लॉग इन

बाहर घूमने जा रहीं हैं, तो अपनी वेजाइनल हेल्थ के लिए याद रखें ये टॉयलेट हाइजीन टिप्स 

गर्मी के साथ ही याद आती हैं गर्मी की छुट्टियां और छुट्टियों में घूमने जाना। आप भी इन गर्मियों अगर बाहर घूमने जाने का प्लान कर रही हैं, तो घूमने के दौरान पब्लिक टॉयलेट्स इस्तेमाल करते हुए इन बातों का खास ख्याल रखें।
एक्स के बाद ब्लैडर खली करना जरुरी है।चित्र:शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Updated: 29 Oct 2023, 20:28 pm IST
ऐप खोलें

पब्ल‍िक टॉयलेट (Public toilet) इस्तेमाल करने की वजह से होने वाला इंफेक्शन न केवल टॉयलेट सीट से बल्क‍ि दरवाजे, टॉयलेट पेपर और सोप से भी हो सकता है। इनका यूज करने से हेपेटाइटिस ए (hepatitis A) , ई कोली (E-Coli), स्ट्रेप्टोकोकस (streptococcus) जैसे रोगाणुओं के मौजूद होने की संभावना होती है और स्ट्रेप्टोकोकस संक्रमण हो सकता है। जिसे स्ट्रेप के नाम से जाना जाता है। ये एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो गंदे शौचालयों के इस्तेमाल से फैल सकता है। 

इस संक्रमण के कारण स्ट्रेप थ्रोट (गले में संक्रमण), स्कार्लेट फीवर (लाल बुखार) और त्वचा का संक्रमण आदि हो सकते हैं।  इन संक्रमणों में बुखार, उल्टी और पेट में ऐंठन आदि जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। 

टॉयलेट के पहले और बाद में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करना न भूलें

टॉयलेट सीट यूज करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान 

ज़रूरी है कि टॉयलेट यूज करने से पहले टॉयलेट सी का ढक्कन गिरा कर फ्लश कर लिया जाए और थोड़ी देर बाद पेपर से सीट को पोंछने के बाद ही इसका इस्तेमाल किया जाए। साथ ही टॉयलेट सीट इस्तेमाल करने के बाद सीट का ढक्कन गिरा कर फिर फ़्लश किया जाए।  

हाथ धोने के लिए सिर्फ पानी काफी नहीं, किसी अच्छे एंटी-बैक्टीरियल सोप या लिक्व‍िड का इस्तेमाल करना चाहिए। हाथ साफ होने से पहले अपने चेहरे या बालों पर हाथ लगाने से बचना चाहिए। चलिए जाने कि पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते हुए किन बातों का ध्यान रख किसी भी तरह के संक्रमण से बचा जा सकता है 

1 इंडियन सीट हैं ज्यादा हाइजनिक 

टॉयलेट सीट के सीधे संपर्क से बचने के लिए पश्चिमी शैली के बजाय भारतीय सीट वाले शौचालय को प्राथमिकता दें। यदि आपको इंडियन टॉयलेट न मिले तो वेस्टर्न सीट पर बैठने से पहले टॉयलेट सीट को सही तरीके से पोछ लें ।

2 फ्लश करना न भूलें 

टॉयलेट यूज़ करने के बाद फ़्लश करना न भूलें। साथ ही ध्यान रखें कि फ्लशिंग के दौरान हवा से पैदा होने वाले कीटाणुओं और बैक्टीरिया से संक्रमित होने की संभावना बहुत अधिक होती है। ऐसे में ज़रूरी है कि फ़्लश करने से पहले हमेशा ढक्कन बंद करें, फ्लश बटन को दबाने के लिए एक छोटा टिश्यू पेपर इस्तेमाल करें और उस जगह से जल्दी से बाहर निकलें।

3 हैंड ड्रायर का प्रयोग न करें

हैंड ड्रायर के उपयोग से बचें, यह आपके हाथों को जल्दी से सुखाने की क्षमता रखता है और यही वजह है कि आप इससे आकर्षित होती हैं। पर ध्यान रहे कि गर्म हवा देने वाले इस ब्लो ड्रायर में आसपास की हवा में मौजूद कीटाणुओं को चारों तरफ फैलाने की क्षमता होती है। 

अच्छी तरह से हाथ धोने के बाद अगर आप ड्रायर का इस्तेमाल करती हैं, तो संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। हाथ को सुखाने के लिए टिशू पेपर का उपयोग करें। यात्रा के दौरान अपने पास एक छोटा रूमाल ज़रूर रखें।

हैंड वॉश या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल है ज़रूरी हैं। चित्र : शटरस्टॉक

4 हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें

हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग ज़रूर करें। ये हैंडवॉश से कहीं ज़्यादा कारगर होते हैं और बेहतर ढंग से कीटाणुओं पर वार करते हैं।

यह भी पढ़ें:क्या छोटी बच्चियों को भी हो सकता है यूटीआई? तो जवाब है हां, जानिए कैसे

शालिनी पाण्डेय

...और पढ़ें

अगला लेख