ठंड का मौसम कई बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है, विशेष रूप से इस मौसम वातावरण में ह्यूमिडिटी कम हो जाती है और शुष्क हवाएं (dry air) चलने लगती हैं। जिसकी वजह से ड्राइनेस की समस्या आम हो जाती है। ड्राइनेस केवल आपकी त्वचा एवं बालों की सेहत को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह आपकी योनि स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। आमतौर पर ठंड में होने वाली योनि ड्राइनेस को “विंटर वेजाइना” (winter vagina) भी कहा जाता है। इस मौसम योनि ड्राई हो जाती है, जिसकी वजह से वेजाइना से जुड़ी कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ठंड के मौसम अपनी योनि स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहें (vaginal care in winter)।
डॉ. मीनाक्षी बंसल, सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली ने ठंढ के मौसम में योनि में होने वाली समस्यायों से जुडी कुछ जरुरी जानकारी शेयर की है। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (vaginal care in winter)।
ठंड के महीनों में बढ़ते वेजाइनल ड्राईनेस को विंटर वेजाइना (winter vagina) कहा जाता है (vaginal care in winter)। यदि आपको वेजाइना के आसपास की स्किन में ड्राइनेस महसूस हो रही है, या योनि में इरिटेशन महसूस हो रहा, तो इसका कारण तापमान में गिरावट हो सकता है। इस स्थिति में ल्युब्रिकेशन की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से सेक्सुअल एक्टिविटी परफॉर्म करना मुश्किल हो जाता है। वहीं ड्राइनेस के कारण योनि संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
सर्दियों में ठंड का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि महिलाओं में वेजाइनल हेल्थ पर भी पड़ता है। इसलिए ठंड के मौसम में वेजाइना की सेहत का ध्यान रखना जरुरी है।
सर्दियों में यूटीआई और फंगल इंफेक्शन जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड में लोग कपड़े बदलने या पसीना साफ करने में लापरवाही करना शुरू कर दते हैं।
ठंडे मौसम में लोग शारीरिक गतिविधियों में कम भाग लेते हैं, जिसकी वजह से उन्हें प्यास नहीं लगती। ऐसे में शरीर में पानी की कमी होने से बॉडी डिहाइड्रेटेड हो सकती है, जिससे वजाइनल ड्राइनेस की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा जिस प्रकार ठंडी हवाएं त्वचा की नमी छीन लेती हैं, ठीक इसी प्रकार वातावरण में बढ़ता ठंड योनि को भी ड्राई बना सकता है। ड्राई वेजाइना सेक्स के दौरान असहजता और जलन का कारण बन सकता है।
ठंड के मौसम में त्वचा में ड्राइनेस बढ़ने के कारण वेजाइना की स्किन रूखी और ड्राई हो जाती हैं, जिसकी वजह से खुजली महसूस हो सकता है।
डॉ. मीनाक्षी बंसल कहती हैं “वेजाइनल ड्राइनेस से होने वाली योनि संबंधी समस्यायों से बचाव के लिए वेजाइना में मॉइस्चर मेंटेन करना जरुरी है। एक दिन बिच करके या रोजाना कोकोनट ऑयल की कुछ बूंदों से वेजाइना के बाहरी हिस्सों को मसाज कर सकती हैं। कोकोनट ऑयल योनि में नमी बनाए रखने में मदद करता है। वहीं कोकोनट ऑयल में एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो ड्राइनेस के कारण होने वाले संक्रमण के खतरे को कम कर देती है।”
“सर्दियों में सेक्स के दौरान अच्छे से प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें, सेफ सेक्स प्रैक्टिस करें साथ ही साफ-सफाई औऱ हाइड्रेशन का भी खास ध्यान रखें। नियमित रूप से वॉश करें, सूती कपड़े पहनें, और अगर किसी भी तरह की जलन, खुजली या असामान्यता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।”
गर्म पानी योनि में बचे हुए नेचुरल ऑयल को भी छीन सकती है। इसलिए ठंड के मौसम में भी सामन्य पानी से नहाएं, यदि चाहें तो पानी को हल्का गुनगुना कर सकती हैं।
शुष्क योनि से निपटने के लिए ल्युब्रिकेंट और योनि मॉइस्चराइजर का उपयोग कर सकती हैं। हलांकि, केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की जगह कोकोनट और आलमंड ऑयल जैसे हेल्दी और नेचुरल विकल्प का चयन अधिक फायदेमंद रहेगा। इस प्रकार ड्राइनेस कम हो जाता है, साथ ही यह सेक्सुअल एक्टिविटीज के दौरान फ्रिक्शन को कम कर देता है, जिससे की किसी भी प्रकार के चोट का खतरा कम हो जाता है। वहीं योनि में मॉइस्चर मेंटेन रहने से संक्रमण नहीं होता।
“वसायुक्त या मीठे खाद्य पदार्थों और शराब का अधिक सेवन न करें क्योंकि ये खाद्य पदार्थ योनि के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और शुष्कता का कारण बन सकते हैं। अत्यधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) और योनि यीस्ट संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।”
प्रोबायोटिक्स आपके योनि स्वास्थ्य के लिए कई रूपों में फायदेमंद साबित हो सकता है। प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों में आंतों में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया और ब्लैडर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इस प्रकार ये आपकी योनि संबंधी समस्याओं को दूर रखने में मदद करते है।
सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं, जिससे योनि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी है। वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, साथ ही हर्बल टी, ग्रीन टी और लेमन टी का भी सेवन कर सकती हैं।
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