पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से सभी महिलाएं अवगत होंगी और ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स में कोई भारी काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे दर्द और बढ़ता है। कई लड़कियों को पीरियड के दौरान अचार खाने या छूने और बालों को धोने से मना किया जाता है। हालांकि इसके लिए तरह-तरह के लॉजिक दिए जाते हैं। पर इनमें से कौन सा सही है और कौन सा मनगढ़ंत, आइए एक्सपर्ट से बात करके स्पष्ट करते हैं।
पीरियड्स और उससे जुड़े ढेर सारे प्रतिबंधों के बारे में जानने के लिए हमने बात की स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट अपोलो दिल्ली और आर्केडी विमन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर डॉ. पूजा दिवान से।
डॉ पूजा कहती हैं, “ये बिल्कुल ही मनगढ़ंत है कि पीरियड के दौरान कोई भी फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। बल्कि पीरियड के समय माइल्ड एक्सरसाइज जरूरी है। ताकि ब्लड फ्लो ठीक से हो सके।
वे आगे कहती हैं, “ऐसे भी कई आंकड़े मौजूद हैं जिसमें महिलाओं ने पीरियड के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन किया है और पीरियड की वजह से उनके प्रदर्शन कोई कमी नहीं देखी गई। भले ही थोड़ा कमजोर महसूस हो, पर महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन में कोई कमी नहीं आई।”
डॉ. पूजा दीवान ने बताया कि पीरियड के दौरान सेक्स के लिए मना किया जाता है, लेकिन पीरियड के दौरान ब्लड फ्लो होने से आपको सेक्स करने में ज्यादा प्लेजर मिलता है।
पीरियड के दौरान कुछ लोगों को ठंडी चीजों जैसे ठंडा पानी, बर्फ, आइस क्रीम जैसे चीजें खाने से ज्यादा दर्द होता है। इसलिए ठंडी चीजों को जितना हो सके खाने से बचें। उनकी जगह गर्म चीजों का सेवन करें। ताकि आपको दर्द से आराम मिल सकें।
कुछ महिलाओं को ज्यादा दर्द महसूस होता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान डॉक्टर आपको सिर्फ हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। इससे आपको दर्द से राहत मिल सकती है। जबकि बहुत हेवी वर्कआउट या कूदने वाली एक्सरसाइज से आपको बचना चाहिए, जो आपके पेल्विक एरिया और पेट पर दबाव डालती हैं।
कई लोगों को वेजाइना को साफ करने का सही तरीका नहीं पता है। वे लोग पीछे से आगे की तरफ साफ करते है। जबकि वेजाइना को आगे से पीछे की तरफ साफ करना चाहिए। ताकि पीछे से स्टूल के बैक्टीरिया आगे आपके वेजाइना में न आ सकें।
पैड का इस्तेमाल कर रही हैं, तो उसे 3 से 4 बार बदलें। अगर टैम्पोन का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो उसे 8 घंटे में जरूर बदलें। इसके अलावा यदि आप मैंस्ट्रुअल कप का प्रयोग कर रहीं है तो उसे पानी में उबाल कर रोगाणु मुक्त करने के बाद ही इस्तेमाल करें।
आपको सिंथेटिक अंडर गारमेंट से बचना चाहिए और उसकी जगह कॉटन के अंडरगारमेंट्स पहनने चाहिए। ये आपके याेनि क्षेत्र में हवा पास होने की सुविधा देते हैं।
यह जरूरी है कि माहवारी से संबंधित किसी भी मिथ पर भरोसा करने से पहले आप विशेषज्ञ से सलाह करें। जो प्रतिबंध पीढ़ियों से लगाए जा रहे हैं, वे सही हो ऐसा जरूरी नहीं। यूएनएफपीए (United Nation Population Fund) के अनुसार पीरियड्स को लेकर कुछ मिथ्स हैं, जिन्हें दूर कर लिया जाना चाहिए।
मेंस्ट्रुअल साइकिल हार्मोनल परिवर्तन की वजह से होता है। अलग-अलग लोगों पर इनका अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ महिलाओं में मूड बदलना इन हार्मोनल परिवर्तनों का एक दुष्प्रभाव है। जबकि कई महिलाओं को मूड में बदलाव का अनुभव नहीं होता है।
वास्तव में मासिक धर्म के बारे में बात न करना अज्ञानता और उपेक्षा का कारण बन सकता है। यह महिलाओं और लड़कियों को पीरियड पोवर्टी और भेदभाव जैसी चीजों के प्रति संवेदनशील बनाता है। यह कमजोर महिलाओं और लड़कियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
कई समुदायों का मानना है कि मासिक धर्म वाली महिलाएं और लड़कियां कुछ खाद्य पदार्थ नहीं खा सकती हैं, जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ। वास्तव में, मासिक धर्म में महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस पर चिकित्सकीय रूप से कोई प्रतिबंध नहीं हैं। आहार प्रतिबंध उनके पोषक तत्वों के सेवन को सीमित करके जोखिम में डाल सकते हैं।
ये कोरी बकवास है। डाॅ पूजा महिला खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहती हैं कि इस मूर्खता के पीछे बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। कई महिला खिलाड़ियों ने पीरियड्स के दौरान भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसलिए इस पर भरोसा न करें और आप अपनी क्षमता के अनुसार छोटे-मोटे काम कर सकती हैं।