कई बॉडी कंडीशन ऐसे होते हैं, जब महिलाओं में सेक्सुअल डिजायर काफी कम हो जाता है। वहीं कई स्थितियां ऐसी होती हैं, जहां महिलाएं अपने सेक्सुअल पीक पर होती हैं। क्या अप इन स्थितियों के बारे में जानती हैं? अगर नहीं, तो आपको इस बारे में जरूर जानना चाहिए। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे आखिर महिलाओं को कब सबसे अधिक सेक्सुअल डिजायर होती है (sexual desire in women)।
सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रॉन और टेस्टोस्टरॉन के स्तर में बदलाव आने से सेक्स ड्राइव में अंतर देखने को मिल सकता है। महिलाओं में ओवुलेशन के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से सेक्स ड्राइव भी बढ़ जाती है। वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने से लिबिडो बढ़ सकता है। खासकर महिलाएं पीरियड्स और उसके बाद अपने सेक्सुअल पीक पर होती हैं।
उम्र में बढ़ी महिलाओं की तुलना में यंग महिलाओं में सेक्स ड्राइव ज्यादा होती है। खासकर मिडिल एज्ड महिलाएं भी सेक्सुअली पीक पर होती हैं। ELSEVIER द्वारा पर्सनालिटी और इंडिविजुअल डिफरेंसेस को लेकर किए गए अध्ययन के अनुसार, 27 और 45 की उम्र की महिलाएं सेक्सुअल एक्टिविटीज के बारे में अधिक सोचती हैं, और इनमें फ्रीक्वेंट सेक्सुअल फैंटेसी होती है साथ ही इनकी सेक्स लाइफ भी एक्टिव होती है।
वहीं प्यूबर्टी के दौरान भी लड़कियों में ओव्यूलेशन होना शुरू होता है, जिसकी वजह से वे अधिक उत्तेजित महसूस करती हैं।
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जब महिलाएं अधिक एक्सरसाइज करती है, या इंटेंस वर्कआउट में शामिल होती हैं, या फिर किसी भी तरह से शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहना शुरू कर देती हैं, तो इससे उनके फिजिकल फिटनेस पर पॉजिटिव असर पड़ता है। साथ ही साथ सेक्स ड्राइव भी बढ़ जाता है। अगर कोई महिला वेट लॉस पर हैं, तो वे अधिक उत्तेजित महसूस कर सकती हैं।
जब कोई भी महिला हेल्दी सेक्सुअल रिलेशनशिप में होती हैं, तो उनका सेक्सुअल डिजायर बढ़ा हुआ नजर आता है। ऐसी महिलाएं अपने लिबिडो में बूस्ट देख सकती हैं। अगर आपके रिलेशनशिप में सेक्स का एक्सपीरियंस प्लेजरेब्ल होता है, तो आपको अधिक फ्रिक्वेंटली सेक्स करने का मन होता है। ठीक इसके विपरित यदि आपका और आपके पार्टनर का रिश्ता अच्छा नहीं है, तो महिलाएं तनाव में रहती हैं। वहीं तनाव लो लिबिडो का एक बड़ा कारण होता है।
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