दुनिया भर में बहुत सारे लोग महिलाओं के अंगों के एक खास आकार को लेकर ऑबसेस्ड हैं। वे उसी परफेक्ट फिट में स्त्रियों के अंगों को देखना चाहते हैं। दुर्भाग्य से इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। 36-24-36 की शेप में खुद को लाने के लिए वे न सिर्फ जीतोड़ मेहनत करती हैं, बल्कि कोई भी नुस्खा आजमाने को तैयार हो जाती हैं। ऐसे ही कई नुस्खे हैं ब्रेस्ट साइज (How to increase breast size) बढ़ाने वाले। पर क्या स्तनों का आकार वाकई किसी तरह से बढ़ाया जा सकता है? आइए चेक करते हैं यह सच है मिथ (Myths about breast size) ।
कई चिकित्सा पद्धतियों में ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीज, मेथी और सौंफ को अपने आहार में शामिल करने की बात की जाती है। अलग-अलग प्रकार की दालों और सोयाबीन की सहायता से ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने की बात की जाती है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सही साइज की ब्रा से भी ब्रेस्ट साइज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
पर एलोपैथ के अनुसार, घरेलू उपचार से ब्रेस्ट की साइज को घटाया-बढ़ाया नहीं जा सकता है। एलोपैथ में माना जाता है कि ये सभी कारक साइज को बढ़ाने में सक्षम नहीं होते हैं। इसकी संभावना बहुत कम होती है कि किसी चीज के खाने-पीने से स्तनों का आकार बदल जाएगा।
इसका एक मात्र उपाय ब्रेस्ट इम्प्लांट ही है। पर यह एक महंगी और कुछ साइड इफेक्ट के साथ आने वाली सर्जरी है। इसलिए इसके लिए जाने से पहले इस बारे में अच्छी तरह मालूमात हासिल कर लें।
गायनेकोलॉजिस्ट सृष्टि अरोड़ा के अनुसार सिर्फ कॉस्मेटिक सर्जरी की सहायता से ही ब्रेस्ट साइज को बढ़ाया जा सकता है। सर्जिकल प्रोसेस को ब्रेस्ट इम्प्लांटेशन कहा जाता है। जब तक लड़कियाें की पूरी तरह से ग्रोथ न हो जाए, तब तक किसी भी प्रकार की हड़बड़ी में सर्जरी न कराएं। ब्रेस्ट साइज को लेकर बहुत अधिक नहीं सोचना चाहिए। जीन, हार्मोन, बॉडी वेट और यहां तक कि लाइफस्टाइल के कारण भी लड़कियों की ब्रेस्ट साइज प्रभावित होती है।
डॉ सृष्टि बताती हैं कि स्तनों का आकार जीवन भर बदलता रहता है। प्यूबर्टी से लेकर आपके पूरी तरह मेच्योर होने तक स्तनाें का आकार धीरे-धीरे बढ़ता है। वहीं प्रेगनेंसी के दौरान और स्तनपान के समय भी स्तनों के आकार में वृद्धि होती है। जबकि मेनोपॉज के पास पहुंचते आपके स्तनों में सैगिंग और साइज में कमी आनी शुरू हो जाती है। ये एक नेचुरल प्रोसेस हैं। इसमें किसी भी तरह का अवरोध ठीक नहीं।
यदि आपकी ब्रेस्ट साइज छोटी है, तो इस पर बहुत अधिक सोच-विचार करने की बजाय आपके स्तनों का आकार जैसा भी है, वह आपके लिए खास है। बॉडी पॉजिटिविटी आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार हो सकती है। अगर आप फिर भी संतुष्ट नहीं हैं, तो हम आपके लिए कुछ ऐसे फायदे ले आए हैं, जो सिर्फ छोटे स्तनों वाली महिलाओं को ही मिलते हैं।
यदि आपके ब्रेस्ट छोटे हैं, तो इनके फायदे भी जान लीजिए। इससे आपको कॉन्फिडेंस आएगा।
सैगी ब्रेस्ट यानी कि ढीले या शिथिल स्तन। जब आपके ब्रेस्ट भारी होते हैं, तो ये न सिर्फ नीचे की ओर हैंग करने लगते हैं, बल्कि शिथिल भी होने लगते हैं। यह महिलाओं के लिए बड़ी समस्या खड़ी करता है। हालांकि शिथिलता के पीछे के वैज्ञानिक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। यह माना जाता है कि सही ब्रा पहनने से यह समस्या दूर हो जाती है। पर वास्तव में ऐसा होता नहीं हैं। यदि आपके ब्रेस्ट छोटे हैं, तो आपको इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ब्रेस्ट साइज बड़ा होने पर इनका वजन अधिक हो जाता है। इसके कारण बैक पेन की संभावना अधिक रहती है। उनकी यह तकलीफ सालों भर रह सकती है। आपको ब्रेस्ट साइज के कारण यह समस्या नहीं होगी।
छोटे स्तनों का फायदा आपको सबसे ज्यादा गर्मियों के मौसम में महसूस होगा। जब बड़े स्तनों वाली महिलाएं स्तनों के नीचे स्किन रैश की शिकायत करती हैं। तब आप छोटे स्तनों की वजह से इस समस्या से बची रह सकती हैं। कॉन्फीडेंस को अप करने के लिए आप कभी-कभी पैडेड ब्रा पहन सकती हैं। पर इस विकल्प को हर रोज न अपनाएं।
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