बड़े शहरों में बढ़ रहे हैं प्रोस्टेट कैंसर के मामले, पार्टनर की सेहत के लिए जरूरी है इसके बारे में जानना

भारत में प्रोस्टेट कैंसर के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह पुरुषों में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर का प्रकार है। अपने पार्टनर की हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है कि आप भी इस गंभीर बीमारी के बारे में जानें।
prostate cancer ke lakshn samjhen
दुनिया भर में पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रोस्टेट कैंसर छठा प्रमुख कारण है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 18 Nov 2022, 09:00 pm IST
  • 125

जब बात परिवार के स्वास्थ्य की आती है, तो आपकी चिंताओं में सब आते हैं। फिर चाहें घर के छोटे बच्चे हों या आपके एजिंग पेरेंट्स। कुछ बीमारियों का उपचार तो आप अपनी रसोई की सामग्री से ही कर लेती हैं। पर कुछ उनमें से इतनी गंभीर होती हैं, जिनके बारे में आप ठीक से जानती भी नहीं हैं। ऐसी ही एक बीमारी है प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)। पुरुषों में होने वाली यह समस्या बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रही है। इंटरनेशनल मेंस डे (International Men’s Day) के अवसर पर आपके लिए भी जरूरी है पुरुषों में होने वाली इस गंभीर समस्या के बारे में जानना। ताकि आप अपने पार्टनर की इसके जाेखिम से बचने में मदद कर सकें।

प्रोस्टेट कैंसर के कारकों और बचाव के बारे में हमने पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम में पारस कैंसर सेंटर के चेयरमैन डॉ. रंगा राव से बात की। लेकिन सबसे पहले जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day-19 november) के बारे में।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day-19 november)

लड़कों और पुरुषों के जीवन, उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाने के लिए विश्व में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) मनाया जाता है। पुरुष राष्ट्र, संघ, समाज, समुदाय, परिवार, विवाह और बच्चों की देखभाल में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए उनके योगदान और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

इसकी शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलकसिंह ने की थी। उन्होंने इस दिन का चुनाव पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था। इसी तारीख को वे पैदा हुए थे।

प्रोस्टेट कैंसर के बारे में क्या कहते हैं आंकड़े

वर्ष 2014 में पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित शालू जैन और सुनीता सक्सेना की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दिल्ली, कोलकाता, पुणे और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े शहरों में पुरुषों में कैंसर का दूसरा प्रमुख जोखिम है प्रोस्टेट कैंसर। यह बंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में कैंसर की तीसरी प्रमुख वजह है। प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) कैंसर का दूसरा सबसे आम कारण है। जबकि दुनिया भर में पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रोस्टेट कैंसर छठा प्रमुख कारण है। दुनिया भर में पीसीए का बोझ 1.7 मिलियन नए मामलों और 2030 तक 499000 लोगों के शिकार होने की संभावना है।

क्या है प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer)

डॉ. रंगा राव कहते हैं, ‘अमूमन अंग विशेष में होने वाले कैंसर को उसी नाम से जाना जाता है। इसी तरह प्रोस्टेट में होने वाले कैंसर को प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। प्रोस्टेट पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी सी ग्रंथि होती है, जो शुक्राणु को पोषण और परिवहन करने वाले सेमिनल द्रव का उत्पादन करती है।

कई मामलों में प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और प्रोस्टेट ग्रंथि तक ही सीमित रहते हैं, जहां वे गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। मगर कुछ प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर आक्रामक होते हैं और जल्दी फैल सकते हैं।’

पोल

क्या महिलाओं को इंटीमेट वॉश का इस्तेमाल करना चाहिए?

क्या हो सकते हैं प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण (prostate cancer symptom)

डॉ. रंगा राव कहते हैं, ‘उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह 50 साल की उम्र के बाद सबसे अधिक होता है। साथ ही मोटापा और आनुवांशिक कारणों से भी प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। शुरुआती चरणों में कोई संकेत या लक्षण नहीं भी मिल सकते हैं।

गंभीर लक्षणों में पेशाब करने में परेशानी, स्लो मोशन में यूरिन पास होना, फ्लो में कमी, पेशाब में खून आना, स्पर्म में ब्लड, बोंस में दर्द, अचानक वजन घटना, इनफर्टिलिटी जैसी समस्या हो सकती है। यदि लगातार इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाएं।’

प्रोस्टेट कैंसर के कारण (prostate cancer causes)

डॉ. रंगा राव कहते हैं, ‘अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रोस्टेट कैंसर किन कारणों से होता है। कुछ मामलों में प्रोस्टेट में कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन करने लगती हैं। ट्रांसफॉर्म हो रहे सेल सामान्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेज़ी से विभाजित होने लगते हैं। असामान्य कोशिकाओं के कारण सामान्य कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं। असामान्य कोशिकाएं ट्यूमर बनाती हैं, जो आस-पास के ऊतकों पर अटैक करने लगती हैं। समय के साथ ये असामान्य कोशिकाएं टूट कर शरीर के अन्य भागों में भी फैलने लगती हैं।’

जानिए प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए क्या किया जा सकता है (prevention of prostate cancer)

1 पोषक तत्वों से भरपूर ताज़े फल और सब्जियां लें (green vegetables and fresh fruits)

फलों और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ आहार चुनें। इनमें कई तरह के विटामिन और पोषक तत्व होते हैं, जो आपको स्वस्थ रख सकते हैं। साबुत अनाज भी खाएं।

poshan me bharpoor hain hari sabjiyan
प्रोस्टेट कैंसर  से बचाव के लिए  पार्टनर को फलों और सब्जियों से भरपूर स्वस्थ आहार दें। चित्र: शटरस्टाॅक

2 सप्लीमेंट की बजाय स्वस्थ आहार लें ( don’t be dependent on supplement)

हमेशा सेहतमंद खाना खाएं। हेल्थ सप्लीमेंट पर हमेशा भरोसा करने की बजाय विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार लें।इससे शरीर में विटामिन के हेल्दी लेवल को बनाए रखने में मदद मिल सकेगी।

3 नियमित व्यायाम करें (exercise daily)

नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है। वजन बनाए रखने में मदद करता है और आपके मूड को बेहतर बनाता है। सप्ताह के अधिकांश दिन व्यायाम करने का प्रयास करें। शुरुआत धीमा ही रखें।

4 वजन बढ़ने नहीं दें ( weight control)

असल में वजन बढ़ने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इसलिए वेट कंट्रोल रखें। यदि वजन कम करने की आवश्यकता है, तो अधिक व्यायाम करें। भोजन के माध्यम से कैलोरी इनपुट पर नियन्त्रण रखें।

Sahi life partner ke liye in baato ka khyaal rakhe
प्रोस्टेट कैंसर  से बचाव के लिए  पार्टनर का  वेट कंट्रोल रखें। चित्र: शटरस्टॉक

5 बिना डॉक्टरी परामर्श के कोई भी दवा न लें (take advice from doctor for any medication)

किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लें। इससे प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें :-स्किन ड्राई और हड्डियां होने लगी हैं कमजोर, तो घट रहा है एस्ट्रोजेन लेवल, यहां हैं इसे बढाने के उपाय

  • 125
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

पीरियड ट्रैकर

अपनी माहवारी को ट्रैक करें हेल्थशॉट्स, पीरियड ट्रैकर
के साथ।

ट्रैक करें
अगला लेख