बर्थ कंट्रोल पिल आपकी सेक्स लाइफ को भी कर सकती है प्रभावित, यहां हैं 3 कारण

गर्भ निरोधक दवाइयों के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हैं। जिन पर अकसर किसी का ध्यान नहीं जाता। यह आपकी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकती हैं।
गर्भ निरोधक गोलियां आपकी यौन क्षमता को भी प्रभावित कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
गर्भ निरोधक गोलियां आपकी यौन क्षमता को भी प्रभावित कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 13 Jul 2021, 08:00 pm IST
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गर्भनिरोधक गोली के जगजाहिर फायदे से अलग कुछ अन्य फायदे हैं। जैसे पीरियड्स के समय होने वाले क्रैंप्स को हल्का करना, त्वचा पर निखार या पीरियड्स को थोड़ा हल्का कर देना। पर क्या आप जानती हैं कि इनके साथ ही यह आपको बहुत सारे साइड इफेक्ट्स भी देती हैं। जिनमें ब्लड क्लॉट का रिस्क, सिर दर्द, जी घबराना, छाती का अकड़ना और चिंता आदि का अधिक बढ़ जाना शामिल हैं। जोकि बहुत आम है। पर शायद आपको नहीं मालूम होगा कि इनके सेवन से आपकी सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है।

गर्भ निरोधक दवाइयां निम्न तीन तरह से आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं

1 लिबिडो की कमी

लिबिडो बहुत सारे फैक्टर्स द्वारा प्रभावित होता है और इसमें से एक है आपके द्वारा बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना। 15% महिलाओं की सेक्स ड्राइव सीधे बर्थ कंट्रोल पिल्स के लेने से कम हो जाती है।

असल में ये दवाइयां लेने से शरीर में सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोबिलिन प्रोटीन बढ़ जाता है। जो लीवर के द्वारा बनाया जाता है। ये सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के साथ मिलकर इस मॉलिक्यूल को कम एक्टिव बना देता है।

ये आपकी लिबिडो को भी प्रभावित कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
ये आपकी लिबिडो को भी प्रभावित कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

अगर आप इस समस्या से जूझ रही हैं तो आप किसी अन्य ब्रांड की बर्थ कंट्रोल पिल ले सकती हैं। कुछ महिलाओं को हर प्रकार की दवाइयों से कुछ न कुछ दिक्कत होती है इसलिए उन्हें एक बार अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

2 वेजाइनल ड्राइनेस

कुछ बदलाव जैसे लुब्रिकेशन की कमी और जेनिटल टिश्यू का पतला होना मेनोपॉज से बहुत अधिक जुड़े हुए हैं। लेकिन समस्या यह है कि यह पिल्स उन महिलाओं में भी मेनोपॉज की स्थिति ला देती है जिन्हें इस स्थिति में आने के लिए अभी सालो का इंतजार करना पड़ता है।

लगभग 15% महिलाओं में एक ऐसा जेनेटिक वेरिएंट होता है जो अपर्याप्त टेस्टोस्टेरोन की स्थिति खड़ी कर देता है। इन महिलाओं को टेस्टोस्टेरोन टिश्यू की अधिक आवश्यकता होती है ताकि उनके वेजिनल टिश्यू हेल्दी रह सकें।

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यह प्रभाव तब तक नहीं देखने को मिलते हैं जब तक टेस्टोस्टेरोन का लेवल नॉर्मल से लो नहीं चला जाता है और यह हर महिला के साथ होता है। महिला के लुब्रिकेशन में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन दोनों हार्मोन्स ही अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण न केवल लुब्रिकेशन की कमी होती है बल्कि चीजें बहुत दर्दनाक भी हो सकती हैं।

ये वेजाइनल ड्राईनेस का भी कारण बन सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ये वेजाइनल ड्राईनेस का भी कारण बन सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर आपको यह स्थिति है तो अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको कोई अन्य पिल लेनी चाहिए या किसी अन्य गर्भ निरोध तरीके का प्रयोग करना चाहिए।

3 सेक्स के साथ ब्लीडिंग होना

अगर सेक्स के दौरान या सेक्स के तुरंत बाद ब्लीडिंग होती है तो उसे आपको नजरंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का एक लक्षण हो सकता है।

लेकिन अगर इन बीमारियों की संभावना नहीं है तो एक्ट्रोपियन की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जहां सर्वाइकल कैनल सर्फेस पर आ जाती है और जैसे ही टच होती है तो ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।

यह ज्यादातर प्रेग्नेंसी के समय होता है लेकिन अगर आप गर्भ निरोधक दवाइयां ले रही हैं तो भी यह स्थिति देखने को मिल सकती है। इस स्थिति के इलाज संभव हैं और अगर हर बार ऐसा हो रहा है तो आप को गर्भ निरोध का अन्य तरीका अपना लेना चाहिए।

अगर आपको भी गर्भ निरोधक दवाइयां लेने से यह सब दिक्कतें हो रही हैं तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और अगर इनका सॉल्यूशन उपलब्ध नहीं है तो आप को गर्भ निरोध के किसी अन्य तरीके को अपना लेना चाहिए।

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