सर्दियों के मौसम में एक समस्या जो सबसे आम है वह है ड्राइनेस की समस्या। इस दौरान लोग त्वचा, बाल, होंठ, इत्यादि के रूखेपन से परेशान रहते हैं। परंतु आपकी परेशानी यहीं खत्म नहीं होती, कई महिलाएं वेजाइनल ड्राइनेस का भी शिकार हो जाती हैं। हालांकि, आमतौर पर वेजाइनल ड्राइनेस का कारण एस्ट्रोजन की कमी होती है। परंतु ठंड के मौसम में वातावरण में ह्यूमिडिटी की कमी होने के कारण भी यह समस्या आपको परेशानी में डाल सकती है। इसलिए सर्दियों में भी आपके वजाइना को एक उचित देखभाल की जरूरत होती है। तो आज हम लेकर आए हैं आपके लिए ऐसे ही 5 टिप्स जो इस समस्या से दूर रहने में आपकी मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
एस्ट्रोजन का गिरता स्तर योनि के सूखेपन का मुख्य कारण होता है। एस्ट्रोजेन एक प्रकार का हार्मोन है जो वेजाइनल टिशू को हेल्दी रखता है और वेजाइनल लुब्रिकेशन को भी बनाए रखता है। इसके साथ ही टिशू इलास्टिसिटी और एसिडिटी को भी मेंटेन रखता है। वहीं सर्दियों का मौसम भी इस स्थिति का एक प्रमुख कारण होता है। इस दौरान त्वचा और बालों के साथ-साथ वेजाइनल स्किन के ड्राई होने की संभावना भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
सर्दियों के मौसम में आपकी वेजाइना कपड़ों के कई लेयर के अंदर छिपी रहती है। जिस वजह से यदि वेजाइना एक बार गीली हो जाए तो यह तुरंत ड्राई नहीं होती। परंतु इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है की यह आपकी वेजाइना को नमी प्रदान करता है। यह आपकी वेजाइनल स्किन के लिए हानिकारक होता है। इसलिए ठंढ के मौसम में वाशरूम जाने के बाद इंटिमेट एरिया को अच्छी तरह सुखा लें। इसके साथ ही यह यीस्ट इन्फेक्शन की संभावना को भी कम कर देता है।
सर्दियों के मौसम में प्यूबिक हेयर को शेव और ट्रिम करने से बचें। इस दौरान यह वेजाइना को गर्माहट देता है और मॉइश्चराइज रहने में मदद करता है। यदि आप इस सीजन प्यूबिक हेयर रिमूव करती हैं तो ड्राइनेस के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ इचिंग और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं भी आपको परेशानी में डाल सकती है।
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सर्दियों के मौसम में चेहरे, हाथ पैर की त्वचा के साथ-साथ वेजाइनल स्किन को मॉइश्चराइज करना भी जरूरी है। इसके लिए कोकोनट ऑयल जैसे नेचुरल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं केमिकल युक्त सेंटेड मॉइश्चराइजर, इत्यादि से परहेज रखें अन्यथा यह आपकी वेजाइनल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।
वेजाइना को ड्राई होने से बचाने के लिए एक सही डाइट लेना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप प्रोबायोटिक से युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि दही, कांजी, बटर मिल्क, इत्यादि का सेवन कर सकती हैं। इसके साथ ही फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को अपनी नियमित आहार में शामिल करें। वहीं फाइटोएस्ट्रोजन से युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की सोयाबीन और अलसी के बीज को डाइट में शामिल कर सकती हैं।
ज्यादातर साबुन केमिकल से भरपूर होते हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल वेजाइनल इचिंग और इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। वहीं यह केमिकल वेजाइना के प्राकृतिक नमी को छीन कर इसे ड्राई बना सकते हैं। खासकर सर्दियों में वेजाइनल ड्राइनेस की संभावना ज्यादा होती है और इस दौरान इन साबुनों का इस्तेमाल इसकी स्थिति को और भी गंभीर कर सकता है।
फर्टिलिटी और एंडोमेट्रियोसिस क्लीनिक के डायरेक्टर डॉ जय मेहता के अनुसार यदि आपको वेजाइनल ड्राइनेस की शिकायत है, तो ऐसे में सेक्स के दौरान अधिक सचेत रहें। क्योंकि इस स्थिति में इन्फेक्शन होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसी के साथ इंटरकोर्स के दौरान असहनीय दर्द का अनुभव हो सकता है। वहीं सेक्स के दौरान न केवल फीमेल पार्टनर को बल्कि मेल पार्टनर के प्राइवेट पार्ट्स में भी खिंचाव पैदा होता है। इसलिए वेजाइनल ड्राइनेस की स्थिति में सबसे पहले फोरप्ले करें और प्राकृतिक लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही अन्य केमिकल फ्री नेचुरल लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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