इन दिनों ज्यादातर महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की इच्छा रखती हैं, चाहे सजना-संवरना हो, व्यायाम या खुद को फिट रखना। अच्छा कॅरियर और एक खुशहाल, सुखी जिंदगी का सपना ही क्यों न हो। तो फिर सुखद और स्वस्थ यौन जीवन में पीछे क्यों रहना?
कुछ महिलाएं मौज-मस्ती की खातिर मल्टीपल सैक्सुअल पार्टनर्स बनाने से भी संकोच नहीं करती हैं। बेशक, ऐसा करना कभी-कभी सुखद और मज़ेदार अनुभव हो सकता है, लेकिन इस तरह के व्यवहार की अपनी कुछ कीमत भी चुकानी पड़ती है। यह कीमत आपकी सेहत के रूप में भी हो सकती है।
एक से ज्यादा पार्टनर्स के साथ यौन-संसर्ग और संबंध बनाने के कई नुकसान महिलाओं के मामले में हो सकते हैं। जिनमें यौन जनित रोगों की अधिक आशंका, जीवनघाती कैंसर, बार-बार गर्भपात, प्रसव में जटिलताओं के अलावा मानसिक स्वास्थ्य पर असर शामिल हैं।
अध्ययनों में यह पाया गया है कि अन्य आयुवर्गों की तुलना में, किशोरावस्था उम्र का वह पड़ाव है, जब इस प्रकार के यौन संबंधों का सबसे अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है। खासतौर पर तब जबकि गर्भनिरोध के समुचित उपाय नहीं किए गए हों। इसी प्रकार, एकाधिक संबंधों और सिर्फ मौज-मस्ती की खातिर किसी के भी साथ बनाए गए यौन संबंधों (रैंडम सैक्स) के भी अपने नुकसान हैं।
यौन संसर्ग से फैलने वाले संक्रमण (एसटीआई) जैसे कि एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, क्लेमाइडिया, गोनोरिया, सिफिलिस, हरपीज़ और ह्यूमैन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) जनित मस्से जिनकी आशंका मल्टीपल सैक्सुअल पार्टनर्स की वजह से बढ़ जाती है।
साथ ही, ऐसा भी हो सकता है कि यौन संबंध बनाते समय इन संक्रमणों के लक्षण दिखायी न दें। किशोरावास्था में इस प्रकार के संक्रमणों की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि सर्वाइकल (ग्रीवा) एक्टॉपी बढ़ जाती है। जिसमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
इसी तरह, कंडोम जैसे गर्भरोधी साधनों की जानकारी न होने, जो कि एसटीआई से बचाव में महत्वपूर्ण होते हैं, बिना किसी तैयारी के कभी भी यौन संबंध बनाने और असामान्य यौन व्यवहार संबंधी प्रयोग करने की इच्छा के चलते भी ये जोखिम बढ़ जाते हैं।
मल्टीपल पार्टनर होने के कारण महिलाओं में सर्विक्स (ग्रीवा) के घातक कैंसर की आशंका अधिक होती है जो एक से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध रखती हैं, ऐसा कैंसरकारी वायरस एचपीवी के संक्रमण की वजह से होता है।
एकाधिक बार अवांछित गर्भ ठहरना, गर्भावस्था में जटिलता, प्रसवपीड़ा और प्रसव में तकलीफें भी बढ़ती हैं। खासतौर से युवतियों में अवांछित गर्भ ठहरने पर वे गोपनीयता बनाए रखने, सुविधा या आर्थिक मदद के अभाव में, नीम-हकीमों से गर्भपात भी करवा सकती हैं।
जिसके चलते स्वास्थ्य संबंधी अनेक परेशानियां खड़ी हो सकती हैं और मृत्यु तक हो सकती है। यह भी ध्यान रखने की बात है कि किशोरियों में गर्भ ठहरने पर जटिलताएं बढ़ सकती हैं और वे कठिन प्रसव पीड़ा की शिकार हो सकती हैं। इस उम्र में मातृत्व मृत्यु दर सर्वाधिक हो सकता है।
अधिक पार्टनर्स के साथ यौन संबंध रखने वाली महिलाओं में मूड संबंधी विकारों जैसे एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन की आशंका भी अधिक हो सकती है और वे नशीले पदार्थों के सेवन तथा शराब पीने की आदी भी हो सकती हैं।
ऐसा बार-बार संबंध टूटने (मल्टीपल ब्रेक-अप) तथा अजनबियों के साथ सेक्स संबंध बनाने की वजह से होता है। इसका एक और बड़ा दुष्परिणाम यह भी होता है कि लंबे और गहरे संबंधों पर भी इसकी छाया पड़ती है और परिवारों में क्लेश, घरेलू हिंसा तथा सामाजिक दबाव और तनाव बढ़ सकते हैं।
मल्टीपल पार्टनर्स रखने वाली महिलाएं सामाजिक-आर्थिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। रिश्तों के प्रति प्रतिबद्धता का अभाव या फिर पुरुष द्वारा पार्टनर की देखभाल न करने की भावना भी हावी रहती है। ऐसी युवतियां अपनी पढ़ाई और कॅरियर पर भी ध्यान नहीं दे पाती।
नतीजा यह होता है कि वे स्कूल/कॉलेज की पढ़ाई अधूरी छोड़ देती हैं, आगे चलकर उनके बेहतर विकास तथा नौकरियों के अवसर भी कम हो जाते हैं।
आदर्श स्थिति तो यह है कि आप सिंगल पार्टनर सेक्सुअल रिलेशनशिप ही रखें। यह बात पुरुषों तथा महिलाओं दोनों पर लागू होती है। लेकिन कई बार जिंदगी वैसी नहीं हो पाती जैसा कि उसे लेकर हम सोचते हैं। ऐसी परिस्थिति में, यौन संबंध तभी बनाना बेहतर होता है जबकि संबंध भरोसे, देखभाल और प्यार की मजबूत बुनियाद पर खड़ा हो।
हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और एसटीआई तथा अवांछित गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक (बैरियर कंट्रासेप्टिव) तरीकों का इस्तेमाल करें। यौन संसर्गों से फैलने वाले रोगों से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन तथा हेपेटाइटिस बी वैक्सीनेशन उपलब्ध हैं और इनका प्रयोग किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें – इन 4 तरीकों से आपका मानसिक स्वास्थ्य करता है वेजाइनल हेल्थ को प्रभावित, जानें कैसे