स्पॉटिंग का अर्थ है वेजाइना से बहुत कम खून निकलना, खासकर आपके पीरियड्स न होने पर। यह हल्की ब्लीडिंग होती है, जिसके लिए आपको पैड या टैम्पॉन्स की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि स्पॉटिंग हर बार परेशानी का विषय नहीं होती, लेकिन कई बार इसके पीछे गंभीर बीमारी हो सकती है।
ऐसे में आपको जानकारी होनी चाहिए कि कौन सी बीमारियों का खतरा पैदा कर सकती है स्पॉटिंग।
अगर पीरियड्स की डेट से पहले ही स्पॉटिंग होने लगे तो यह प्रेगनेंसी की निशानी हो सकती है।
जब आप प्रेगनेंट होती हैं, तो स्पर्म और एग से मिलकर एक जाइगोट बनता है। यह जाइगोट आपके यूटेरस की लेयर में जुड़ता है जिससे ब्लीडिंग होती है। अगर आपको सन्देह है तो आप प्रेगनेंसी टेस्ट घर पर ही करके देख सकती हैं।
इसके अतिरिक्त प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट नाजुक होना, उलझन और उल्टियां होना, बार-बार पेशाब जाना और थकान के लक्षण होते हैं। श्योर होने के लिए आप पीरियड्स मिस होने तक इंतजार कर सकती हैं।
पबमेड सेंट्रल जर्नल के स्टडी के अनुसार क्लैमीडिया और गोनोरिया होने पर महीने में किसी भी वक्त वेजाइना से खून निकलने लगता है। यह इंफेक्शन किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध जैसे इंटरकोर्स या ओरल सेक्स से फैलता है।
इन इन्फेक्शन का इलाज एन्टी बायोटिक दवाओं से होता है।
ब्लीडिंग और स्पॉटिंग के साथ-साथ सेक्स के दौरान दर्द, पेशाब करते वक्त जलन और बुखार जैसी समस्या आती हैं।
PID में इंफेक्शन वेजाइना से बढ़कर प्रजनन तंत्र तक पहुंच जाता है। इस स्थिति में पेल्विक एरिया में सूजन और दर्द होता है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया गया तो इन्फर्टिलिटी भी हो सकती है।
इस बीमारी में अक्सर स्पॉटिंग होती है, साथ ही सेक्स के बाद भी ब्लीडिंग की समस्या होती है।
अत्यधिक वजन होना खतरनाक है, लेकिन उम्र के अनुसार अंडर वेट होना भी उतना खतरनाक है। अंडर वेट होने पर हॉर्मोन्स असंतुलन होता है जिससे ओव्युलेशन अनियमित हो जाता है। इससे पीरियड्स मिस होते हैं, लेकिन बीच-बीच में स्पॉटिंग होती रहती है।
स्पॉटिंग के साथ-साथ बाल झड़ना, सर दर्द, एक्ने और वेजाइना से सफेद डिस्चार्ज भी होता है।
अमेनोरिया वह मेडिकल स्थिति है जिसमें आपके एक या उससे अधिक पीरियड्स मिस हो जाते हैं। इसका कारण होता है बहुत अधिक एक्सरसाइज जिससे ओव्युलेशन रुक जाता है। यह ‘फीमेल एथलिट ट्रायड’ डिसॉर्डर का एक चरण होता है। इस डिसॉर्डर में तीन बीमारियां- ईटिंग डिसॉर्डर, अमेनोरिया और ओएस्ट्रोपोरोसिस होता है।
ऑफिस ऑफ वुमेन हेल्थ के डेटा के अनुसार हर आठ में से एक महिला थायराइड सम्बंधी बीमारी की शिकार होती है। थायराइड का मुख्य लक्षण है अनियमित पीरियड्स, लेकिन कई बार पीरियड्स के बीच मे स्पॉटिंग भी होती है।
थायराइड हॉर्मोन की कमी को हाइपोथयरोइडिस्म और उसके बढ़ने को हाइपरथयरोइडिस्म कहा जाता है। दोनों ही बीमारियों में स्पॉटिंग की शिकायत होती है। इसके साथ ही अनचाहा वेट लॉस या वेट गेन भी होता है।
बेवक्त स्पॉटिंग अगर एक दिन से अधिक रहे, तो डॉक्टर के पास जाएं। यही नहीं, अगर हर महीने पीरियड्स के बीच इस तरह की स्पॉटिंग हो रही है, तो चिंता का विषय है। इंटिमेट हेल्थ को लेकर बिल्कुल लापरवाही न करें। डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे सही उपाय होता है।