इन्टीमेट हेल्थ से जुड़े टॉपिक पर गाहे-बगाहे मिथ्स पैदा होते ही रहते हैं। कारण है कि अधिकांश लोगों को इस तरह के मुद्दों के बारे में बात करने में शर्म आती है। पिछले कुछ दिनों से एक ऐसा ही मिथ हमारे सामने आया मेंस्ट्रुअल कप के बारे में। लोगों का कहना है कि इसके इस्तेमाल से पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स हो सकता है। इस बात की सत्यता की जांच करने के लिए टीम हेल्थशॉट्स ने इसकी पड़ताल की।
यह एक ऐसी स्थिति है जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और आपके पैल्विक अंगों , जैसे मूत्राशय, आंत्र (आंतों), अंडाशय और गर्भाशय (गर्भ) को योनि स्थान तक स्ट्रेच कर देती हैं। पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स होने पर आपको ये लक्षण महसूस हो सकते हैं:
आमतौर पर, यह निम्नलिखित कारणों से होता है:
क्या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से वास्तव में पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स हो जाता है?
मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग बढ़ रहा है, क्योंकि वे एक बार इस्तेमाल होने वाले सैनिटरी पैड और टैम्पोन की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं। साथ ही इन्टीमेट हेल्थ के मद्देनज़र हाइजीनिक भी हैं।
हाल ही में आए अपने एक इंस्टाग्राम वीडियो में, डॉ तनाया नरेंद्र उर्फ dr_cuterus, मेंसट्रुअल कप से जुड़े इस मिथ का भंडाफोड़ करते हुए खुलासा करती हैं, “एक पैल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स आमतौर पर बढ़े हुए दबाव के कारण होता है। प्रोलैप्स होने के कई कारण हैं, लेकिन इस बारे में ऐसा कोई महत्वपूर्ण अध्ययन नहीं है जो मेंसट्रुअल कप के उपयोग को पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स से जोड़ता है।”
”डॉ नरेंद्र इस बारे में सुझाव देती हैं, “जब आप अपना मेंसट्रूअल कप निकाल रही हों, तो सुनिश्चित करें कि कप के ऊपर से सील को तोड़ने के लिए कप के नीचे हमेशा जगह मौजूद हो, ताकि वैक्यूम सील टूट जाए। मेंसट्रूअल कप निकालते हुए पर्याप्त सावधानी रखें और इसे जेंटली ही योनि से बाहर निकालें।”
मेंसट्रूअल कप वेजाइना से बाहर निकालते समय इतना (sunction) नहीं पैदा करता कि इससे पेल्विक ऑर्गन प्रभावित हो। तब भी नहीं जब कप टूटा-फूटा या क्षतिग्रस्त हो। तो डियर लेडीज़ आप बिना किसी टेंशन के मेन्स्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कर सकती हैं और इससे न तो आपकी इन्टीमेट हेल्थ प्रभावित होगी, न ही पर्यावरण को ही नुकसान पहुंचेगा
यह भी पढ़ें: बचपन या टीनएज में मोटे रहे लड़कों के लिए मुश्किल हो सकता है बड़े होकर पिता बनना