नींद पूरी न हो पाए तो क्या होता है? सर दर्द,आंखों के नीचे काले घेरे, तनाव और थकान! बस? नहीं नींद की कमी हमें और भी कई प्रकार से प्रभावित कर सकती है। दरअसल नींद हमारे हार्मोन को प्रभावित करती है। जिसमें भूख और तनाव के साथ-साथ शरीर के कई और हार्मोन भी शामिल है। नींद की कमी आपकी सेक्स लाइफ पर भी भारी प्रभाव डाल सकती है।
ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है कि आप अपनी नींद और हार्मोन के बीच के संबंध को समझें। आइए समझने के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं। बस हेल्थशॉट्स को पढ़ते रहिए।
हार्मोन एक प्रकार का केमिकल होता है जो शरीर की कई प्रतिक्रियाओं प्रणालियों और विभिन्न कार्यों के लिए एक मैसेंजर का काम करता है। हमारे शरीर की कई गतिविधियों के लिए हार्मोन का संतुलन होना बहुत जरूरी है।
फिर चाहे वह चैन की नींद सो ना हो या खुश रहना हो। हमारे शरीर को बेहतर तरीके से काम करने के लिए कई हारमोंस की एक श्रंखला की जरूरत होती है। यह अंतःस्रावी तंत्र, पूरे शरीर में स्थित अंगों और ग्रंथियों के एक नेटवर्क के माध्यम से जारी किए जाते हैं।
हमारे शरीर में हार्मोन का बैलेंस चयापचय और भूख, विकास, शरीर का तापमान, यौन कार्य, ड्राइव, और प्रजनन, हृदय दर, रक्तचाप, नींद-जागने का चक्र का काम करते हैं।
एनएचएस पर मौजूद जानकारी के अनुसार अध्ययनों से पता चला है कि नींद की कमी आपमें वजन बढ़ाने का मुख्य कारण हो सकती है। जो लोग दिन में 7 घंटे से कम सोते हैं उनका वजन अधिक होता है और 7 घंटे सोने वालों की तुलना में मोटे होने का खतरा अधिक होता है।
दरअसल नींद की कमी हमारे लेप्टिन (leptin) हार्मोन को प्रभावित करती है। कम सोने से इस के स्तर में कमी आने लगती है और संतुलन बिगड़ जाता है और घ्रेलिन (ghrelin) (भूख-उत्तेजक हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है।
NHS.UK पर मौजूद डाटा बताता है कि कई शोध से पता चला कि जिन महिलाओं और पुरुष को नींद अच्छी नहीं आती या कभी पूरी नहीं होती उनमें कामेच्छा में कमी (कम सेक्स ड्राइव) और सेक्स में रुचि कम होती है।
खासकर पुरुषों में इसकी संभावनाएं ज्यादा हैं। क्योंकि वह कई बार स्लीप एपनिया से पीड़ित हो जाते हैं, जिसे टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है, जो कामेच्छा को कम कर सकता है। साथ ही महिलाओं में नींद की कमी प्रजनन हार्मोन के स्राव को कम करके बांझपन का कारण बन सकता है।
नींद और आप की मनोदशा का गहरा संबंध है। मूड का ठीक ना हो ना आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है वैसे ही नींद पूरी ना हो ना आपके मूड को प्रभावित कर सकती है। अध्ययन बताते हैं कि जिन लोगों की नींद लंबे समय से पूरी नहीं हो पाती उनके मूड में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है,क्रोध, निराशा, चिड़चिड़ापन, उदासी आम हैं।
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