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Sex after birth : एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बता रहीं हैं डिलीवरी के बाद सेक्स के बारे में कुछ जरूरी बातें

प्रेगनेंसी के बाद सेक्स करने से पहले सही समय और सही तरीके की जानकारी प्राप्त करना बहुत जरूरी है। यहां जानें सेफ सेक्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स।
Published On: 6 May 2023, 08:00 pm IST
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sex after birth
सेक्स टाइमिंग बढ़ने से सेक्स प्लेजरेबल बनने लगता है और ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मदद मिलती है। चित्र : शटरस्टॉक

प्रेगनेंट होते ही महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। वहीं बच्चे को जन्म देने के बाद ब्रेस्टफीडिंग, डायपर बदलना, रात को जागकर बच्चे की देखभाल करना उनके लिए प्राथमिक हो जाता है। यह बिल्कुल सच है कि एक बच्चे को जन्म देने पर मां का दूसरा जन्म होता है। बच्चे की देखभाल में आप इतनी व्यस्त हो जाती है कि शायद आपके और पार्टनर की इंटिमेसी आपके लिए सबसे आखरी प्रायोरिटी होती है।

परंतु इंटिमेसी एक रिश्ते में काफी ज्यादा महत्व रखती है। हो सकता है प्रेगनेंसी के दौरान आप दोनों को इंटिमेसी का मौका न मिला हो। परंतु प्रेगनेंसी के बाद सेक्स करने से पहले सही समय और सही तरीके की जानकारी प्राप्त करना बहुत जरूरी है। नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजेरियन यदि बिना सही जानकारी के सेक्स करती हैं, तो दोनों में मामलों में महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।

सेफ प्रेगनेंसी सेक्स के बारे में तो हम अक्सर बातें किया करते हैं, तो आज हेल्थ शॉट्स ने सेक्स आफ्टर प्रेगनेंसी (sex after birth) को लेकर आप तक कुछ जरूरी जानकारी पहुंचाने की कोशिश की है।

हमने इस बारे में सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। उन्होंने प्रेगनेंसी के बाद सेक्स (sex after delivery) करने का सही समय बताने के साथ ही इस दौरान सेफ सेक्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी बताए हैं, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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पार्टनर की इंटिमेसी आपके लिए सबसे आखरी प्रायोरिटी होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें डिलीवरी के कितने दिनों के बाद दोबारा से सेक्स करना चाहिए

डिलीवरी के बाद सभी महिलाओं को अपने हर एक शारीरिक गतिविधि को लेकर अधिक सचेत रहने की सलाह दी जाती है बात यदि सेक्स की करें तो डिलीवरी के बाद कम से कम से कम आपको 6 हफ्ते तक अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।

नॉरमल डिलीवरी हो या सिजेरियन दोनों ही केस में 6 हफ्ते तक महिलाओं को सभी प्रकार की सेक्सुअल एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए। इसका यह कारण है कि डिलीवर के बाद डिस्चार्ज आता रहता है जो शुरू शुरू खून के साथ होता है फिर बाद में ब्राउन डिस्चार्ज निकलता है। नॉर्मल डिलीवरी हो या सीजेरियन डिस्चार्ज भी लगभग 6 हफ्ते तक होता है।

इसके साथ ही प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान शरीर में तमाम बदलाव होते हैं तो उन सभी को अपने नॉर्मल साइज का होने में टाइम लगता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इंफेक्शन और अन्य किसी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए 6 हफ्ते तक सेक्स को पूरी तरह से अवॉइड करें।

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इस पर क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ

प्रेगनेंसी के बाद सेफ सेक्स को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट अस्था दयाल कहती है कि “प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं को बच्चों को दूध पिलाती हैं जिसकी वजह से वेजाइना में थोड़ी ड्राइनेस हो सकती है और इंटरकोर्स करने में शुरू शुरू में आपको दर्द महसूस हो सकता है। इस स्थिति में आपको लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।”

“यदि आप की नार्मल डिलीवरी है और आपके टांके हैं तो आपको अधिक तकलीफ हो सकती है। तो नार्मल डिलीवरी वाले लोगों को एडवाइज है कि पहले अपने टाकों को अपने डॉक्टर से चेक करवा लें। अमूमन गाइनेकोलॉजिस्ट डिलीवरी के 6 हफ्ते के बाद चेक अप के लिए बुलाते हैं। हम चेक करते हैं कि आपके टाकों की स्थिति क्या है, तभी आपको इंटरकोर्स करने की अनुमति देते हैं।”

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कंडोम और अन्य कांट्रेसेप्शन का इस्तेमाल जरूर करें। चित्र शटर स्टॉक

बढ़ जाती है अनप्लांड प्रेगनेंसी की संभावना

डॉ अस्था दयाल बताती हैं कि “इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है कि जब आप बच्चे को दूध पिला रही होती हैं, तो कई बार डिलीवरी के लंबे समय बाद तक आपको पीरियड नहीं आते। लेकिन इस दौरान आपका एग फॉरमेशन शुरू हो जाता है। ऐसे में यदि आप यह सोच कर कि आपका एग फॉरमेशन शुरू नहीं हुआ है और आप बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करती हैं तो अनप्लांड प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कंडोम और अन्य कांट्रेसेप्शन का इस्तेमाल जरूर करें।”

“इसके प्रति बरती गई लापरवाही आप को प्रेग्नेंट कर सकती है। वहीं इसका पता बहुत बाद में लगता है, क्योंकि आप को पहले से ही पीरियड नहीं आ रहे होते हैं।”

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प्रेगनेंसी के बाद कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड्स का ध्यान रखना है जरूरी

आस्था दयाल के अनुसार हर महिला लगभग 6 से 10 महीने या उससे अधिक समय के लिए बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं। वह कहती हैं कि “इस दौरान आपको अपने कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। कंडोम का इस्तेमाल सबसे अच्छा आईडिया है या फिर कॉपर टी, प्रोजेस्ट्रोन डिवाइस यूज कर सकती हैं। आप चाहें तो इंजेक्शन भी लगवा सकती हैं। जो हर 3 महीने में लगता है।”

“बर्थ कंट्रोल यानी कि कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स जो हम नॉर्मल दिनों में लेते हैं, वे आप नहीं खा सकती हैं। उसकी जगह आपको एक स्पेशल प्रोजेस्ट्रोन पिल्स पर दी जाती है, उसे खा सकती हैं। इन सभी बारे में आपको अपने डॉक्टर से डिस्कस करना चाहिए। कुछ लोगों की फैमिली अगर कंप्लीट हो चुकी है, तो फिर वह स्टरलाइजेशन सर्जरी के बारे में भी डिस्कस कर सकते हैं।”

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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