ये कई बार कहा गया और देखा भी गया है कि, कुछ वर्षों के बाद पति-पत्नी दोनों की शक्लें एक-दूसरे से मिलने लगती हैं। अलग-अलग परिवार, पृष्ठभूमि और क्षेत्र के दो लोग जब साथ रहने लगते हैं, तो ऐसा कैसे होता है कि वे एक जैसे दिखने लगते हैं! हैरान करने वाली बात हैं न? पर विशेषज्ञ इस बात से पूरी तरह सहमत हैं। वे मानते हैँ कि सिर्फ शक्ल ही नहीं, बल्कि एक पार्टनर की सेहत भी दूसरे पार्टनर की सेहत को प्रभावित करती है। और जब आप लगातार पार्टनर बदलते हैं, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि यौन स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
मल्टीपल पार्टनर्स रखना लाइफस्टाइल का एक सोचा-समझा फैसला है, जो कुछ लोग करते हैं। हालांकि, मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर्स रखने का संबंध यौन और मानसिक स्वास्थ्य खराब होने और आयु कम होने से होता है। इससे व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई बुरे प्रभाव हो सकते हैं।
किसी व्यक्ति के सेक्सुअल पार्टनर्स की संख्या का सीधा सम्बंध जेनाइटल हर्पीज, क्लामीडिया, जेनाइटल वार्ट्स, एचआईवी/ एड्स जैसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एस.टी.डी.) से जुड़ा होता है। यह सम्बंध जानलेवा रोगों, जैसे प्रोस्टेट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओरल कैंसर के जोखिम से भी जुड़ा होता है।
अब, ज्यादातर लोगों का मानना है कि प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करने से एसटीडी, आदि का जोखिम दूर किया जा सकता है, लेकिन प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करते हुए और सुरक्षित सेक्स की गाइडलाइंस पर चलते हुए भी यह 100% सुरक्षित नहीं है। दुर्भाग्य से, लोग एचआईवी या जीवनभर रहने वाले रोग हेपेटाइटिस ‘बी’ वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
इन मिथ्स पर विश्वास मत कीजिये कि यदि आप सेक्सुअल इंटरकोर्स नहीं करते हैं, तो आपको एसटीडी नहीं होंगे या यह ओरल या एनल सेक्स से नहीं होते हैं। एसटीडी का कारण बनने वाले कई वायरस और बैक्टीरिया आपके मुंह, मलद्वार या आपके यौनांगों के बाहरी भागों में छोटी चोट/कट होने पर भी आपके खून में मिल सकते हैं।
मल्टीपल पार्टनर्स वाले लोग कई बार परफॉर्मेंस एंग्जायटी का सामना भी करते हैं और लंबे समय तक रिश्ते निभाने या बनाये रखने में उन्हें कठिनाई हो सकती है। इससे मौजूदा रिश्ते को होने वाले नुकसान के बारे में बताने की जरूरत भी नहीं है।
आगे चलकर इससे अपने प्रति गलत धारणा, बेअसर रिश्ते और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जो दिखाते हैं कि स्वस्थ सम्बंधों से लंबी अवधि में स्वास्थ्य बेहतर रहता है और आयु बढ़ती है।
याद रखिये कि लंबी अवधि के सम्बंधों से ही सर्वश्रेष्ठ भावनात्मक, शारीरिक और यौन स्वास्थ्य मिल सकता है। अगर आप पार्टनर बदलते रहते हैं, तो आपको इसकी कीमत अपने यौन स्वास्थ्य और आयु से चुकानी पड़ सकती है।
यह भी पढ़ें – आपके रिश्ते को भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है फीमेल ऑर्गेज़्म