गर्भवती महिला जो भी खा ती है, उसका प्रभाव, गर्भावस्था के समय और स्तनपान के दौरान बच्चे के विकास और उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। आहार के साथ प्रोटीन का सेवन वास्तव में गर्भ में बच्चे के जीन या डीएनए को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए हर चरण में एक महिला के लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोटीन में अमीनो एसिड होते हैं और ये न्यूरोट्रांसमीटर, हार्मोन, मेटाबॉलिक प्रतिक्रियाओं के लिए एंजाइम और अन्य सेल-सिग्नलिंग मॉड्यूलस बनाने के लिए आवश्यक हैं। हम जानते हैं कि प्रोटीन गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान होने वाली माताओं के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रोटीन मूल रूप से अमीनो एसिड नामक बिल्डिंग ब्लॉक्स से बने होते हैं। हमारे पूरे जीवनकाल में कोशिका वृद्धि (cell growth) और विकास के लिए अमीनो एसिड आवश्यक हैं। प्रोटीन न केवल हमारे अंगों, बल्कि हमारी त्वचा, बाल और हमारे शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की मूल संरचना का निर्माण करते हैं। अगर हम कम मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो हम मांसपेशियों की ताकत को खो सकते हैं और कमजोर हो सकते हैं।
फर्टिलिटी के लिए प्रोटीन कितना जरूरी है ये हमें बताया न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह ने “एक महिला का सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स लेना बहुत जरूरी है। इससे आपके शरीर में एक संतुलन बना रहता है और आप जंक फूड व अपौष्टिक आहार (Unhealthy Food) से बचे रहते है। जो आपके इंसुलिन को भी संतुलित करने में मदद करता है। क्योंकि बेहतर फर्टिलिटी के लिए इंसुलिन का बेहतर होना जरूरी है। इंसुलिन के असंतुलन की वजह से इनफर्टीलिटी, PCOS, हार्मोन इन बैलेंस, थायराइड की समस्या हो सकती है।
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो महिलाएं अधिक प्रोटीन खाती हैं उनमें कम प्रोटीन खाने वालों की तुलना में ओव्यूलेटरी इनफर्टिलिटी का काफी अधिक खतरा होता है, जो लोग प्रति दिन औसतन 115 ग्राम प्रोटीन खाते थे, उनमें ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी की संभावना उन लोगों की तुलना में 41% अधिक थी, जो प्रति दिन केवल 77 ग्राम प्रोटीन खाते थे।
Nurses’ Health Study का विश्लेषण हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किया गया है। इस अध्ययन में, पशु प्रोटीन की बढ़ती खपत – साथ ही कुल प्रोटीन का सेवन – ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था।
ओव्यूलेटरी इनफर्टिलिटी के बढ़ते जोखिम के लिए ज्यादातर रेड मीट और चिकन को जिम्मेदार ठहराया गया था। दिलचस्प बात यह है, कि मछली का सेवन ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के लिए जोखिम नहीं था, और प्लांट प्रोटीन भी इसकी तुलना में सुरक्षित थे।
प्लांट प्रोटीन की बात करते हुए, हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने कैलोरी को स्थिर रखते हुए पशु प्रोटीन के बजाय प्लांट प्रोटीन खाने के प्रभाव को भी देखा। 25 ग्राम पशु प्रोटीन को 25 ग्राम प्लांट प्रोटीन के साथ बदलने से ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी के जोखिम को 50% कम देखा गया।
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन के अनुसार व्यस्कों को प्रतिदिन शरीर के वजन के प्रत्येक किलोग्राम के लिए कम से कम 0.8 ग्राम प्रोटीन या शरीर के वजन के प्रत्येक 20 पाउंड के लिए 7 ग्राम से अधिक प्रोटीन चाहिए होता है। 140 पौंड व्यक्ति के लिए प्रत्येक दिन लगभग 50 ग्राम प्रोटीन, और 200 पौंड व्यक्ति के लिए प्रत्येक दिन लगभग 70 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है।
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