उम्र बढ़ने के बाद महिलाओं को मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। हालांकि जीवनशैली में बदलाव के कारण कुछ महिलाएं अर्ली मेनोपॉज (menopause) का भी सामना कर रहीं हैं। मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोन्स में हो रहे बदलाव और एस्ट्रोजेन के गिरते स्तर के कारण बॉडी काफी ज्यादा हीट रिलीज करती है, इसकी वजह से हॉट फ्लैश की स्थिति उत्त्पन होती है। मेनोपॉज के दौरान अचानक गर्मी (Hot Flashes) लगना या रात के समय पसीना आना (Night sweating), दो ऐसी समस्याएं हैं जो आपके डेली रुटीन और नींद में बाधा डालने लगती हैं।
तो क्या इन्हें मैनेज करने के लिए कोला ड्रिंक्स या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (carbonated drinks and menopause) का सेवन सुरक्षित है? आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ। इन असुविधाओं से बचने के लिए महिलाएं कार्बोनेटेड यानि की कोला ड्रिंक्स पीती हैं। उनका मानना है की यह शरीर के तापमान को सामान रखता है और मेनोपॉज (menopause) में नजर आने वाले लक्षण जैसे की हॉट फलैशेज की स्थिति में कारगर होता है। परन्तु क्या एडेड शुगर युक्त कार्बोनेटेड ड्रिंक्स सच में फायदेमंद होते हैं या यह केवल एक अवधारणा है।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट आस्था दयाल से बातचीत की। डॉक्टर ने मेनोपॉज के दौरान हॉट फलैशेज को अवॉइड करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (carbonated drinks and menopause) के सेवन को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं यह कितना सेफ है।
आस्था दयाल कहती हैं की “यह अवधारणा सालों से चली आ रही है की मेनोपॉज के दौरान बॉडी हीट को मेंटेन रखने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (carbonated drinks and menopause) का सेवन करना फायदेमंद है। हो सकता है इसके सेवन से आपको कुछ देर के लिए राहत मिल जाये परन्तु यह लांग टर्म इफ़ेक्ट नहीं देता। इतना ही नहीं इसका सेवन सेहत संबंधी अन्य कई समस्यायों को बढ़ावा देता है।
मेनोपॉज की उम्र 45 से 50 होती है जिस उम्र में महिलाओं की हड्डियों के साथ उनकी त्वचा और शरीर के सभी अंग एजिंग के चपेट में आना शुरू हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें सेहत के प्रति विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि इस दौरान आप एरिएटेड और शुगर युक्त कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करती हैं तो आपकी हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है।
इसके साथ ही 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और इसका प्रभाव उनकी हड्डियों पर पड़ता है। साथ ही जोड़ों एवं हड्डियों से जुडी समस्या जैसे की आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। मेनोपॉज के दौरान मीठे पदार्थों का सेवन हॉट फ्लैशेज को ट्रिगर करता है। इसके साथ ही इससे ब्लड शुगर लेबल तेजी से बढ़ता है जिसकी वजह से भी बॉडी हीट प्रोडूस करती है।
आमतौर पर महिलाएं मेनोपॉज के दौरान त्वचा से जुडी तमाम समस्यायों का सामना कर रही होती हैं। वहीं इस दौरान कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में मौजूद शुगर उनकी इस स्थिती को और ज्यादा खराब कर सकता है। साथ ही इससे पाचन क्रिया पर भी बुरा असर पड़ता है।
हालांकि, आपको इसे मैनेज करने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की जरुरत नहीं है। एक सही लाइफस्टाइल और डाइट को मेंटेन करते हुए आप इस समस्या को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। तो यदि आप भी मेनोपॉज के नजदीक हैं, तो ध्यान रखें की कार्बोनेटेड ड्रिंक को लेकर सालों से चली आ रही अवधारणा बिल्कुल भी सही नहीं है।
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मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेज को अवॉयड करने के लिए सोया, कोकोनट मिल्क, कोकुम जूस, आइस एप्पल, बटरमिल्क को अपनी डाइट में शामिल करें।
यदि आप हॉट फ्लैशेस से राहत पाना चाहती हैं तो कोला ड्रिंक्स की जगह पालक, सेब, केला, ग्रीन टी, ब्रोकली जैसे कूलिंग फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इन सभी खाद्य पदार्थओं में कूलिंग प्रॉपर्टी मौजूद होती है जो शरीर को अंदर से ठंडक प्रदान करती हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार मेनोपॉज के दौरान इमोशनल ब्रेकडाउन या स्ट्रेस आपको हॉट फ्लैशेज को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए अपने आस पास के वातावरण को इतना हो सके उतना शांत रखें। साथ ही स्ट्रेस को मैनेज करना सीखें और उन लोगो के साथ समय बिताएं जिनके साथ आपको बेहतर महसूस होता हो।
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मेनोपॉज के दौरान जितना हो सके उतना ठंडे वातावरण में रहने की कोशिश करें। अपने रूप टेम्प्रेचर को मेंटेन रखें, साथ ही यदि आप रूम में एसी में बैठी हैं, तो तुरंत उठकर गर्मी में न जाएं क्युकी यह आपके हॉट फ्लैशेज को ट्रिगर कर सकता है।
एक्सपर्ट के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन हॉट फ्लैशेस की स्थिति में कारगर होता है। ब्रोकली, पालक, शिमला मिर्च को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही आम, चेरी और बेरी जैसे फलों का सेवन भी शरीर को पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है।
डॉक्टर कहती हैं की यदि हॉट फ्लैशेज काफी फ्रीक्वेंट हैं और आप इसे बर्दास्त नहीं कर पा रही, तो फैरन डॉक्टर से मिलें और सलाह लें। उन्होंने बताया की ऐसी स्थिति में डॉक्टर कुछ सोया प्रोडक्ट्स, एंटीऑक्सीडेंट टैबलेट रेकमेंड करते हैं, जिनमें नेचुरल एस्ट्रोजेन होते हैं। यह हॉट फ्लशेज को कम करते हैं। साथ ही जिनके हॉट फ्लैशेज इससे भी ठीक नहीं होते उन्हें हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी भी देनी पड़ती है।
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