बरसात के मौसम में किसी भी प्रकार का संक्रमण होना बहुत आम है। यह सब वातावरण में नमी और हयूमिडिटी के कारण होता है। ऐसे में वेजाइनल इन्फेक्शन (Vaginal Infection) होना भी बहुत आम है। यह असामान्य योनि स्राव, खुजली, जलन और बेचैनी के कारण हो सकता है।
योनि में मुख्य रूप से स्वस्थ माइक्रोबायोटा होता है, जब अस्वस्थ माइक्रोबायोटा की कंसिस्टेंसी स्वस्थ बैक्टीरिया से अधिक होती है, तो महिलाओं को योनि संक्रमण हो जाता है क्योंकि इसका सुरक्षात्मक प्रभाव खो जाता है। मूत्रमार्ग और गुदा से योनि की निकटता से इसे और बढ़ाया जाता है। इसके अलावा, खराब वेजाइनक हेल्थ आपकी लो इम्यूनिटी (Immunity) को दर्शाती है।
योनि संक्रमण का इलाज करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह बार-बार होता है। इसलिए, सबसे ज़रूरी है कि खानपान में थोड़े बदलाव किए जाएं, जिससे आप योनि संक्रमण को दूर रख सकें। इस बारे में अधिक जानने के लिए हमने मसीना हॉस्पिटल, मुंबई की सलाहकार प्रसूति रोग और प्रजनन विशेषज्ञ, डॉ. मन्ज़र अल्तमश शेख से बात की।
डॉ. मन्ज़र के अनुसार – फोलेट, बी, सी, ए, ई विटामिन, जिंक और बी कैरोटीन जैसे खनिज वेजाइनल हेल्थ के लिए बिल्कुल अनुकूल होते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिससे म्यूकोसल इम्युनिटी बढ़ती है। फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर एक संतुलित, स्वस्थ आहार,योनि के पीएच को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
वसा से भरपूर आहार बीवी (Bacterial Vaginosis) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। आहार में वसा योनि के पीएच को बढ़ा सकती है और इस प्रकार बीवी की संभावना को बढ़ा सकती है। संतृप्त वसा गट की इम्युनिटी को कम करके भी कार्य कर सकता है। बिना वसा वाले डेयरी उत्पाद में शामिल है दही, पनीर, प्याज, लीक, शतावरी, लहसुन, सोयाबीन और जई आदि।
प्रोबायोटिक्स गट हेल्थ के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। यह गट माइक्रोबायोटा को बनाए रखने में मदद करता है। यह बार – बार होने वाले संक्रमण के जोखिम को कम करता है। इसलिए अपने आहार में प्रोबायोटिक्स युक्त चीज़ें शामिल करें जैसे – दही, किमची, रसदार फल आदि।
हरी पत्तेदार सब्जियों, ताजी सब्जियों का खूब सेवन करें। खूब सारे तरल पदार्थ लेकर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें। ऐसे फल और सब्जियां जिन्हें ठीक से धोया और साफ नहीं किया जाता है, से बचना चाहिए। कच्चा या अधपका मांस या मुर्गी खाने से बचें।
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