबंधों को विकसित करने, समझ और विश्वास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
माइंडफुलनेस और रिलैक्स वाले व्यायाम लोगों को चिंता और तनाव का प्रबंधन करने में मदद कर सकते हैं। ये सेक्सुएलिटी के प्रति अधिक सकारात्मक और सहज दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकते हैं।
कुछ मामलों में, एंग्जाइटी या डिप्रेशन जैसे लक्षणों के समाधान के लिए दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं। निर्धारित अन्य दवाएं एंटीसेज़्योर दवाएं, ग्लूटामिनर्जिक मॉड्यूलेटर हैं जो आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सीय योगदान के साथ-साथ कई और तरह से भी मदद कर सकती है।
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