वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनिया भर में हर दिन 10 लाख से अधिक लोग यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infection) से पीड़ित होते हैं। क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस प्रमुख एसटीआई है। गोनोरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसे होने का महिलाओं को पता ही नहीं चलता है। इसलिए इस बीमारी के बारे में हर महिला को जानना (Gonorrhea causes) चाहिए।
गोनोरिया एक यौन संचारित रोग (एसटीडी) है। यह गोनोरिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से होता है। यह यौन रोग स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है। हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह अधिक होता है। महिलाओं के साथ दिक्कत यह है कि उनमें इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसके लक्षण किसी अन्य रोग के भी हो सकते हैं।
गुरुग्राम के क्लाउड नाइन हॉस्पिटल में सीनियर कन्सल्टेंट गायनेकोलोजी डॉ. रितु सेठी कहती हैं, ‘ ये कुछ लक्षण गोनोरिया के हो सकते हैं।
पेशाब करते समय जलन या दर्द होना
पीरियड के दौरान अधिक ब्लीडिंग
सामान्य से अधिक योनि स्राव
पेट के निचले हिस्से में दर्द
सेक्स करते समय दर्द होना
एनल इन्फेक्शन या पिछले हिस्से में गोनोरिया संक्रमण के कारण ब्लीडिंग हो सकती है, शौच करते समय दर्द होना, खुजली, स्राव भी हो सकता है। गोनोरिया आंखों, गले या जोड़ों को भी संक्रमित कर सकता है।
उपचार नहीं मिलने पर गोनोरिया गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे एचआईवी (Causes HIV) होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर के अन्य हिस्सों जैसे कि त्वचा या जोड़ों में संक्रमण में हो सकता है। इनफर्टिलिटी हो सकती है।
गोनोरिया या सूजाक एसटीडी निसेरिया गोनोरिया बैक्टीरिया से होता है। यह किसी भी प्रकार के यौन संपर्क से हो सकता है। एनल सेक्स, वेजाइनल सेक्स से यह होता है। किसी अन्य व्यक्ति के संक्रमित क्षेत्र को छूने से गोनोरिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया मिल सकते हैं। जिन महिलाओं को गोनोरिया है, वे योनि प्रसव (Vaginal Birth) के दौरान इसे अपने बच्चे तक पहुंचा सकती हैं। सी-सेक्शन से पैदा हुए बच्चों को यह उनकी मां से नहीं मिल सकता है। ये रोगाणु शरीर के बाहर बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं। इसलिए टॉयलेट सीट या कपड़े जैसी वस्तुओं को छूने से गोनोरिया नहीं हो सकता है।
मलाशय, गले, योनि, मूत्रमार्ग, पेशाब का परीक्षण ( gonorrhea diagnosis) करने पर इसका पता चलता है। कन्डोम का प्रयोग करने पर किसी भी तरह के एसटीडी से बचाव हो सकता है। ये बैक्टीरिया को संक्रमित करने से रोकते हैं। सेक्सुअल पार्टनर का परीक्षण करवाएं। किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध न बनाएं, जिसमें गोनोरिया के लक्षण हों। यदि पारनेर को पेशाब करते समय जलन या सेक्सुअल ऑर्गन में किसी प्रकार का घाव है, तो सेक्सुअल एक्टिविटी से ब्रेक लें।
डॉक्टर इसके बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। गोनोरिया के बैक्टीरिया कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति अपनी इम्युनिटी बढ़ाने वाले हो सकते हैं। इसके कारण उनका खत्म करना संभव नहीं हो सकता है। इसलिए दो प्रकार की दवाएं दी जाती हैं। इंजेक्शन और गोलियां दोनों दी जाती हैं। डॉक्टर के परामर्श से मरीज को जो भी दवाएं दी जाती हैं, दवाओं का कोर्स पूरा करना चाहिए। भले ही मरीज एक दो दिन बाद ही बेहतर महसूस करने लगे।
गर्भवती होने पर यदि किसी महिला को गोनोरिया है, तो अपने डॉक्टर से वह जरूर बात करे, ताकि उसे सही इलाज मिल सके। यह एसटीडी शिशुओं के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए बच्चे में जोखिम को कम करने के लिए इस बीमारी का जल्द से जल्द इलाज करना जरूरी है। सही इलाज से गोनोरिया का इलाज संभव है। लेकिन इस रोग से दुबारा संक्रमित होने से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखना जरूरी है।
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