आजकल वेजाइनल हाइजीन के नाम पर मार्केट में तरह-तरह के इंटिमेट वॉश उपलब्ध हैं, जिसे वेजाइनल शैम्पू के नाम से भी जाना जाता है। इन प्रोडक्ट्स को बनाने में ऐसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो हानिकारक बैक्टीरिया का खात्मा कर वेजाइना को संक्रमण से प्रोटेक्ट करने का दावा करते हैं। क्या आपको मालूम है, वेजाइना एक सेल्फ क्लिंजिंग ऑर्गन है? तो आखिर इंटिमेट वॉश या वेजाइनल शैंपू (Vaginal shampoo) की आवश्यकता क्यों पड़ती है? क्या वेजाइनल क्लिंजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सुरक्षित है? आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे इन सभी सवालों के उचित जवाब।
मैत्री वूमेन की संस्थापक और सीके बिरला हॉस्पिटल की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्ट्रेशन डॉ अंजलि कुमार ने वेजाइनल शैंपू से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, वेजाइनल शैंपू का इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं।
इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स जिन्हें फेमिनिन वॉश भी कहा जाता है। महिलाएं इंटिमेट एरिया में स्वच्छता को बनाए रखने, संक्रमण को रोकने और दुर्गंध को कम करने के लिए इनका उपयोग करती हैं। वेजाइनल शैंपू या फेमिनिन वॉश को योनि के प्राकृतिक पीएच संतुलन को बनाए रखने के लिए तैयार किया जाता है, जो थोड़े एसिडिक होते हैं। योनि के बाहरी हिस्से को कभी कभार फेमिनिन वॉश से धोया जा सकता है, लेकिन योनि को नहीं, क्योंकि इसमें बहुत सारे अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जिन्हें धोना नहीं चाहिए।
डॉ. अंजलि कुमार के अनुसार इंटिमेट हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए इंटिमेट वॉश, फेमिनिन वॉश, वेजाइनल शैंपू जैसे किसी भी प्रोडक्ट के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं होती। इनके नियमित इस्तेमाल से कई सारे एलर्जिक रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
वेजाइना एक सेल्फ क्लींजिंग ऑर्गन है, इसमें अच्छे बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं। के बैक्टीरिया वेजाइनल pF को बरकरार रखते हैं और इसे इंफेक्शन से बचाते हैं। ऐसे में इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से खराब बैक्टीरिया के साथ-साथ अच्छे बैक्टीरिया पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शरीर पर इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स के कई सारे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार इन प्रॉडक्ट्स के नियमित इस्तेमाल से इरिटेशन, इचिंग, ड्राइनेस, एलर्जिक रिएक्शन जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इनमें मौजूद हार्श केमिकल और फ्रेगरेंस इन्हें वेजाइना के वातावरण के लिए नुकसानदेह बना देते हैं।
इन प्रोडक्ट्स का ओवर यूज़ कर रही हैं, तो सावधान हो जाए। क्योंकि यह वेजाइना में बैक्टीरिया के बैलेंस को असंतुलित कर देते हैं, जिसकी वजह से इंफेक्शन और इन्फ्लेमेशन का खतरा बढ़ जाता है। वहीं यह धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं।
सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अस्था दयाल ने वेजाइनल हाइजीन मेंटेन करने के कुछ खास टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, इंटिमेट वॉश के अलावा कैसे रख सकते हैं वेजाइनल हाइजीन को मेंटेन।
कॉटन के ढीले कपड़े पहनने से वेजाइना को सांस लेने की आजादी मिलती है और हवा पूरी तरह से वेजाइना तक पहुंच पाती है। ऐसे में पसीना एक ही एरिया में ट्रैप नहीं होती, जिससे कि हानिकारक कीटाणु नहीं पनपते। हल्के कपड़े पहनने से वेजाइनल संक्रमण का खतरा बेहद कम हो जाता है।
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वेजाइनल हेल्थ को मेंटेन करने के लिए हेल्दी बैक्टीरिया की आवश्यकता होती है। प्रोबायोटिक्स आपके आंतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देता है, जो की ब्लैडर स्वास्थ्य को बनाए रखते हुए वेजाइनल संक्रमण से भी बचाव करती हैं। प्रोबायोटिक की उचित मात्रा के लिए दही, कैम्बुचा और अन्य फर्मेंटेड ड्रिंक को अपनी डाइट में शामिल करें।
यदि आप सही सेक्सुअल और मेंस्ट्रूअल हाइजीन मेंटेन कर रही हैं, तो वेजाइना से जुड़े आधे से अधिक समस्या का खतरा कम हो जाता है। सेक्स के पहले और सेक्स के बाद अपनी इंटिमेट एरिया को अच्ची तरह से साफ करना न भूलें। इसके साथ ही प्रोटेक्शन का इस्तेमाल जरूरी है। पीरियड्स में हैं तो लापरवाही न बरतें, हर 4 घंटे पर पैड जरूर बदल लें। लंबे समय तक पैड लगाए रखने से हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है, जो कि संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
वेजाइनल हाइजीन मेंटेन करने के लिए आपको इंटिमेट वॉश का इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है। नियमित साबुन या बॉडी वॉश को पानी के साथ मिलाकर अपनी इंटिमेट एरिया को साफ कर सकती हैं। इन्हें इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सामान्य पानी से अच्छी तरह से साफ कर लें।
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