आप जब सार्वजनिक टॉयलेट या वाशरूम का प्रयोग करना चाहती हैं, तो ज्यादातर समय वहां गंदगी मौजूद रहती है। इससे आपका मन घृणा से भर उठता है और आप यूरीन पास करने से खुद को रोक लेती हैं। कभी-कभार आप नेचर काॅल को पूरा करने के लिए गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल भी कर लेती हैं। नतीजा होता है यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के जोखिम को बुलावा देना। पर कुछ महिलाएं यूटीआई के जोखिम से बचने के लिए पब्लिक टॉयलेट में खड़े होकर या स्क्वाट पॉजिशन में पी करती हैं। आइए जानते हैं ये सेहत के लिए (squatting on toilet seat dangerous) अच्छा है या बुरा?
असल में स्क्वाट दो तरह से किए जाते हैं। एक में आप पूरी तरह ऊकड़ू हो कर बैठ जाते हैं। तो दूसरे प्रकार में कुर्सी पर बैठने जैसा उपक्रम किया जाता है। ये दोनों पोज स्क्वाट और सेमी स्क्वाट कहलाते हैं।
यात्रा के दौरान महिलाओं को झाड़ियों या किसी सुनसान स्थान पर यूरीन पास करते हुए देखा होगा। पर यह अवसर हमेशा आपके हाथ नहीं आ सकता है। साफ़-सफाई के नियमों के विरुद्ध होने के कारण इसे अपनाना भी मुश्किल है। बैठने से आपका यूरीन आसानी से पास हो सकता है। इस विधि से गंदे शौचालय को छू जाने की आशंका से भी बची रहेंगी।
सेमी-स्क्वाट को आप तब फॉलो कर सकती जब आप हर कीमत पर बट-टू-सीट संपर्क से बचना चाहती हैं। टॉयलेट सीट पर बैठने और नहीं बैठने का उपक्रम करती रहती हैं। भारत में आज भी ज्यादातर महिलाएं हर समय इस अवस्था में यूरीन पास करती हैं। वे संभवतः टॉयलेट में मौजूद जर्म से बचने के लिए ऐसा करती हैं।
गायनेकोलोजिस्ट एंड पेडियाट्रिक्स डॉ. रितु सेठी बताती हैं, ‘विषम परिस्तिथियों में सेमी स्कवाट को यूरीन पास करने के लिए अपनाया जा सकता है। हालांकि हर हमेशा सेमी-स्क्वाट में बैठने को प्रियोरिटी नहीं देना चाहिए।
सेमी-स्क्वाट में बैठना प्राकृतिक नहीं है। इस स्थिति में आपका पेल्विक मसल्स प्रभावित हो सकता है और वे कमजोर हो सकते हैं। यह आदत समय के साथ कई दूसरी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। लगातार कई वर्षों तक इस रूप में मूत्र त्याग से मूत्राशय कमजोर हो सकता है। इस स्थिति में यूरीन पास करने से थोडा-बहुत यूरीन ब्लैडर में बचे रहने की संभावना बनी रहती है। इससे संक्रमण का भी खतरा बना रहता है।’
बहुत गंदे दिखने वाले सार्वजनिक टॉयलेट की सीट पर बैठने और यूटीआई को बुलावा देना कठिन जान पड़ सकता है। इसके बावजूद आपको स्क्वाट पॉजिशन में पी करने से बचना चाहिए। ऐसा लगातार करने से आपका मूत्राशय कमजाेर हो सकता है।
यह भी पढ़ें :-Hypervitaminosis D : जानिए क्या है ये दुर्लभ स्थिति जो आपको हरदम थका हुआ महसूस करवाती है