आजकल पीरियड्स के दौरान भी महिलाएं अपनी फिटनेस रूटीन को स्किप नहीं करती हैं। हालांकि, इस दौरान कम इंटेंसिटी वाले एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करने में कोई बुराई नहीं है। परंतु कई फिटनेस फ्रीक महिलाएं ऐसी हैं, जो पीरियड्स में भी इंटेंस वर्कआउट करती हैं। यह सही है कि पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज करना पूरी तरह से महिला की व्यक्तिगत शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। परंतु बॉडी के कुछ फंक्शन ऐसे होते हैं, जो एक समान रूप से काम करते हैं। ऐसे में इनके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ समग्र सेहत पर भारी पड़ सकती है।
पीरियड के दौरान एक्सरसाइज करना गलत नहीं है, परंतु कई बार इंटेंस एक्सरसाइज (High intensity workout during periods) के कारण आपके पीरियड्स फ्लो और टाइमिंग पर असर पड़ता है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि पीरियड के दौरान कितनी एक्सरसाइज उचित है।
इस विषय पर हेल्थशॉट्स ने प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली की कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गयनाेकोलोजिस्ट, डॉ रश्मि बालियान से बातचीत की। उन्होंने पीरियड्स के दौरान हाई इंटेंसिटी वर्कआउट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताईं (High intensity workout during periods)। आइए जानते हैं उसके बारे में थोड़ा विस्तार से।
एक्सपर्ट के अनुसार पीरियड्स के दौरान इंटेंस एक्सरसाइज़ करना कई महिलाओं के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन सभी महिला के लिए यह सुरक्षित हो, ऐसा मुमकिन नहीं है। हर महिला का मेंस्ट्रूयल साइकल अलग होता है। आयु, सेहत और फिटनेस लेवल आदि चीजों की वजह से भी मेंस्ट्रयल साइकल पर प्रभाव पड़ता है।
इसी वजह से पीरियड्स के दौरान इंटेंस एक्सरसाइज़ करना कुछ महिलाओं के लिए सुरक्षित है तो कुछ के लिए नहीं। पीरियड्स में एक्सरसाइज करने से पहले देख लें कि आपका शरीर इसके लिए सक्षम है या नहीं।
सामान्य तौर पर पीरियड्स के दौरान हल्की से मध्यम स्तर की एक्सरसाइज़ लाभदायक होती है। हल्की एक्सरसाइज और योग ऐंठन को कम करने, मूड को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने में मदद करती है। हालांकि, जिन महिलाओं में पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है या उन्हें अधिक दर्द होता है, तो उन्हें कभी भी इंटेंस एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए।
वहीं आम महिलाएं भी जब पीरियड्स में हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करती हैं, तो आपके हॉर्मोन्स असंतुलित होने लगते हैं।
इसके साथ ही जब आप पीरियड्स में नहीं होती हैं, तब भी कभी कभार आपको ब्लीडिंग होने लग जाता है। इसके साथ ही सामान्य दिनों की तुलना में पीरियड्स में ब्लड फ्लो भी बढ़ जाता है। वहीं कई लोगों का फ्लो बिल्कुल हल्का हो जाता है और कुछ लोगों का पीरियड्स भी स्किप हो जाता है।
डॉक्टर के अनुसार जो महिलाएं पीरियड्स के दौरान इंटेंस वर्कआउट या सामान्य एक्सरसाइज़ भी करती हैं, तो उन्हे कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें और अपने शरीर के संकेतों को समझें। अगर आप पीरियड्स के दौरान इंटेंस एक्सरसाइज़ करती हैं और उस दौरान आपको दर्द या बेचैनी का अनुभव हो रहा हैं, तो फौरन इसे रूक दें और अगली बार हल्की और धीमी एक्सरसाइज करें।
इस दौरान उपयुक्त कपड़े पहनें और ऐसी गतिविधियों से बचें जिनसे चोट लगने का खतरा ज्यादा हो जैसे कि कूदना, दौड़ना, वेट लिफ्टिंग।
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यदि देखा जाए तो पीरियड्स के दौरान इंटेंस एक्सरसाइज़ की सुरक्षा प्रत्येक महिला की व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करती है। जैसे कि कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान कम तो कुछ को अधिक दर्द का अनुभव होता है। वहीं कई ऐसी महिलाएं हैं जो इस दौरान बेड से उठ भी नहीं पाती तो कुछ ऐसी जिन्हें इसका ज्यादा असर नहीं होता।
ऐसे में इस दौरान अपनी परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एक्सरसाइज़ करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें। खासकर अगर आपके मेंस्ट्रूयल साइकल में कोई परेशानी है, तो आपको किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. इंटेंस एक्सरसाइज की जगह कम मूवमेंट वाली गतिविधियां जैसे कि पिलेट्स, रोलिंग और स्ट्रैचिंग करना ज्यादा उचित रहेगा।
2. इंटेंस एक्सरसाइज और वर्कआउट की जगह योग और मेडिटेशन में भाग लेने से पीरियड के दर्द से भी राहत मिलेगी और आपका फ्लो भी सामान्य रहेगा।
3. आम दिनों में रनिंग पर जाती हैं, तो पीरियड्स के दौरान आपके लिए वॉक करना ज्यादा उचित रहेगा।
4. पीरियड्स में हैं तो खुद को 1 से 2 दिन का आराम देना गलत नहीं है। ऐसा करने से आपके फिटनेस पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा बल्कि आपके हॉर्मोन्स संतुलित रहेंगे।
5. पीरियड्स के दौरान किसी भी शारीरिक गतिविधि में भाग लेने से पहले अपने एनर्जी लेवल को सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है।
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