महिलाएं अक्सर प्रेगनेंसी से जुड़ी दुविधाओं में फंसी रहती हैं। कई बार सामाजिक दायरों में बंधकर उन्हें नहीं समझ आता कि उनका अपना हित किस फैसले में है। और कई बार जब वो किसी निष्कर्ष पर होती हैं तब उन्हें विकल्प नहीं नजर आते। लेकिन अब विज्ञान ने इतने ऑप्शन दे दिए हैं कि आप अपने इच्छानुसार प्रेगनेंसी चुन सकते हैं। इन्हीं दो ऑप्शन्स के नाम हैं – बर्थ कंट्रोल पिल्स और बर्थ कंट्रोल शॉट्स। पिल्स के नाम से तो हम सभी परिचित हैं लेकिन क्या बर्थ कंट्रोल शॉट्स भी प्रेगनेंसी रोकने के लिए उतना ही प्रभावी विकल्प है? आज हम यही समझेंगे कि ये शॉट्स हैं क्या और पिल्स और शॉट्स (birth control pills vs shots) में से बर्थ कंट्रोल के लिए सही और हेल्दी ऑप्शन कौन सा है?
बर्थ कंट्रोल पिल्स वे दवाएं हैं जो महिलाओं की अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए हैं। सेक्सुअली एक्टिव कोई भी महिला इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह पर ले सकती हैं। ये पिल्स शरीर के हार्मोन्स को कंट्रोल करते हुए प्रेगनेंसी को कंट्रोल करती हैं।
दरअसल इन पिल्स में कुछ सिंथेटिक हार्मोन्स होते हैं जो हमारे शरीर में नेचुरली पाए जाते हैं। जैसे – एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन। ये हार्मोन्स महिलाओं के ओवरी में गर्भधारण के प्रोसेस को रोकते हैं। इनका नियमित इस्तेमाल किया जाता है।
ये शॉट्स भी एक तरह के हार्मोनल उपाय ही हैं जिनकी वजह से महिलाएं अपनी अनचाही प्रेगनेंसी रोक सकती हैं। इसे आमतौर पर डिपो-प्रोवेरा (Depo-Provera) कहा जाता है।
एम्स पटना में कार्यरत डॉक्टर मुक्ता अग्रवाल बताती हैं कि दरअसल यह प्रोजेस्टिन नाम के एक हार्मोन का इंजेक्शन होता है जो आर्टिफ़िशियली बनाया जाता है।
इस आर्टिफ़िशियल हार्मोन की मदद से महिलाओं को गर्भधारण से निजात मिलती है। इंजेक्शन के तौर पर ये शॉट महिलाओं की ओवरी के काम में दखल देता है और सेक्स के बाद आए शुक्राणुओं को महिलाओं की ओवरी में जाने से रोकता है जिससे महिलाएं प्रेगनेंसी से दूर रहती हैं। इसे हर तीन महीने पर लिया जा सकता है।
डॉक्टर मुक्ता के अनुसार, बर्थ कंट्रोल शॉट का असर तीन महीने तक रहता है। इसका मतलब है कि आपको हर दिन पिल लेने की चिंता नहीं करनी पड़ती। कामकाजी महिलाओं के लिए ये एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। दूसरी ओर बर्थ कंट्रोल पिल्स के साथ ये सुविधा नहीं होती. इसके अलावा इसे हर दिन एक ही समय पर लेने की भी बाध्यता होती है जिस वजह से इसे भूलने के खतरे भी हो सकते हैं और फिर भूलने की सूरत में प्रेगनेंसी दस्तक दे सकती है।
यूके के नेशनल हेल्थ सर्विसेस के अनुसार बर्थ शॉट्स 99 प्रतिशत तक असरदार होते हैं।जबकि बर्थ कंट्रोल पिल्स के असर के चांस इससे थोड़े कम होते हैं। पिल्स को यदि सही तरीके से लिया जाए, तो यह 91-99% प्रभावी होता है और ये आँकड़े तभी ऐसे हैं जब इन्हें नियमित तौर पर लिया जाए।
कुछ महिलाओं के लिए, बर्थ कंट्रोल शॉट पीरियड्स को पूरी तरह से बंद कर सकता है, जिससे कुछ समस्याएं ( Birth control problems) और जन्म ले सकती हैं। शॉट्स महिलाओं के शरीर में हार्मोनल इमबेलेन्स का भी कारण बन सकते हैं। जबकि पिल्स में ऐसे असर की संभावना कम होती है। पिल्स लेने से शॉट के ठीक उलट पीरियड्स रेगुलर हो जाने के चांसेस ज्यादा होते हैं।
इसके अलावा बर्थ कंट्रोल शॉट्स अन्य तरह के साइड इफ़ेक्ट्स भी दे सकते हैं, जैसे – जैसे सिरदर्द, वजन बढ़ना, और मूड स्विंग्स। इनकी तुलना (birth control pills vs shots) में पिल्स से ऐसी समस्याएं कम होती हैं।
बजट के लिहाज से बर्थ कंट्रोल पिल्स ही अधिक फ़्रेंडली हैं। शॉट्स के मुकाबले (birth control pills vs shots) इनकी कीमत काफी कम होती है। शॉट्स भले ही तीन महीने में एक बार लगते हों लेकिन इनकी कीमत ज्यादा होती है और बर्थ कंट्रोल पिल्स नियमित तौर पर खाने के बावजूद शॉट्स से सस्ती होती हैं।
डॉक्टर मुक्ता कहती हैं कि बर्थ कंट्रोल शॉट के इस्तेमाल से ओवरी के काम पर असर पड़ सकता है। इसका असर जाने में समय भी लगता है। अगर आप यह सोचें कि आप शॉट लेना छोड़ कर तुरंत प्रेगनेंट हो जाएंगी तो ये मुश्किल है। शॉट्स के असर की वजह से ओवरी यानी अंडाशय के वापस सामान्य तौर पर काम करने में समय लगता है।
इसके ठीक उलट बर्थ कंट्रोल पिल लेने की सूरत में (birth control pills vs shots) आपको ऐसे असर (birth control pill effects) कम देखने को मिलते हैं। चूंकि ये दवाइयां हल्की होती हैं और इसे आप नियमित तौर पर लेते है, इसलिए इसका असर तुरंत चला जाता है और आप अपने इच्छानुसार प्रेगनेंट हो सकती हैं।
कई महिलाओं के लिए, बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills) हार्मोनल इमबैलेन्स जैसी समस्याओं में भी काम आ सकती है। जैसे कई बार महिलाओं में हार्मोन्स की वजह से चेहरे के बाल बढ़ने लगते हैं, पीरियड्स इरेगुलर हो जाते हैं या फिर चेहरे पर दाने निकलने लगते हैं, बर्थ कंट्रोल पिल्स हार्मोन बैलेंस करके आपको इन समस्याओं से निजात दिला सकती हैं। इसके बरक्स शॉट्स( birth control pills vs shots) केवल प्रेगनेंसी अवॉइड करने के लिए ही बने होते हैं।
हालांकि यह हमेशा ध्यान रखना है कि केवल अतिरिक्त फ़ायदों के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना कोई समझदारी भरा कदम नहीं है। बर्थ कंट्रोल के ये जतन पूरी तरह से सेफ हैं लेकिन फिर भी इन दोनों तरह की दवाइयों को बिना डॉक्टरी सलाह के न लें।
ये भी पढ़ें – क्या गर्भ निरोधक गोलियां अवसाद का कारण बन सकती हैं? एक विशेषज्ञ से जानते हैं
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।
सेChat करें